
देहरादून, 10 नवंबर 2025: राज्य में आपदा राहत और सामाजिक उत्तरदायित्व की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए भारतीय जीवन बीमा निगम (LIC) ने मुख्यमंत्री राहत कोष के लिए ₹1 करोड़ का चेक मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को भेंट किया। सोमवार को मुख्यमंत्री आवास, देहरादून में हुई इस मुलाकात के दौरान एलआईसी के वरिष्ठ अधिकारियों ने मुख्यमंत्री से शिष्टाचार भेंट की और संस्था की ओर से राहत कार्यों में सहयोग का संकल्प दोहराया।
“आपदा की घड़ी में एलआईसी जैसी संस्थाएँ देती हैं भरोसा” – सीएम धामी
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने एलआईसी के इस योगदान की सराहना करते हुए कहा कि समाज के प्रति उत्तरदायित्व निभाने वाली संस्थाएँ ही वास्तविक विकास की साझेदार होती हैं। उन्होंने कहा,
“राज्य में संकट की घड़ी में जब भी जरूरत होती है, एलआईसी जैसी संस्थाएँ आगे बढ़कर सहयोग का उदाहरण प्रस्तुत करती हैं। यह राशि आपदा प्रभावितों और जरूरतमंदों की सहायता में सार्थक योगदान देगी।”
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार पारदर्शिता, संवेदनशीलता और त्वरित कार्रवाई के साथ राहत एवं पुनर्वास कार्यों को प्राथमिकता के आधार पर संचालित कर रही है। उन्होंने कहा कि एलआईसी जैसी संस्थाओं की सामाजिक भागीदारी से शासन के प्रयासों को गति मिलती है और समाज में आपसी सहयोग की भावना सुदृढ़ होती है।
एलआईसी ने जताई राज्य के विकास में निरंतर सहयोग की प्रतिबद्धता
एलआईसी के अधिकारियों ने मुख्यमंत्री को आश्वस्त किया कि संस्था आगे भी उत्तराखंड के विकास कार्यों और आपदा प्रबंधन गतिविधियों में सहयोग जारी रखेगी। उन्होंने कहा कि एलआईसी न केवल वित्तीय सुरक्षा देने वाली संस्था है, बल्कि देश के सामाजिक ताने-बाने को मजबूत करने में भी सक्रिय भूमिका निभा रही है।
संस्था की ओर से कहा गया कि उत्तराखंड जैसे आपदा-संवेदनशील राज्य में राहत, पुनर्वास और जनकल्याणकारी कार्यों में योगदान देना एलआईसी का नैतिक कर्तव्य है।
मुख्यमंत्री ने सराहा एलआईसी का ‘सामाजिक उत्तरदायित्व मॉडल’
मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि एलआईसी ने अपने कॉरपोरेट सोशल रिस्पॉन्सिबिलिटी (CSR) के माध्यम से लगातार यह दिखाया है कि “लाभ कमाने के साथ-साथ समाज के प्रति कर्तव्य निभाना ही सच्चे अर्थों में संस्थागत सेवा है।”
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार भी चाहती है कि अधिक से अधिक निजी और सार्वजनिक संस्थान आपदा राहत, शिक्षा, स्वास्थ्य और ग्रामीण विकास जैसे क्षेत्रों में सक्रिय रूप से योगदान दें।
‘आपदा से राहत’ के लिए सरकारी तंत्र का पारदर्शी दृष्टिकोण
मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर यह भी कहा कि राज्य सरकार राहत और पुनर्वास की प्रत्येक प्रक्रिया को अधिक पारदर्शी, उत्तरदायी और तकनीक-आधारित बना रही है।
उन्होंने बताया कि हाल के वर्षों में मुख्यमंत्री राहत कोष के माध्यम से हजारों जरूरतमंद परिवारों को आर्थिक सहायता प्रदान की गई है और प्रत्येक सहायता का उपयोग सीधे लाभार्थियों तक सुनिश्चित किया गया है।
साझा प्रयासों से बनेगा सशक्त उत्तराखंड
मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि 2047 तक भारत को विकसित राष्ट्र बनाने के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संकल्प में उत्तराखंड की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि “सरकार के प्रयास तभी सफल होंगे जब समाज के सभी वर्ग—संस्थान, उद्योग, संगठन और आम नागरिक—अपनी भूमिका को समझें और आगे आएं।”
बैठक में मौजूद अधिकारी और प्रतिनिधि
इस अवसर पर एलआईसी के जोनल मैनेजर पी.एस. नेगी, एसडीएम एलआईसी एस.बी. यादव, महेश सिंह मेहरा, और राज्य सरकार के अपर सचिव मनमोहन मैनाली उपस्थित थे। बैठक के दौरान मुख्यमंत्री और एलआईसी अधिकारियों के बीच राज्य में आपदा प्रबंधन, सामाजिक सुरक्षा और आर्थिक सशक्तिकरण से जुड़े विभिन्न विषयों पर चर्चा हुई।
संवेदनशील प्रशासन और जिम्मेदार संस्थाओं का संगम
देहरादून में आयोजित यह मुलाकात न केवल एक आर्थिक सहयोग का प्रतीक थी, बल्कि यह राज्य में संवेदनशील प्रशासन और सामाजिक उत्तरदायित्व के सुंदर संगम का उदाहरण भी बनी।
मुख्यमंत्री धामी ने अंत में कहा, “सरकार और संस्थाओं की यह साझेदारी ही उत्तराखंड को आत्मनिर्भर, सुरक्षित और सशक्त बनाएगी। हर सहयोग, हर योगदान एक नई उम्मीद को जन्म देता है।”



