
मॉस्को/कीव: रूस और यूक्रेन के बीच जारी युद्ध ने एक बार फिर हिंसक मोड़ ले लिया है। शुक्रवार देर रात दोनों देशों ने एक-दूसरे पर भीषण हवाई हमले किए, जिनमें दोनों पक्षों में दो-दो नागरिकों की मौत की पुष्टि हुई है। साथ ही, कई इलाकों में अत्यधिक भौतिक क्षति और आम जनजीवन पर गहरा असर पड़ा है।
🔥 यूक्रेन के निप्रो और सूमी में रॉकेट और ड्रोन से हमला, कई घायल
यूक्रेन के दक्षिणी निप्रो और उत्तर-पूर्वी सूमी क्षेत्रों में रूस की ओर से रॉकेट और ड्रोन के ज़रिए संयुक्त हमले किए गए।
निप्रो क्षेत्रीय प्रमुख सेरही लिसाक के मुताबिक, दो लोगों की मौत और पांच लोग घायल हुए हैं। निप्रो शहर में एक बहुमंजिला इमारत, व्यावसायिक केंद्र और शॉपिंग कॉम्प्लेक्स को भारी नुकसान पहुंचा, जहां आग भी लग गई।
सूमी में हमले में तीन अन्य लोग घायल हुए हैं।
💣 खारकीव में तीन घंटे तक बमबारी, मिसाइल और ड्रोन का कहर
यूक्रेन के प्रमुख शहर खारकीव में लगातार तीन घंटे तक रूस की ओर से बमबारी की गई।
स्थानीय प्रशासन के अनुसार, चार निर्देशित हवाई बम, दो बैलिस्टिक मिसाइलें और 15 ड्रोन खारकीव शहर पर दागे गए।
मेयर इहोर तेरेखोव ने बताया कि इन हमलों से आवासीय परिसर, व्यापारिक प्रतिष्ठान, सड़कें और संचार नेटवर्क को गंभीर नुकसान हुआ है।
🚀 रूस ने दागे 208 ड्रोन और 27 मिसाइलें, यूक्रेन ने किया जवाबी दावा
यूक्रेन की वायुसेना के मुताबिक, रूसी सेनाओं ने शुक्रवार रात भर में 208 ड्रोन और 27 मिसाइलें दागीं।
यूक्रेनी सेना का दावा है कि इनमें से 183 ड्रोन और 17 मिसाइलों को सफलतापूर्वक निष्क्रिय किया गया।
हालांकि, 10 मिसाइलें और 25 ड्रोन नौ अलग-अलग क्षेत्रों में टारगेट पर लगे, जिससे स्थानीय संरचनाओं को क्षति पहुंची।
🛡️ यूक्रेन ने भी किया जवाबी हमला, रूस के कई शहरों में मचा हड़कंप
रूस ने दावा किया है कि यूक्रेनी ड्रोन ने रोस्तोव क्षेत्र में हमला कर दो नागरिकों की जान ली। यह इलाका यूक्रेन सीमा के काफी नजदीक स्थित है।
इसके अलावा स्टावरोपोल, मॉस्को, पेन्जा, ब्रांस्क, क्रीमिया, तुला, ओरलोव और बेलगोरोद जैसे प्रमुख क्षेत्रों में भी यूक्रेनी ड्रोन देखे गए। रूसी रक्षा मंत्रालय के अनुसार, रूस ने 54 यूक्रेनी ड्रोन को मार गिराने या निष्क्रिय करने में सफलता पाई है।
⚠️ संघर्ष की तीव्रता बढ़ी, आम नागरिक बने सबसे बड़े शिकार
इन ताज़ा हमलों ने एक बार फिर स्पष्ट कर दिया है कि रूस-यूक्रेन युद्ध न केवल थमने का नाम नहीं ले रहा, बल्कि लगातार और अधिक खतरनाक होता जा रहा है।
इस संघर्ष में दोनों देशों के आम नागरिकों की सुरक्षा, आजीविका और मानसिक स्थिति पर गंभीर प्रभाव पड़ रहा है।