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केंद्र सरकार ने उत्तराखंड को ₹249.56 करोड़ की दूसरी किस्त जारी की, विकास कार्यों को मिलेगी नई रफ्तार

देहरादून: केंद्र सरकार ने उत्तराखंड के विकास को गति देने के लिए एक बड़ा वित्तीय सहयोग प्रदान किया है। विशेष पूंजी निवेश सहायता योजना 2025–26 के तहत केंद्र सरकार ने राज्य को ₹249.56 करोड़ की दूसरी किस्त जारी कर दी है। यह राशि भारत सरकार के वित्त मंत्रालय के व्यय विभाग द्वारा उत्तराखंड राज्य सरकार को प्रदान की गई है। इस वित्तीय सहायता से प्रदेश में चल रही और प्रस्तावित विकास परियोजनाओं को तेजी मिलने की उम्मीद जताई जा रही है।

इस सहायता को राज्य के आधारभूत ढांचे को मजबूत करने और आर्थिक गतिविधियों को गति देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।


मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने जताया केंद्र का आभार

इस अवसर पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने केंद्र सरकार के प्रति आभार व्यक्त करते हुए कहा कि यह वित्तीय सहयोग उत्तराखंड के विकास के लिए बेहद महत्वपूर्ण साबित होगा। मुख्यमंत्री ने कहा—

“यह वित्तीय सहायता उत्तराखंड के आधारभूत ढांचे को मजबूत करने, जनोपयोगी विकास कार्यों को आगे बढ़ाने तथा रोजगार के नए अवसर सृजित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। केंद्र सरकार का यह सहयोग राज्य के आर्थिक सुदृढ़ीकरण की दिशा में एक बड़ा कदम है।”

उन्होंने कहा कि केंद्र और राज्य सरकार के बीच मजबूत समन्वय के कारण ही उत्तराखंड को निरंतर विकासात्मक सहायता मिल रही है।


किस क्षेत्रों में होगा धन का उपयोग

मुख्यमंत्री धामी ने स्पष्ट किया कि केंद्र से प्राप्त धनराशि का उपयोग पूंजीगत परियोजनाओं में पारदर्शी, प्रभावी और समयबद्ध तरीके से किया जाएगा। इनमें प्रमुख रूप से—

  • सड़क और पुल निर्माण
  • शहरी एवं ग्रामीण अधोसंरचना
  • पेयजल आपूर्ति योजनाएं
  • ऊर्जा एवं विद्युत परियोजनाएं
  • अन्य जनोपयोगी विकास कार्य

शामिल हैं।

उन्होंने कहा कि सरकार का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि इस धनराशि का सीधा लाभ आम जनता तक पहुंचे और विकास कार्य धरातल पर स्पष्ट रूप से दिखाई दें।


आधारभूत ढांचे को मिलेगी मजबूती

उत्तराखंड जैसे पर्वतीय राज्य के लिए मजबूत आधारभूत ढांचा विकास की रीढ़ माना जाता है। सड़कों, पुलों और बुनियादी सुविधाओं के अभाव में विकास की गति प्रभावित होती है। इस दृष्टि से ₹249.56 करोड़ की यह सहायता राज्य के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है।

विशेषज्ञों का मानना है कि इस राशि से—

  • दुर्गम क्षेत्रों में कनेक्टिविटी बेहतर होगी
  • शहरी सुविधाओं का विस्तार होगा
  • ग्रामीण इलाकों में जीवन स्तर में सुधार आएगा

रोजगार सृजन को मिलेगा बढ़ावा

मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि इन परियोजनाओं के क्रियान्वयन से स्थानीय स्तर पर रोजगार के नए अवसर भी सृजित होंगे। निर्माण, परिवहन, तकनीकी सेवाओं और रखरखाव से जुड़े क्षेत्रों में युवाओं को काम मिलेगा।

उन्होंने कहा कि राज्य सरकार का फोकस केवल ढांचागत विकास तक सीमित नहीं है, बल्कि इसके माध्यम से आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा देकर युवाओं को रोजगार देना भी एक प्रमुख लक्ष्य है।


गुणवत्ता और समयबद्धता पर रहेगा विशेष ध्यान

मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि सभी परियोजनाओं का क्रियान्वयन गुणवत्ता मानकों के अनुरूप किया जाए और किसी भी स्तर पर अनावश्यक देरी न हो।

उन्होंने कहा—

“राज्य सरकार यह सुनिश्चित करेगी कि सभी विकास कार्य तय समयसीमा के भीतर पूरे हों और उनकी गुणवत्ता से कोई समझौता न किया जाए।”

इसके लिए नियमित समीक्षा, निगरानी और पारदर्शिता को प्राथमिकता दी जाएगी।


2025–26 में अब तक ₹847.49 करोड़ की सहायता

गौरतलब है कि वित्तीय वर्ष 2025–26 में अब तक केंद्र सरकार द्वारा उत्तराखंड को कुल ₹847.49 करोड़ की वित्तीय सहायता ऋण स्वरूप प्रदान की जा चुकी है। इसमें यह ₹249.56 करोड़ की दूसरी किस्त भी शामिल है।

इससे पहले जारी की गई किस्तों के माध्यम से भी राज्य में कई विकासात्मक योजनाओं और परियोजनाओं को नई गति मिली है।


विशेष पूंजी निवेश सहायता योजना का उद्देश्य

विशेष पूंजी निवेश सहायता योजना का उद्देश्य राज्यों को—

  • आधारभूत ढांचे के विकास
  • पूंजीगत खर्च बढ़ाने
  • आर्थिक गतिविधियों को प्रोत्साहित करने
  • दीर्घकालिक विकास को मजबूती देने

में सहायता प्रदान करना है।

इस योजना के तहत राज्यों को मिलने वाली राशि से ऐसे प्रोजेक्ट्स को प्राथमिकता दी जाती है, जिनका लंबे समय तक आर्थिक और सामाजिक प्रभाव हो।


केंद्र–राज्य समन्वय का उदाहरण

उत्तराखंड को मिली यह सहायता केंद्र और राज्य सरकार के बीच बेहतर तालमेल का उदाहरण मानी जा रही है। मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि केंद्र सरकार का सहयोग राज्य के विकास एजेंडे को मजबूती दे रहा है।

राजनीतिक और आर्थिक विश्लेषकों का मानना है कि इस तरह का वित्तीय सहयोग—

  • राज्यों की विकास क्षमता को बढ़ाता है
  • क्षेत्रीय असंतुलन को कम करता है
  • समावेशी विकास को बढ़ावा देता है

संतुलित और सतत विकास की दिशा में कदम

राज्य सरकार का दावा है कि इस वित्तीय सहायता से उत्तराखंड के संतुलित, समावेशी और सतत विकास को मजबूती मिलेगी। पर्वतीय क्षेत्रों के साथ-साथ मैदानी इलाकों में भी विकास कार्यों को समान रूप से आगे बढ़ाया जाएगा।

सरकार का फोकस पर्यावरण संतुलन बनाए रखते हुए विकास कार्यों को अंजाम देने पर भी है, ताकि आने वाली पीढ़ियों के लिए संसाधन सुरक्षित रहें।


निष्कर्ष

केंद्र सरकार द्वारा उत्तराखंड को दी गई ₹249.56 करोड़ की दूसरी किस्त राज्य के विकास के लिए एक महत्वपूर्ण आर्थिक संबल है। इससे न केवल आधारभूत ढांचे को मजबूती मिलेगी, बल्कि रोजगार सृजन, आर्थिक गतिविधियों और जनकल्याणकारी योजनाओं को भी नई गति मिलेगी।

वित्तीय वर्ष 2025–26 में अब तक ₹847.49 करोड़ की कुल सहायता यह दर्शाती है कि केंद्र सरकार उत्तराखंड के विकास को लेकर गंभीर और प्रतिबद्ध है। आने वाले समय में इन परियोजनाओं के धरातल पर उतरने से प्रदेश की तस्वीर और तकदीर दोनों बदलने की उम्मीद जताई जा रही है।

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