
देहरादून, 28 मई 2025 : पुष्पांजलि इंफ्राटेक के बिल्डर दीपक मित्तल की मुश्किलें अब और बढ़ने जा रही हैं। करोड़ों रुपये के गबन और धोखाधड़ी के गंभीर आरोपों से घिरे मित्तल की जांच के लिए अब स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम (SIT) गठित कर दी गई है। यह आदेश आईजी गढ़वाल रेंज राजीव स्वरूप के स्तर से जारी किया गया है।
गठित SIT का नेतृत्व पुलिस अधीक्षक (अपराध एवं यातायात) हरिद्वार जितेंद्र मेहरा को सौंपा गया है। टीम में दो निरीक्षक, दो उप-निरीक्षक और अन्य कर्मचारी शामिल किए गए हैं, जो बिल्डर दीपक मित्तल और उनके सहयोगियों द्वारा की गई संपत्ति की खरीद-फरोख्त, निवेशकों से लिए गए धन और लेन-देन की सभी गतिविधियों की जांच करेंगे।
दीपक मित्तल इस समय फरार है और पुलिस द्वारा वांछित एवं इनामी घोषित किया गया है। देहरादून के डालनवाला थाने में उनके खिलाफ गैंगस्टर एक्ट के तहत मामला दर्ज है। साथ ही राज्य के विभिन्न थानों में भी उनके खिलाफ कई आपराधिक मामले दर्ज हैं।
गंभीर आरोपों के अनुसार, दीपक मित्तल ने अपने हाउसिंग प्रोजेक्ट्स में निवेश के नाम पर सैकड़ों निवेशकों से करोड़ों रुपये की ठगी की है। मामले में उत्तराखंड रेरा (RERA) को अब तक 64 से अधिक शिकायतें प्राप्त हो चुकी हैं। SIT अब इस पूरे प्रकरण में:
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मित्तल की संपत्तियों की जांच, निवेशकों के साथ हुए अनुबंध,पैसे के लेन-देन,अब तक की पुलिस कार्रवाई,और जांच एजेंसियों की रिपोर्टों की भी समीक्षा करेगी।
पुलिस द्वारा दीपक मित्तल की गिरफ्तारी के दावे लंबे समय से किए जाते रहे हैं, मगर अब तक उसे पकड़ा नहीं जा सका है। SIT अब इस पहलू की भी जांच करेगी कि गिरफ्तारी में किस स्तर पर चूक हुई। अगर जांच में लापरवाही या कमजोरी सामने आती है, तो रिपोर्ट में इसका उल्लेख कर उच्च स्तर पर कार्रवाई की सिफारिश की जा सकती है।
दीपक मित्तल पर शिकंजा कसने के लिए गठित की गई SIT, निवेशकों के हितों की रक्षा और न्यायिक प्रक्रिया को मजबूती देने की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है। आने वाले दिनों में यह देखने योग्य होगा कि जांच टीम इस बहुचर्चित घोटाले के कौन-कौन से पहलुओं को उजागर करती है।