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ढेंकानाल में चोरों का आतंक कीमती सामान के साथ-साथ खेतों से बैंगन भी चोरी कर ले गए, पुलिस ने किया गिरफ्तार

ढेंकानाल (ओडिशा), 10 नवंबर (भाषा): ओडिशा के ढेंकानाल जिले में पिछले कई महीनों से सक्रिय एक शातिर चोरी गिरोह को आखिरकार पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। ढेंकानाल टाउन थाना पुलिस ने इस गैंग के चार सदस्यों को दबोच लिया, जबकि एक आरोपी अभी भी फरार है। गिरोह से करीब ₹25 लाख मूल्य के सोने-चांदी के आभूषण, नकदी और अन्य कीमती सामान बरामद किया गया है।

आरोपियों की उम्र महज़ 20 से 22 वर्ष के बीच है और सभी ढेंकानाल शहर के सरजंग साहि इलाके के रहने वाले हैं। पुलिस के अनुसार, इन युवकों ने दिन में रेकी और रात में चोरी की एक सुनियोजित रणनीति अपनाई थी। हैरानी की बात यह है कि आरोपियों ने एक घर से गहनों के साथ बैंगन तक चोरी कर लिए, जो अब इलाके में चर्चा का विषय बना हुआ है।


दिन में करते थे रेकी, रात में तोड़ते थे ताले

ढेंकानाल टाउन थाना प्रभारी प्रदीप कुमार नायक ने बताया कि यह गिरोह शहर के विभिन्न इलाकों में दिन के समय घूम-घूमकर रेकी करता था। वे यह पता लगाते थे कि कौन-सा घर खाली है, किन परिवारों के सदस्य बाहर गए हैं, और कब लौटने वाले हैं।
पुलिस ने बताया कि आरोपी आस-पड़ोस के लोगों से सामान्य बातचीत के बहाने जानकारी जुटाते थे और फिर रात में अपने टारगेट घरों में सेंध लगा देते थे।

“ये लोग बहुत चालाकी से काम करते थे। देखने में साधारण लगते थे, लेकिन पूरी प्रोफेशनल तरीके से चोरी की योजना बनाते थे,” — थाना प्रभारी नायक ने कहा।

पुलिस के अनुसार, इन युवकों के पास से सोने के हार, चूड़ियां, चांदी की पायलें, नकदी और कीमती घरेलू सामान बरामद किया गया है। जांच के दौरान पता चला कि आरोपियों ने अब तक कम से कम सात घरों में चोरी को अंजाम दिया है।


‘गैंग का सरगना अब भी फरार’

पुलिस सूत्रों के अनुसार, गिरोह का मुख्य सरगना फिलहाल फरार है। उसकी पहचान हो चुकी है और उसे पकड़ने के लिए विशेष टीम गठित की गई है।
जांच में यह भी सामने आया है कि फरार आरोपी पहले भी चोरी के मामलों में जेल जा चुका है और हाल ही में ज़मानत पर बाहर आया था।

पुलिस का कहना है कि गिरोह के पकड़े गए चार सदस्य युवक बेरोजगार थे, और चोरी करके तेज़ी से पैसा कमाने की चाह में इस आपराधिक रास्ते पर चल पड़े।
पकड़े गए आरोपियों से पूछताछ में यह भी पता चला कि चोरी का माल वे स्थानीय सुनारों और कबाड़ी दुकानदारों को औने-पौने दामों में बेच देते थे।


‘बैंगन चोरी’ पर लोगों में चर्चा

इस मामले का सबसे विचित्र पहलू यह है कि चोरों ने एक घर में सेंध लगाते समय गहनों के साथ बैंगन भी उठा लिए। पुलिस ने जब बरामद सामान की सूची जारी की तो उसमें “बैंगन” का उल्लेख देखकर लोग हैरान रह गए।

स्थानीय लोगों ने सोशल मीडिया पर इस घटना को लेकर मीम्स और व्यंग्य पोस्ट साझा किए। कई लोगों ने कहा कि “यह शायद देश का पहला ऐसा मामला है, जहां चोरों ने गहनों के साथ सब्ज़ियां भी चुराईं।”

एक स्थानीय निवासी ने हंसते हुए कहा,

“शहर में महंगाई इतनी बढ़ गई है कि अब बैंगन भी कीमती हो गया है। शायद चोरों ने सोचा होगा कि गहनों के साथ कुछ खाने का इंतज़ाम भी कर लें।”

हालांकि पुलिस का मानना है कि यह हरकत मज़ाक या जल्दबाज़ी में हुई गलती भी हो सकती है, क्योंकि चोरी के दौरान आरोपी जल्दबाज़ी में जो भी हाथ लगा, उठा ले गए।


पुलिस की सतर्कता और तकनीकी जांच से मिली सफलता

ढेंकानाल पुलिस ने बताया कि इस गैंग को पकड़ने के लिए पिछले कुछ हफ्तों से स्पेशल निगरानी अभियान चलाया जा रहा था। शहर में लगाए गए सीसीटीवी कैमरों और स्थानीय मुखबिरों की मदद से पुलिस को अहम सुराग मिले।

पुलिस टीम ने संदिग्ध इलाकों में लगातार गश्त बढ़ाई और चोरी की घटनाओं में इस्तेमाल किए जाने वाले वाहन की पहचान की।
इसी सुराग के आधार पर पिछले सप्ताह सरजंग साहि इलाके में छापा मारा गया, जहां से चारों आरोपी गिरफ्तार कर लिए गए।

“हमने कई दिनों तक इनकी गतिविधियों पर नज़र रखी। जब यह निश्चित हो गया कि वही लोग चोरी में शामिल हैं, तब कार्रवाई की गई,” — पुलिस अधीक्षक स्मृति रंजन मोहंती ने बताया।


गांव में लौटे सन्नाटे के बीच राहत

ढेंकानाल शहर के लोग इस गैंग की गिरफ्तारी से राहत की सांस ले रहे हैं। पिछले तीन महीनों में शहर में चोरी की घटनाओं में तेज़ वृद्धि ने आम लोगों की नींद उड़ा दी थी। कई मोहल्लों में रात के समय निगरानी समितियाँ गठित की गई थीं, और स्थानीय लोग रातभर चौकसी करते देखे गए थे।

अब जबकि गैंग के चार सदस्य पुलिस की गिरफ्त में हैं, लोगों में भरोसा लौटा है। एक स्थानीय दुकानदार ने कहा—

“हर रात डर लगता था कि अगला नंबर कहीं हमारा न हो। अब लगता है कि पुलिस ने वाकई मेहनत की है।”


आगे की जांच और सुरक्षा उपाय

पुलिस अब यह पता लगाने में जुटी है कि क्या इस गैंग का संबंध राज्य के अन्य जिलों में हुई चोरी की घटनाओं से भी है। बरामद मोबाइल फोन और डिजिटल डिवाइस की फॉरेंसिक जांच की जा रही है ताकि संपर्कों और नेटवर्क का पता लगाया जा सके।

साथ ही, ढेंकानाल पुलिस ने शहरवासियों से अपील की है कि वे अपने घरों में सीसीटीवी कैमरे लगाएं, और किसी भी संदिग्ध व्यक्ति की सूचना तुरंत पुलिस को दें।

“हम नहीं चाहते कि इस तरह के युवा गलत राह पर जाएँ। समाज को भी ऐसे युवाओं को सही दिशा देने की जिम्मेदारी लेनी चाहिए,” — एसपी मोहंती ने कहा।


युवाओं में अपराध की बढ़ती प्रवृत्ति पर चिंता

यह मामला केवल एक स्थानीय घटना नहीं, बल्कि युवाओं में बढ़ती बेरोज़गारी और आर्थिक असमानता का भी संकेत देता है। विशेषज्ञों का कहना है कि 20-22 वर्ष की उम्र के इन आरोपियों का अपराध की ओर मुड़ना सामाजिक ढांचे पर गंभीर सवाल खड़े करता है।

क्रिमिनोलॉजिस्ट डॉ. अरुण पटनायक के अनुसार—

“आजकल छोटे शहरों के युवा तेजी से पैसा कमाने की चाह में शॉर्टकट तलाश रहे हैं। समाज और प्रशासन को मिलकर ऐसी प्रवृत्तियों पर नियंत्रण पाने के लिए शिक्षा और रोजगार के अवसर बढ़ाने होंगे।”

ढेंकानाल पुलिस की इस कार्रवाई ने न केवल शहर में फैले भय को समाप्त किया, बल्कि यह भी दिखाया कि तकनीक, सतर्कता और सामुदायिक सहयोग से किसी भी अपराधी नेटवर्क को ध्वस्त किया जा सकता है।
हालांकि एक आरोपी के फरार होने के चलते जांच जारी है, लेकिन फिलहाल शहर ने राहत की सांस ली है।

लोगों के बीच “बैंगन चोरी” की चर्चा भले ही हास्य का विषय बन गई हो, लेकिन इसने एक बार फिर यह याद दिलाया है कि अपराध, चाहे छोटा हो या बड़ा — समाज के हर स्तर को प्रभावित करता है।

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