
देहरादून, 15 सितम्बर 2025 (नेशनल डेस्क): उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से सोमवार को भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) के गवर्नर संजय मल्होत्रा ने शिष्टाचार भेंट की। यह मुलाकात मुख्यमंत्री आवास पर हुई, जिसमें राज्य की अर्थव्यवस्था, बैंकिंग सेवाओं का विस्तार और डिजिटल वित्तीय समावेशन जैसे अहम विषयों पर विस्तृत चर्चा हुई।
बैठक में मुख्यमंत्री ने उत्तराखंड के पहाड़ी और ग्रामीण क्षेत्रों में बैंकिंग सेवाओं की सीमित पहुँच को एक बड़ी चुनौती बताते हुए कहा कि राज्य सरकार चाहती है कि अंतिम छोर तक वित्तीय सेवाएं पहुँचे ताकि आम जनता सीधे सरकारी योजनाओं का लाभ उठा सके।
मुख्यमंत्री धामी ने रखा ग्रामीण बैंकिंग पहुँच का मुद्दा
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने गवर्नर संजय मल्होत्रा के साथ बातचीत में कहा कि उत्तराखंड के दुर्गम और पर्वतीय क्षेत्रों में बैंक शाखाओं और एटीएम की संख्या अपेक्षाकृत कम है। उन्होंने सुझाव दिया कि आरबीआई की पहल पर वाणिज्यिक बैंकों को इन इलाकों में शाखा विस्तार और डिजिटल बैंकिंग यूनिट स्थापित करने के लिए प्रोत्साहित किया जाए।
उन्होंने कहा कि डिजिटल इंडिया अभियान के तहत उत्तराखंड ने हाल के वर्षों में उल्लेखनीय प्रगति की है। सरकारी योजनाओं के भुगतान अब डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (DBT) के माध्यम से सीधे लाभार्थियों के खातों में पहुंच रहे हैं, जिससे पारदर्शिता और समयबद्धता सुनिश्चित हुई है।
डिजिटल वित्तीय समावेशन पर खास जोर
मुख्यमंत्री ने बैठक के दौरान उत्तराखंड में डिजिटल भुगतान प्रणाली को और सशक्त बनाने पर बल दिया। उन्होंने कहा कि आज के समय में ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों में डिजिटल ट्रांजैक्शन को बढ़ावा देना आवश्यक है।
उन्होंने आरबीआई गवर्नर से आग्रह किया कि राज्य में वित्तीय साक्षरता अभियान को तेज किया जाए, ताकि आम लोग सुरक्षित डिजिटल लेनदेन कर सकें और वित्तीय धोखाधड़ी से बच सकें।
धामी ने यह भी कहा कि डिजिटलीकरण केवल भुगतान प्रणाली तक सीमित नहीं है, बल्कि यह शासन की पारदर्शिता और जवाबदेही को भी बढ़ाता है। राज्य सरकार चाहती है कि ई-गवर्नेंस के हर स्तर पर बैंकिंग और डिजिटल भुगतान की सुविधा उपलब्ध हो।
आरबीआई गवर्नर ने दिया हरसंभव सहयोग का आश्वासन
गवर्नर संजय मल्होत्रा ने उत्तराखंड सरकार की पहल और वित्तीय अनुशासन की सराहना की। उन्होंने कहा कि आरबीआई राज्य सरकार को हरसंभव सहयोग देने के लिए प्रतिबद्ध है।
उन्होंने आश्वस्त किया कि उत्तराखंड के दूरस्थ और ग्रामीण इलाकों में बैंकिंग सेवाओं की पहुँच बढ़ाने के लिए विशेष योजनाएं लागू की जाएंगी। साथ ही, वित्तीय साक्षरता और डिजिटल भुगतान से जुड़ी गतिविधियों को भी और सक्रिय किया जाएगा।
गवर्नर ने यह भी कहा कि एमएसएमई (सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम) सेक्टर राज्य की अर्थव्यवस्था की रीढ़ है। इसलिए, आरबीआई इस क्षेत्र को आसान और सुलभ वित्तीय सहायता उपलब्ध कराने की दिशा में भी काम करेगा।
उत्तराखंड की अर्थव्यवस्था में बैंकिंग और वित्तीय क्षेत्र की अहम भूमिका
विशेषज्ञों का मानना है कि उत्तराखंड की अर्थव्यवस्था में पर्यटन, कृषि, सेवा और एमएसएमई क्षेत्र की बड़ी भूमिका है। इन क्षेत्रों को गति देने के लिए बैंकिंग और वित्तीय सेवाओं का विस्तार आवश्यक है।
वर्तमान में राज्य के कई पर्वतीय क्षेत्रों में बैंक शाखाओं की कमी है, जिसके कारण ग्रामीण जनता को बैंकिंग सेवाओं के लिए लंबी दूरी तय करनी पड़ती है। इस चुनौती से निपटने के लिए डिजिटल बैंकिंग और मोबाइल बैंकिंग सेवाएं प्रभावी साबित हो सकती हैं।
धामी सरकार का वित्तीय अनुशासन और पारदर्शिता पर फोकस
मुख्यमंत्री धामी ने बैठक में यह भी दोहराया कि राज्य सरकार वित्तीय अनुशासन और पारदर्शिता पर विशेष बल दे रही है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश “डिजिटल इंडिया” की ओर तेजी से अग्रसर है और उत्तराखंड भी इस दिशा में निरंतर प्रगति कर रहा है।
राज्य सरकार का लक्ष्य है कि प्रत्येक नागरिक को न केवल बैंकिंग सुविधाएं मिले बल्कि वे वित्तीय रूप से सशक्त भी बनें।
यह मुलाकात केवल एक शिष्टाचार भेंट नहीं बल्कि उत्तराखंड की वित्तीय संरचना और बैंकिंग विस्तार की दिशा में एक अहम कदम साबित हुई। मुख्यमंत्री धामी और आरबीआई गवर्नर मल्होत्रा के बीच हुई यह बातचीत आने वाले समय में राज्य की अर्थव्यवस्था को नई दिशा दे सकती है।
ग्रामीण इलाकों में बैंकिंग पहुंच, डिजिटल वित्तीय सेवाओं का विस्तार और वित्तीय साक्षरता कार्यक्रमों पर संयुक्त प्रयास से न केवल राज्य की अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी बल्कि यह आम जनता की जिंदगी को भी आसान बनाएगा।