
नई दिल्ली/ब्रासीलिया | सोमवार, 7 जुलाई 2025: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ब्राजील यात्रा और ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में भागीदारी को लेकर सोमवार को विदेश मंत्रालय ने आधिकारिक प्रेस ब्रीफिंग की। मंत्रालय के सचिव (आर्थिक संबंध) दामू रवि ने जानकारी दी कि प्रधानमंत्री मोदी ने ब्रिक्स मंच पर आतंकवाद, वैश्विक शासन सुधार और बहुपक्षीय सहयोग जैसे अहम मुद्दों पर भारत का दृष्टिकोण मजबूती से प्रस्तुत किया।
“पुराने संगठन, नई चुनौतियों में अक्षम”: पीएम मोदी
दामू रवि ने बताया कि प्रधानमंत्री मोदी ने ब्रिक्स सम्मेलन के दौरान कहा कि बीसवीं सदी के वैश्विक संगठन इक्कीसवीं सदी की जटिल और तेजी से बदलती चुनौतियों का सामना करने में अक्षम हैं। उन्होंने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC), अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF), विश्व बैंक और विश्व व्यापार संगठन (WTO) जैसे वैश्विक संस्थानों में त्वरित और समावेशी सुधार की आवश्यकता पर बल दिया।
प्रधानमंत्री ने एक बहुध्रुवीय और समावेशी वैश्विक व्यवस्था की वकालत करते हुए कहा कि इन संस्थाओं को समकालीन वैश्विक यथार्थ का प्रतिबिंब बनना चाहिए।
आतंकवाद पर भारत का कड़ा रुख, पहलगाम हमले का उल्लेख
ब्रिक्स के शांति और सुरक्षा सत्र में प्रधानमंत्री मोदी ने आतंकवाद को मानवता के लिए सबसे गंभीर वैश्विक खतरा बताया। उन्होंने 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले का विशेष रूप से उल्लेख किया और भारत के साथ एकजुटता दिखाने वाले मित्र देशों का आभार जताया।
प्रधानमंत्री ने दो टूक कहा कि “जो ताकतें आतंकवाद को समर्थन और वित्तीय सहायता देती हैं, उन्हें इसके गंभीर परिणाम भुगतने होंगे।” उन्होंने वैश्विक मंचों से आतंकवाद के खिलाफ सामूहिक, निर्णायक कार्रवाई की आवश्यकता पर जोर दिया।
भारत को मिलेगी ब्रिक्स की अध्यक्षता
प्रेस ब्रीफिंग में यह भी बताया गया कि भारत अगले वर्ष ब्रिक्स समूह की अध्यक्षता संभालेगा, जिससे भारत की भूमिका और अधिक प्रभावशाली हो जाएगी। दामू रवि ने कहा कि “भारत ब्रिक्स का संस्थापक सदस्य है और प्रधानमंत्री मोदी की यह यात्रा इस संदर्भ में विशेष महत्व रखती है।”
ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में तेजी से बदलती भू-राजनीतिक परिस्थितियों, वैश्विक दक्षिण की भूमिका, और अंतरराष्ट्रीय आर्थिक संतुलन जैसे विषयों पर गहन चर्चा हुई।