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चंपावत में दर्दनाक सड़क हादसा: बोलेरो 200 मीटर गहरी खाई में गिरी, 5 की मौत, 5 घायल; SDRF ने चलाया साहसिक रेस्क्यू ऑपरेशन

चंपावत | 05 दिसंबर 2025 उत्तराखंड के पर्वतीय जिलों में सड़क हादसों की बढ़ती श्रृंखला के बीच शुक्रवार तड़के चंपावत में एक दर्दनाक दुर्घटना सामने आई। घाट से पहले बागधार के पास एक बोलेरो वाहन (UK04TB-2074) अचानक अनियंत्रित होकर करीब 200 मीटर गहरी खाई में गिर गया, जिसमें 5 लोगों की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि 5 लोग गंभीर रूप से घायल हो गए। हादसा उस समय हुआ जब वाहन बुसेल से थाना गंगोलीहाट क्षेत्र के बलाताड़ी लौट रहा था और देर रात का सफर अचानक त्रासदी में बदल गया।

हादसे की सूचना मिलते ही चंपावत स्थित जिला आपदा नियंत्रण कक्ष हरकत में आया और संबंधित सभी एजेंसियों को तुरंत अलर्ट कर दिया गया। पर्वतीय मार्गों की खतरनाक ढलानों और गहरी खाइयों के कारण राहत एवं बचाव की प्रक्रिया हमेशा चुनौतीपूर्ण रहती है, लेकिन SDRF की त्वरित और साहसिक कार्रवाई ने इस पूरी घटना में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।


दुर्घटना का घटनाक्रम: रात की बारात यात्रा बनी हादसे की वजह

प्राथमिक जानकारी के अनुसार बोलेरो वाहन बारात के लिए बुसेल गया था और समारोह के बाद सभी लोग देर रात बलाताड़ी की ओर वापस लौट रहे थे। पर्वतीय मार्ग पर मोड़ लेते समय वाहन संतुलन खो बैठा और गहरी खाई में जा गिरा। स्थानीय निवासियों का कहना है कि यह मार्ग संकरा और कई स्थानों पर अत्यंत ढलानदार है, जहाँ हल्की सी चूक भी बड़े हादसे का कारण बन सकती है।

रात के अंधेरे और इलाके के दुर्गम भौगोलिक स्वरूप के कारण लोगों को आवाज़ सुनकर हादसे का अंदाज़ा हुआ। स्थानीय ग्रामीणों ने तुरंत पुलिस व आपदा प्रबंधन को सूचना दी और मौके पर जुटकर प्रारंभिक राहत का कार्य शुरू किया।


SDRF का तेज़, जोखिमपूर्ण और प्रभावी रेस्क्यू ऑपरेशन

दुर्घटना की सूचना मिलते ही पोस्ट चंपावत से CT राजेंद्र सिंह के नेतृत्व में SDRF की एक टीम तत्काल रवाना हुई। खाई की गहराई, अत्यधिक ढलान, फिसलनभरा भू-भाग और लगातार गिरते पत्थरों के खतरे के बावजूद SDRF ने बेहद संगठित तरीके से बचाव अभियान चलाया।

मौके पर SDRF टीम ने रोप सिस्टम, स्ट्रेचर, हेडलैंप्स और माउंटेन-रेस्क्यू तकनीक की मदद से खाई में उतरकर घायलों व मृतकों तक पहुँचना शुरू किया। इस दौरान जिला पुलिस, स्थानीय प्रशासन और ग्रामीणों ने भी सहयोग किया।

  • 5 घायलों को SDRF व पुलिस ने स्थानीय लोगों की मदद से तुरंत ऊपर पहुँचाया और अस्पताल भेजा।
  • 5 व्यक्तियों की गंभीर चोटों के कारण घटनास्थल पर ही मौत हो चुकी थी।

अत्यंत दुर्गम परिस्थितियों में भी SDRF टीम ने सभी शवों को सुरक्षित बाहर निकाला और जिला पुलिस के सुपुर्द किया।

SDRF अधिकारियों ने बताया कि रात के समय और खाई की गहराई के कारण अभियान कठिन था, लेकिन टीम ने बिना समय गंवाए राहत कार्य पूरा किया।


मृतकों की पहचान: एक परिवार पर टूटा दुख का पहाड़

हादसे में जान गंवाने वाले पाँचों लोगों की पहचान कर ली गई है। इनमें से कई लोग एक ही परिवार या रिश्तेदारी के थे, जिससे पूरे क्षेत्र में शोक की लहर फैल गई है।

मृतकों की सूची

  1. प्रकाश चंद्र उनियाल, 40 वर्ष, निवासी दिबडिब्बा विलासपुर
  2. केवल चंद्र उनियाल, 35 वर्ष, निवासी दिबडिब्बा विलासपुर
  3. सुरेश नौटियाल, 32 वर्ष, निवासी पंतनगर
  4. प्रियांशु चौबे, 6 वर्ष, पुत्र सुरेश चौबे, निवासी सियालदेह, भिक्यासेन, अल्मोड़ा
  5. भावना चौबे, 28 वर्ष, पत्नी सुरेश चौबे, निवासी सियालदेह, भिक्यासेन, अल्मोड़ा

परिवार से जुड़े लोगों का कहना है कि चौबे दंपति और उनका छोटा बेटा शादी समारोह में खुशी-खुशी शामिल होने गए थे, लेकिन वापस लौटते हुए यह हादसा उनके लिए त्रासदी बन गया। गाँव के लोगों के अनुसार यह खबर सुनते ही पूरे क्षेत्र में मातम छा गया।


घायल हुए पाँच लोगों में दो बच्चे भी शामिल

घायलों को तत्काल नजदीकी अस्पताल ले जाया गया है, जहाँ उनका उपचार जारी है। इनमें से दो बच्चे हैं, जबकि तीन वयस्क गंभीर रूप से घायल बताए जा रहे हैं।

घायलों की सूची

  1. देवीदत्त पांडे, 38 वर्ष, निवासी सारघाट, अल्मोड़ा
  2. धीरज उनियाल, 12 वर्ष, निवासी अल्मोड़ा
  3. राजेश जोशी, 14 वर्ष, निवासी पिथौरागढ़
  4. चेतन चौबे, 5 वर्ष, निवासी दिल्ली
  5. भास्कर पांडा, निवासी विवरण अप्राप्त

डॉक्टरों का कहना है कि कुछ घायलों को सिर, रीढ़ और पैरों में गंभीर चोटें आई हैं। स्थिति पर लगातार निगरानी रखी जा रही है।


स्थानीय प्रशासन और पुलिस की प्रतिक्रिया

चंपावत जिला प्रशासन ने हादसे को दुखद बताते हुए मृतकों के प्रति संवेदना व्यक्त की है। अधिकारियों ने बताया कि सड़क के इस हिस्से की तकनीकी जाँच करवाई जाएगी ताकि भविष्य में ऐसी दुर्घटनाओं को रोका जा सके।

जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी ने कहा—
“SDRF टीम ने अत्यधिक चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों में भी हर संभव प्रयास कर सभी घायलों को तुरंत अस्पताल पहुँचाया। यह अभियान अत्यंत जोखिमपूर्ण था, लेकिन टीम ने उत्कृष्ट कार्य किया।”

पुलिस ने पोस्टमार्टम और आगे की कानूनी कार्रवाई शुरू कर दी है।


क्यों बढ़ रहे हैं पर्वतीय क्षेत्रों में हादसे? विशेषज्ञों की राय

उत्तराखंड के पर्वतीय जिलों में सड़क दुर्घटनाएँ लगातार चिंता का विषय बनी हुई हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि इसके पीछे कई कारण हैं—

  • संकरे और पुराने पहाड़ी मार्ग
  • अंधे मोड़ और सुरक्षा अवसंरचना का अभाव
  • ड्राइवरों की थकान या रात में ड्राइविंग
  • मौसम की अनिश्चितता और फिसलन
  • वाहनों का ओवरलोडिंग या खराब स्थिति में होना

स्थानीय लोग लंबे समय से इस मार्ग की चौड़ाई बढ़ाने और सुरक्षा रेलिंग लगाने की मांग कर रहे हैं।


सामूहिक शोक और प्रशासन के लिए चेतावनी

यह हादसा केवल एक परिवार पर नहीं, बल्कि पूरे समुदाय पर गहरा प्रभाव छोड़ गया है। बारात की खुशियाँ अचानक मौत की खबर में बदल जाने से क्षेत्र में शोक की लहर है। कई गांवों में आज दिनभर शोक और धर्मिक अनुष्ठान किए जा रहे हैं।

यह घटना प्रशासन के लिए भी स्पष्ट संकेत है कि पर्वतीय क्षेत्रों में सड़क सुरक्षा को लेकर और गंभीर पहल करने की जरूरत है। हर हादसा सिर्फ एक संख्या नहीं, बल्कि कई परिवारों का भविष्य बदल देता है।

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