Deprecated: htmlspecialchars(): Passing null to parameter #1 ($string) of type string is deprecated in /home/u147495553/domains/thehillindia.com/public_html/wp-includes/formatting.php on line 4724
देशराजनीति

बिहार मतदाता सूची सत्यापन पर सुप्रीम कोर्ट में बहस तेज, सिब्बल-सिंघवी ने उठाए गंभीर सवाल, फिलहाल रोक से इनकार

नई दिल्ली/पटना | 7 जुलाई 2025: बिहार में चल रहे मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (Special Intensive Revision – SIR) को लेकर सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में अहम सुनवाई हुई। हालांकि सर्वोच्च न्यायालय ने फिलहाल इस प्रक्रिया पर अंतरिम रोक लगाने से इनकार कर दिया है, लेकिन मामले की अगली सुनवाई के लिए गुरुवार, 10 जुलाई की तारीख तय की गई है।

यह मामला अब देशभर की निगाहों में आ गया है क्योंकि याचिकाकर्ताओं का दावा है कि इस सत्यापन प्रक्रिया से लाखों गरीबों, महिलाओं और हाशिए पर मौजूद मतदाताओं के वोटिंग अधिकारों पर खतरा मंडरा रहा है।


सिब्बल की दलील: “लाखों मतदाताओं के अधिकार दांव पर”

मामले की सुनवाई के दौरान वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल, अभिषेक मनु सिंघवी, शादाब फरासत और गोपाल शंकरनारायणन ने अदालत से इस मामले को तुरंत सुनने की अपील की। सिब्बल ने कहा,

“यह केवल एक तकनीकी मामला नहीं, बल्कि लाखों लोगों के संवैधानिक अधिकारों का प्रश्न है। यदि इस प्रक्रिया पर अभी रोक नहीं लगी तो सबसे ज्यादा नुकसान समाज के सबसे कमजोर तबकों को होगा।”

सिंघवी ने की तत्काल रोक की मांग

सिंघवी ने कोर्ट से आग्रह किया कि चुनाव आयोग के इस एकमहीने के समय-सीमा वाले फैसले पर तत्काल रोक लगाई जाए। उन्होंने कहा कि इतने कम समय में बड़ी संख्या में लोगों को सत्यापन के दायरे में लाना अव्यावहारिक है और इससे नागरिकों के वोटर लिस्ट से हटने की आशंका है।

हालांकि, मुख्य न्यायाधीश की पीठ ने फिलहाल अंतरिम रोक लगाने से इनकार करते हुए याचिकाकर्ताओं को निर्देश दिया कि वे अपनी अर्जियों की कॉपी चुनाव आयोग और अन्य पक्षों को तत्काल सौंपें।


अब तक दाखिल हो चुकी हैं चार याचिकाएं

अब तक इस मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट में चार याचिकाएं दाखिल की जा चुकी हैं। याचिकाकर्ताओं में राजद सांसद मनोज झा, एडीआर (Association for Democratic Reforms), पीयूसीएल (PUCL), लोकनीति के योगेंद्र यादव और तृणमूल सांसद महुआ मोइत्रा शामिल हैं।


चुनाव आयोग ने कहा – अफवाहों के बावजूद प्रक्रिया पारदर्शी

इस बीच, चुनाव आयोग की ओर से जारी एक विज्ञप्ति में कहा गया है कि एसआईआर अभियान के शुरुआती चरण को सफलतापूर्वक पूरा किया गया है। आयोग के अनुसार अब तक 1.69 करोड़ गणना प्रपत्र (21.46%) एकत्र किए जा चुके हैं, जबकि 7.25 प्रतिशत फॉर्म आयोग की वेबसाइट पर अपलोड किए गए हैं।

आयोग ने यह भी स्पष्ट किया कि कुछ हलकों में फैलाई जा रही अफवाहों के बावजूद प्रक्रिया में कोई बदलाव नहीं किया गया है।


क्या है SIR? क्यों उठ रहे हैं सवाल

विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) मतदाता सूची में व्यापक शुद्धिकरण और अद्यतन के लिए चलाया जा रहा अभियान है, जो इस साल के अंत में संभावित बिहार विधानसभा चुनाव की तैयारियों का अहम हिस्सा है। लेकिन विपक्षी दलों और नागरिक संगठनों का आरोप है कि यह प्रक्रिया भेदभावपूर्ण तरीके से चलाई जा रही है और वोटर डिलीशन (वोटर लिस्ट से नाम हटाने) का खतरा बढ़ा रही है।

अब पूरे देश की नजर गुरुवार को होने वाली सुनवाई पर टिकी है। यह मामला न केवल बिहार बल्कि पूरे देश के लिए लोकतांत्रिक अधिकारों की कसौटी बनता जा रहा है।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button

Deprecated: htmlspecialchars(): Passing null to parameter #1 ($string) of type string is deprecated in /home/u147495553/domains/thehillindia.com/public_html/wp-includes/formatting.php on line 4724