Uttarakhand: हाईकोर्ट पहुंचा मस्जिद ढहाए जाने का मामला, जानिए कैसे हैं हल्द्वानी शहर के हालात
हल्द्वानी: मदरसे को गिराने के मामले ने विकराल रूप ले लिया था। इस दौरान शुक्रवार सुबह तक 6 लोगों के मारे जाने की सूचना थी, हालांकि, नैनीताल की डीएम वंदना सिंह ने दो लोगों के मारे जाने की पुष्टि की है। सुबह हल्द्वानी में हर तरफ तबाही के निशान दिखे। मामले को देखते हुए बनभूलपुरा में तनाव का माहौल देखते हुए पुलिस फोर्स और आईटीबीपी तैनात कर दी गई है। वही हलद्वानी में धारा 144 लागू है। क्षेत्र में कर्फ्यू लगा है इंटरनेट सेवाएं बंद है। मामले को लेकर सीएम धामी ने उच्च स्तरीय बैठक भी की। सीएम धामी ने शांति बनाए रखने की अपील की है। इस समय हल्द्वानी में लॉक डाउन जैसे हालत हो गए है।
सीएम धामी ने कहा कि हिंसा भड़काने वालो के विरुद्ध सख्त कार्रवाई की जाएगी। किसी को भी कानून व्यवस्था से खिलवाड़ नहीं करने दिया जाएगा। आपको बता दें हल्द्वानी हिंसा की चिंगारी इसलिए उठी क्योंकि क्षेत्र से अतिक्रमण हटाओ अभियान चलाया जा रहा था। नगर निगम द्वारा एक अवैध मदरसे पर बुलडोजर चला दिया। इसके साथ ही नमाज स्थल को भी गिरा दिया। जिसके चलते मुस्लिम महिलाओं व युवकों ने पुलिस की गाड़ियां फूंक डाली और बनभूलपुरा थाना घेरकर पथराव कर दिया।
इस दौरान 100 पुलिस कर्मी घायल हो गए। हादसे में 300 से अधिक लोगों के घायल होने की सूचना है। बता दें कि बनभूलपुरा में मदरसे और मस्जिद पर बुलडोजर अदालत के आदेश पर चलाया गया था। नगर आयुक्त पंकज उपाध्याय ने बताया कि मदरसा उर नमाज स्थल अवैध तरीके से बनाया गया था। अतिक्रमण स्थल के समीप 3 एकड़ जमीन पर नगर निगम ने पहले कब्जा कर लिया था। यह स्थल सीज था जिस पर गुरुवार एसएसपी की अगुवाई में अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई की गई। अब यह मामला हाईकोर्ट पहुंच गया है।
गुरुवार को मस्जिद और मदरसा हटाने के खिलाफ मलिक कॉलोनी निवासी साफिया मलिक और अन्य द्वारा जनहित याचिका दायर की गई थी, जिस पर सुनवाई हुई । न्यायमूर्ति पंकज पुरोहित की पीठ ने याचिकाकर्ताओं को राहत नहीं दी। अब याचिका पर सुनवाई 17 फरवरी को की जाएगी।