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उत्तराखंड को केंद्र से 615 करोड़ की विशेष पूंजीगत सहायता, पहली किश्त में 380.20 करोड़ जारी

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देहरादून/नई दिल्ली: उत्तराखंड के बुनियादी ढांचे और विकास परियोजनाओं को गति देने के उद्देश्य से केंद्र सरकार ने राज्य को ₹615 करोड़ की विशेष पूंजीगत सहायता (Special Assistance for Capital Investment – SACI) मंजूर की है। इस सहायता के तहत पहली किश्त में ₹380.20 करोड़ की राशि राज्य को जारी कर दी गई है।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस महत्वपूर्ण वित्तीय सहयोग के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्र सरकार का आभार जताया। उन्होंने कहा, “प्रधानमंत्री जी के विज़न के अनुरूप यह दशक उत्तराखंड के विकास का दशक बने, इसके लिए राज्य सरकार पूरी प्रतिबद्धता के साथ कार्य कर रही है। इस दिशा में केंद्र का यह सहयोग अत्यंत सराहनीय है।”

किन योजनाओं को मिला लाभ?

राज्य सरकार द्वारा 2025-26 के लिए कुल 37 परियोजनाओं के लिए विशेष सहायता की मांग की गई थी, जिनकी कुल अनुमानित लागत ₹619.42 करोड़ थी। अब इन परियोजनाओं के लिए ₹615 करोड़ की स्वीकृति दी गई है।

प्रमुख परियोजनाओं में शामिल हैं:

  • ₹218.45 करोड़राजकीय मेडिकल कॉलेजों के निर्माण हेतु
  • ₹70 करोड़सौंग बांध पेयजल परियोजना के लिए
  • ₹36.18 करोड़घाटों, नहरों पर बायपास सड़क व ड्रेनेज निर्माण
  • ₹10 करोड़छह पुलिस थानों और 14 रिपोर्टिंग चौकियों के भवन निर्माण के लिए
  • ₹10 करोड़U-Hub स्टार्टअप केंद्र की स्थापना हेतु
  • ₹35 करोड़जलापूर्ति और सीवरेज प्रबंधन योजनाएं
  • ₹47.33 करोड़विद्युत पारेषण लाइनों के लिए
  • ₹82.74 करोड़उच्च और तकनीकी शिक्षा संस्थानों के निर्माण हेतु
  • ₹25 करोड़आधुनिक ISBT व कार्यशाला निर्माण
  • ₹34.72 करोड़डाकपत्थर बैराज और इच्छाड़ी बांध के पहुंच मार्ग
  • ₹45.58 करोड़देहरादून में आढ़त बाजार पुनर्विकास, ऋषिकेश में मल्टीलेवल पार्किंग और विद्युत वितरण नेटवर्क का भूमिगतकरण

केंद्र की योजना SACI के तहत हुआ अनुमोदन

यह सहायता केंद्र सरकार की “Special Assistance to States for Capital Investment (SACCI)” योजना के तहत दी गई है, जिसका उद्देश्य राज्यों को पूंजीगत व्यय के लिए प्रेरित करना और बुनियादी ढांचे को मजबूती देना है।

वित्त मंत्रालय द्वारा राज्य सरकार को भेजे गए पत्र में इस सहायता की मंजूरी की पुष्टि की गई है। सरकार का मानना है कि इन परियोजनाओं से राज्य की आधारभूत संरचना में गुणात्मक सुधार आएगा और निवेश तथा आजीविका के नए अवसर सृजित होंगे।

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