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उत्तराखंड आपदा: एनडीएमए ने लगातार दूसरे दिन की समीक्षा, रेस्क्यू में हरसंभव मदद का भरोसा

धराली में ग्राउंड जीरो पर राहत-बचाव कार्यों की प्रगति, चुनौतियों और संसाधनों पर मंथन; डॉप्लर राडार और विशेष वित्तीय प्रावधानों का भी ऐलान

देहरादून, 09 अगस्त 2025 | संवाददाता —उत्तराखंड के आपदा प्रभावित क्षेत्रों में राहत और बचाव कार्यों की समीक्षा के लिए राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (NDMA) ने शुक्रवार को लगातार दूसरे दिन बैठक की। गृह मंत्रालय, भारत सरकार के विभागाध्यक्ष एवं सदस्य सचिव राजेंद्र सिंह ने धराली और आसपास के इलाकों में ग्राउंड जीरो पर चल रहे अभियानों की जानकारी ली और राज्य सरकार से सड़कों, संचार और बिजली आपूर्ति बहाल करने के प्रयासों पर चर्चा की।

राजेंद्र सिंह ने आश्वस्त किया कि एनडीएमए और भारत सरकार की ओर से राज्य को जो भी सहायता चाहिए होगी, उसे सर्वोच्च प्राथमिकता पर उपलब्ध कराया जाएगा। उन्होंने केंद्रीय एजेंसियों को आपसी समन्वय के साथ त्वरित गति से रेस्क्यू ऑपरेशन चलाने के निर्देश दिए।

रेस्क्यू में सबसे बड़ी बाधा—सड़क अवरुद्ध

राज्य आपदा प्रबंधन सचिव विनोद कुमार सुमन ने बताया कि कई स्थानों पर सड़क अवरुद्ध होने से मानव संसाधन और उपकरण प्रभावित इलाकों तक समय पर नहीं पहुंच पा रहे हैं। ऐसे में वायुसेवा के जरिए हर्षिल घाटी और आसपास के क्षेत्रों में फंसे लोगों को निकालकर उनके गंतव्य तक भेजा जा रहा है।

धराली में राहत कार्यों के लिए डोजर, ग्राउंड पेनेट्रेटिंग रडार और अन्य उपकरण वायु सेना के MI-17 और चिनूक हेलिकॉप्टर से एयरलिफ्ट कर भेजे जा रहे हैं।

कमांड पोस्ट और सेक्टर आधारित तैनाती के निर्देश

राजेंद्र सिंह ने मिलिट्री एंड सिविल कमांड पोस्ट तथा इंसिडेंट कमांड पोस्ट को जल्द सक्रिय करने के आदेश दिए। प्रभावित क्षेत्रों को सेक्टर में बांटकर प्रत्येक सेक्टर में राहत दलों की तैनाती सुनिश्चित करने पर जोर दिया।

बैठक में एनडीएमए के सदस्य लेफ्टिनेंट जनरल सैयद अता हसनैन, मेजर जनरल सुधीर बहल, कर्नल केपी सिंह, कर्नल नदीम अरशद, राज्य आपदा प्रबंधन सचिव विनोद कुमार सुमन, अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी क्रियान्वयन डीआईजी राजकुमार नेगी सहित सेना, वायुसेना, एनडीआरएफ, मौसम विज्ञान विभाग और आईटीबीपी के अधिकारी (ऑनलाइन) शामिल हुए।


आपदा अध्ययन के लिए विशेषज्ञ टीम भेजेगा एनडीएमए

राजेंद्र सिंह ने बताया कि जल्द ही एक विशेषज्ञ दल उत्तराखंड में आपदा के कारणों और प्रभावों का अध्ययन करेगा। इसी तरह का दल हाल ही में हिमाचल प्रदेश भेजा गया था, जिसकी रिपोर्ट से दोनों राज्यों में ऐसी घटनाओं के कारणों को समझने में मदद मिलेगी। यह टीम PDNA और अंतर-मंत्रालय विशेषज्ञ दल के दौरे के तुरंत बाद भेजी जाएगी।


पुनर्निर्माण में धन की कमी नहीं होगी

एनडीएमए ने वित्त आयोग से उत्तराखंड के लिए विशेष वित्तीय प्रावधानों की सिफारिश करने का निर्णय लिया है, ताकि पुनर्निर्माण और पुनर्वास कार्यों में संसाधनों की कमी न हो।


मौसम पूर्वानुमान मजबूत करने की दिशा में कदम

राजेंद्र सिंह ने घोषणा की कि हरिद्वार, ऊधमसिंहनगर और औली में जल्द एक-एक डॉप्लर राडार स्थापित किए जाएंगे। इससे मौसम पूर्वानुमान की सटीकता बढ़ेगी। मिशन मौसम के तहत अन्य महत्वपूर्ण स्थानों पर भी राडार लगाए जाएंगे।

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