
देहरादून: उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बुधवार को सचिवालय में उच्चस्तरीय बैठक कर कानून-व्यवस्था, सड़कों की स्थिति, सेवा पखवाड़ा और अन्य जनहित के मुद्दों की समीक्षा की। बैठक में मुख्य सचिव, पुलिस महानिदेशक और तमाम वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिया कि जनता की सुविधा और सुरक्षा सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है और इसमें किसी भी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
कानून-व्यवस्था पर सख्त रुख
मुख्यमंत्री ने राज्य की कानून-व्यवस्था को और सुदृढ़ बनाने के लिए अधिकारियों को कई निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि:
- कानून-व्यवस्था से खिलवाड़ करने वालों पर सख्त कार्रवाई की जाए।
- सभी संवेदनशील इलाकों में सीसीटीवी कैमरों से नियमित निगरानी सुनिश्चित की जाए।
- राज्य की सीमाओं पर सघन चेकिंग अभियान चलाया जाए।
- पुलिस द्वारा रात्रिकालीन गश्त को और अधिक प्रभावी बनाया जाए।
धामी ने दोहराया कि सरकार का लक्ष्य ऐसा वातावरण तैयार करना है, जिसमें आम नागरिक सुरक्षित महसूस करे और अपराधियों में कानून का भय बना रहे।
सड़कों को गड्ढा मुक्त बनाने का अभियान
बैठक में मुख्यमंत्री ने सड़क व्यवस्था पर विशेष जोर दिया। उन्होंने निर्देश दिए कि मानसून के बाद सभी मुख्य और संपर्क मार्गों को गड्ढा मुक्त करने के लिए विशेष अभियान चलाया जाए।
उन्होंने कहा कि बरसात खत्म होते ही सड़क सुधार और गड्ढा मुक्त कराने का काम तेजी से शुरू होना चाहिए। इसके लिए निविदा प्रक्रिया पहले से पूरी कर ली जाए, ताकि काम में देरी न हो। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को आगाह किया कि सड़कें राज्य की जीवनरेखा हैं और इनके बेहतर होने से जनता को सीधा लाभ मिलता है।
सेवा पखवाड़े की तैयारी
बैठक का एक महत्वपूर्ण एजेंडा आगामी “सेवा पखवाड़ा” रहा। मुख्यमंत्री धामी ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जन्मदिवस 17 सितंबर से लेकर 2 अक्टूबर गांधी जयंती तक प्रदेशभर में सेवा पखवाड़ा मनाया जाएगा।
इस दौरान राज्य के सभी जिलों में सेवा, जनजागरूकता और जनहित से जुड़े कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। धामी ने निर्देश दिए कि:
- प्रत्येक जिले के लिए विस्तृत कार्ययोजना बनाई जाए।
- तय समयसीमा में सभी कार्यक्रम प्रभावी ढंग से पूरे किए जाएं।
- सरकारी अधिकारी और स्थानीय प्रशासन सक्रिय भागीदारी निभाएं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि वे स्वयं सड़क मार्ग से विभिन्न जिलों का दौरा करेंगे और प्रत्यक्ष रूप से व्यवस्थाओं की समीक्षा करेंगे।
रेत मिश्रित नमक पर सख्ती
बैठक के दौरान मुख्यमंत्री ने एक अहम शिकायत को गंभीरता से लिया। यह शिकायत थी कि बाज़ार में रेत मिश्रित नमक बेचा जा रहा है। उन्होंने तत्काल नमूना जांच के आदेश दिए और कहा कि दोषी पाए जाने वालों पर कठोर कार्रवाई होगी।
धामी ने अधिकारियों से साफ कहा कि जनता के स्वास्थ्य और खाद्य सुरक्षा से कोई समझौता नहीं होगा।
अधिकारियों को कड़े संदेश
बैठक में मौजूद अधिकारियों को मुख्यमंत्री ने स्पष्ट संदेश दिया कि जनहित के कामों को समयबद्ध और गुणवत्तापूर्ण ढंग से पूरा किया जाए। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार की कार्यप्रणाली पारदर्शिता, सुशासन और त्वरित सेवा पर आधारित है, और अधिकारी उसी दिशा में काम करें।
मुख्यमंत्री ने खासतौर पर यह भी दोहराया कि विकास योजनाओं का असर गांव-गांव और अंतिम व्यक्ति तक पहुँचना चाहिए।
बैठक में शामिल रहे वरिष्ठ अधिकारी
इस उच्चस्तरीय बैठक में मुख्य सचिव आर.के. सुधांशु, प्रमुख सचिव, सचिव शैलेश बगोली, पुलिस महानिदेशक दीपम सेठ, अपर पुलिस महानिदेशक ए.पी. अंशुमान, विशेष सचिव डॉ. पराग मधुकर धकाते और अपर सचिव बंशीधर तिवारी समेत कई वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की इस बैठक से यह साफ संदेश गया कि सरकार राज्य में कानून-व्यवस्था, सड़क व्यवस्था और जनहित योजनाओं को लेकर बेहद गंभीर है। सेवा पखवाड़े के जरिए जहां सरकार जनता से सीधा जुड़ाव बनाने की कोशिश करेगी, वहीं कानून-व्यवस्था और सड़क सुधार के जरिए नागरिकों की रोजमर्रा की जिंदगी को और सुगम बनाने की तैयारी है।
राजनीतिक जानकार मानते हैं कि मुख्यमंत्री धामी का यह “जनकेंद्रित” रवैया 2025 की राजनीति में भी अहम भूमिका निभा सकता है।
 
				


