
देहरादून, 17 अप्रैल 2025 – अधिवक्ता परिषद उत्तराखण्ड, देहरादून स्वाध्याय मण्डल द्वारा “समरसता दिवस” के अवसर पर एक विचारशील संगोष्ठी का आयोजन बार भवन देहरादून के प्रथम तल पर स्थित पुस्तकालय में किया गया। इस अवसर पर उत्तराखण्ड लोक सेवा आयोग के पूर्व सदस्य एवं प्रख्यात वक्ता डॉ. सुमेर चन्द रवि ने मुख्य वक्ता एवं मुख्य अतिथि के रूप में भाग लिया।
डॉ. रवि ने भारत रत्न डॉ. भीमराव अंबेडकर के सामाजिक, आर्थिक और धार्मिक दृष्टिकोण पर विस्तार से प्रकाश डालते हुए, भारतीय समाज में व्याप्त प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष असमानताओं पर सारगर्भित संबोधन दिया। उन्होंने राजनीतिक क्षेत्र में पारदर्शिता, निष्पक्षता और नैतिक मूल्यों की आवश्यकता पर ज़ोर देते हुए भारत की अखण्डता के लिए हर संभव बलिदान को तैयार रहने का आह्वान किया।
डॉ. रवि ने उत्तराखण्ड की भाजपा सरकार द्वारा 13 अप्रैल से 25 अप्रैल 2025 तक डॉ. अंबेडकर जयंती के उपलक्ष्य में आयोजित किए जा रहे कार्यक्रमों की सराहना करते हुए आभार व्यक्त किया। साथ ही उन्होंने प्रधानमंत्री द्वारा बाबा साहब को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर दिए जा रहे सम्मान को करोड़ों वंचितों के आत्मसम्मान से जोड़ते हुए उसे ऐतिहासिक पहल बताया।
कार्यक्रम की अध्यक्षता बार एसोसिएशन देहरादून के अध्यक्ष श्री मनमोहन कंडवाल ने की, जबकि सचिव श्री राजवीर सिंह बिष्ट और अधिवक्ता परिषद के उपाध्यक्ष श्री वी.के. शर्मा ने अपने वक्तव्यों में मुख्य अतिथि के विचारों की सराहना करते हुए सभी उपस्थित गणमान्यजनों के प्रति आभार व्यक्त किया।
कार्यक्रम का संचालन अधिवक्ता परिषद की पदाधिकारी एडवोकेट लक्ष्मी द्वारा कुशलतापूर्वक किया गया। इस अवसर पर बार काउंसिल के सदस्य एडवोकेट श्री राकेश गुप्ता, परिषद के वरिष्ठ पदाधिकारी एडवोकेट अनुज शर्मा, अन्य पदाधिकारीगण और विद्वान अधिवक्ता बड़ी संख्या में उपस्थित रहे।
संगोष्ठी का समापन भारत के वीर शहीदों एवं संविधान निर्माता डॉ. अंबेडकर को समर्पित भावपूर्ण नारों और राष्ट्रगान के साथ हुआ।