
नई दिल्ली, 14 सितंबर 2025: ग्रामीण भारत की दशा और दिशा बदलने वाली प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना (PMGSY) ने अब तक 1.83 लाख से अधिक ग्रामीण सड़कों का निर्माण कर दिया है। इन सड़कों की कुल लंबाई 7,83,727 किलोमीटर है। इसके साथ ही 9,891 पुल भी बनाए गए हैं। इससे देशभर के ग्रामीण इलाकों की कनेक्टिविटी में ऐतिहासिक सुधार हुआ है।
सरकार द्वारा रविवार को जारी आधिकारिक जानकारी के मुताबिक, यह योजना न केवल गांवों को सड़कों से जोड़ रही है बल्कि शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं तक पहुंच आसान बना रही है। साथ ही, इसने कृषि और गैर-कृषि दोनों क्षेत्रों में रोजगार के नए अवसर खोले हैं। किसानों को अब अपनी उपज का बेहतर मूल्य मिल रहा है, जिससे ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती मिल रही है।
अगस्त 2025 तक 1.91 लाख सड़कें और 12,146 पुल स्वीकृत
ग्रामीण विकास मंत्रालय के बयान में बताया गया कि अगस्त 2025 तक पीएमजीएसवाई के अंतर्गत कुल 1.91 लाख ग्रामीण सड़कें (8,38,611 किलोमीटर) और 12,146 पुल स्वीकृत किए गए हैं। योजना का मुख्य उद्देश्य है—असंबद्ध बस्तियों को सर्व-मौसमी (All-weather) सड़क सुविधा से जोड़ना।
इस पहल ने दूरस्थ गांवों को भी मुख्यधारा से जोड़ दिया है। अब ग्रामीण छात्र-छात्राएँ आसानी से स्कूल और कॉलेज तक पहुँच पा रहे हैं, वहीं स्वास्थ्य सेवाएँ भी नज़दीक आई हैं।
गरीबी उन्मूलन में अहम भूमिका
सरकार का दावा है कि पीएमजीएसवाई ने न केवल सड़कें बनाई हैं बल्कि गरीबी कम करने में भी महत्वपूर्ण योगदान दिया है।
- ग्रामीण युवाओं को अब कस्बों और शहरों तक बेहतर कनेक्टिविटी मिली है, जिससे रोजगार और व्यापार के अवसर बढ़े हैं।
- छोटे किसानों और ग्रामीण उत्पादकों को अपनी फसल व सामान को मंडियों और बाज़ारों तक पहुँचाने में आसानी हुई है।
- ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य व शिक्षा सेवाओं की पहुँच बेहतर हुई है।
2025-26 के लिए 19,000 करोड़ का बजट
इस योजना को लेकर सरकार का फोकस लगातार बढ़ रहा है। वित्त वर्ष 2025-26 में पीएमजीएसवाई को 19,000 करोड़ रुपये का बजट आवंटित किया गया है।
इससे न केवल नए सड़क निर्माण होंगे बल्कि पहले से बनी सड़कों के रखरखाव और गुणवत्ता सुधार पर भी जोर दिया जाएगा।
सरकारी अधिकारियों के मुताबिक, बजट में वृद्धि इस बात का प्रमाण है कि केंद्र सरकार ग्रामीण बुनियादी ढांचे को मजबूत करने और आर्थिक अवसरों को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है।
गांवों की कनेक्टिविटी बनी विकास का आधार
विशेषज्ञों का मानना है कि सड़क संपर्क ही गांवों की तरक्की की पहली शर्त है। प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना ने साबित किया है कि मजबूत सड़क नेटवर्क से ग्रामीण इलाकों में शिक्षा, स्वास्थ्य, कृषि और उद्योग—हर क्षेत्र में प्रगति होती है।
योजना ने देश के लाखों लोगों की ज़िंदगी को सीधे प्रभावित किया है और यह ग्रामीण भारत को आत्मनिर्भर और विकसित बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है।