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केंद्र का उत्तराखंड को स्वास्थ्य सुरक्षा का बड़ा तोहफ़ा, राज्य में बनेगा हेल्थ इमरजेंसी ऑपरेशन सेंटर

देहरादून। प्रधानमंत्री आयुष्मान भारत स्वास्थ्य अवसंरचना मिशन (PM-ABHIM) के तहत उत्तराखंड को स्वास्थ्य क्षेत्र में केंद्र सरकार से बड़ा तोहफ़ा मिला है। केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने राज्य में हेल्थ इमरजेंसी ऑपरेशन सेंटर (HEOC) की स्थापना को मंज़ूरी प्रदान कर दी है। इस सेंटर की स्थापना से राज्य की स्वास्थ्य आपदा प्रबंधन क्षमता मज़बूत होगी और आपात स्थितियों में समयबद्ध एवं समन्वित कार्रवाई संभव हो सकेगी।


आपदा प्रबंधन क्षमता होगी मज़बूत

केंद्रीय मंत्रालय द्वारा जारी आदेश के अनुसार, HEOC राज्य को स्वास्थ्य आपदाओं के दौरान बेहतर तैयारी और त्वरित प्रतिक्रिया की सुविधा उपलब्ध कराएगा। इसका उद्देश्य न केवल आपात स्थिति में तुरंत प्रतिक्रिया देना है, बल्कि विभिन्न विभागों के बीच समन्वय को मज़बूत करना भी है।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस पहल को राज्य के लिए ऐतिहासिक बताया। उन्होंने कहा—
“हेल्थ इमरजेंसी ऑपरेशन सेंटर की स्थापना से उत्तराखंड की स्वास्थ्य आपदा प्रबंधन क्षमता और अधिक मज़बूत होगी। यह सेंटर हमें स्वास्थ्य संबंधी आपात स्थितियों में त्वरित एवं समन्वित कार्रवाई करने में मदद करेगा। मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री का इस बड़ी सौगात के लिए आभार व्यक्त करता हूँ।”


संचालन और मानव संसाधन

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने HEOC के संचालन के लिए कुल 9 संविदा पदों की स्वीकृति दी है। इनमें वरिष्ठ सार्वजनिक स्वास्थ्य सलाहकार, सार्वजनिक स्वास्थ्य सलाहकार, डेटा विश्लेषक, हब इंजीनियर और डेटा एंट्री ऑपरेटर जैसे पद शामिल हैं।

स्वास्थ्य सचिव डॉ. आर. राजेश कुमार ने बताया कि बहुत जल्द इन पदों पर नियुक्ति प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी। उन्होंने कहा—
“HEOC के क्रियाशील होने से राज्य को स्वास्थ्य आपदाओं के समय बेहतर समन्वय और समयबद्ध प्रतिक्रिया सुनिश्चित करने में मदद मिलेगी। इसका सीधा लाभ आम जनता को मिलेगा।”


धनराशि और वित्तीय व्यवस्था

मंत्रालय ने स्पष्ट किया है कि HEOC के लिए धनराशि परियोजना अवधि 2021–26 तक PM-ABHIM से उपलब्ध कराई जाएगी। इस अवधि के बाद आगे की निरंतरता राज्य सरकार और केंद्र की स्वीकृति पर निर्भर करेगी।

निधि हस्तांतरण के लिए HEOC के नाम से एक अलग बैंक खाता खोला जाएगा। साथ ही राज्य सरकार को निर्देशित किया गया है कि वह नियुक्तियों की प्रक्रिया को शीघ्रता से पूर्ण करे, ताकि सेंटर जल्द से जल्द सक्रिय हो सके।


उत्तराखंड के लिए क्यों महत्वपूर्ण है HEOC

उत्तराखंड भौगोलिक दृष्टि से एक संवेदनशील राज्य है। यहाँ हर साल भूकंप, अतिवृष्टि, भूस्खलन और फ्लैश फ्लड जैसी आपदाएँ आती रहती हैं। इन परिस्थितियों में स्वास्थ्य सेवाएँ सबसे पहले प्रभावित होती हैं। दूरस्थ और पर्वतीय क्षेत्रों तक राहत और चिकित्सा सुविधाएँ पहुँचाना हमेशा चुनौतीपूर्ण रहता है।

ऐसे में HEOC का गठन राज्य की आपदा प्रबंधन क्षमता को नई दिशा देगा। यह सेंटर स्वास्थ्य आपदाओं में —

  • त्वरित सूचना संकलन और विश्लेषण
  • फील्ड और जिला स्तर पर समन्वय
  • राहत एवं आपात चिकित्सा सेवाओं की तैनाती
  • संसाधनों का त्वरित आवंटन
    जैसे कार्य करेगा।

राष्ट्रीय स्तर पर महत्वपूर्ण पहल

केंद्र सरकार देशभर में HEOCs की स्थापना कर रही है। इसका उद्देश्य भारत की सार्वजनिक स्वास्थ्य अवसंरचना को आधुनिक बनाना और आपदा प्रतिक्रिया तंत्र को मजबूत करना है। कोविड-19 महामारी ने यह स्पष्ट कर दिया था कि स्वास्थ्य आपात स्थितियों में तेज़ प्रतिक्रिया और समन्वय कितना आवश्यक है।

उत्तराखंड में HEOC की स्थापना इस दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है। इससे न केवल राज्य बल्कि पड़ोसी हिमालयी राज्यों के लिए भी एक मॉडल तैयार होगा।


विशेषज्ञों की राय

स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि HEOC की स्थापना से राज्य की स्वास्थ्य प्रणाली को स्ट्रक्चर्ड और टेक्नोलॉजी-ड्रिवन सपोर्ट मिलेगा। डेटा एनालिटिक्स और हेल्थ इन्फॉर्मेशन सिस्टम का इस्तेमाल कर आपदा के समय रोग फैलाव, संसाधन की उपलब्धता और रिकवरी की स्थिति का वास्तविक समय में आकलन किया जा सकेगा।

केंद्र सरकार की इस पहल से उत्तराखंड को स्वास्थ्य सुरक्षा के क्षेत्र में बड़ी मजबूती मिलेगी। HEOC के शुरू होने के बाद राज्य स्वास्थ्य आपदाओं से बेहतर तरीके से निपट सकेगा। यह कदम न केवल उत्तराखंड बल्कि पूरे देश के लिए स्वास्थ्य आपदा प्रबंधन में एक मील का पत्थर साबित होगा।

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