New Delhi: विदेश में जाकर किसी और के पैसों से मौज उड़ाना एक जज को भारी पड़ गया. हालत ये है की अब इस जज के लिए बचाव का आखिरी रास्ता भी बंद हो गया है. दिल्ली हाईकोर्ट के फैसले में दखल देने से भी सुप्रीम कोर्ट ने इनकार कर दिया है. शीर्ष अदालत के जस्टिस हरिकिशन रॉय और जस्टिस पंकज मित्तल की बेंच के सामने याचिका लगाकर जज रहे नवीन अरोड़ा ने न्याय की गुहार लगाई थी. लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के फैसले में दखल देने से इनकार कर दिया. साथ ही दिल्ली हाईकोर्ट ने जांच रिपोर्ट के आधार पर जज नवीन अरोड़ा को नौकरी से बर्खास्त कर दिया. हाईकोर्ट का कहना था कि जज को ध्यान रखना चाहिए कि वो जज है.
सन 2016 में जज नवीन अरोड़ा अपनी पत्नी को लेकर विदेश में मौज मस्ती करने गया था. वापस लौटा तो अपने वरिष्ठ को रिपोर्ट देते समय फंस गया. उसने जो दस्तावेज जमा कराए उसमें होटल की बुकिंग को लेकर गड़बड़ थी. ये पता नहीं चल पा रहा था कि 5 स्टार होटल का बिल किसने भरा. मामले में इन्क्वायरी बैठ गई. जांच अधिकारी ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि जज ने किसी अजनबी से फेवर लिया था. हालांकि जज ने अपने बचाव में कहा कि जिस शख्स ने उसके होटल का बिल भरा वो उसके भाई का परिचित था. उसका कहना था कि उसे उस शख्स का उधार चुकाना है जिसने होटल का बिल भरा. जज ने ये भी कहा कि उसने विदेश प्रवास के दौरान ही पैसा लौटाने की कोशिश की थी लेकिन बिल भरने वाले शख्स ने ये कहा था कि वापस लौटने पर वो जो पैसा खर्च हुआ है सारा वापस ले लेगा.