
देहरादून, 15 सितंबर 2025 (आईएएनएस): उत्तराखंड के मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन ने सोमवार को सचिवालय परिसर का व्यापक निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने न केवल सफाई व्यवस्था और रिकॉर्ड प्रबंधन की समीक्षा की, बल्कि अनुभागों में लंबे समय से पड़ी पुरानी फाइलों की समस्या को भी गंभीरता से उठाया। मुख्य सचिव ने स्पष्ट निर्देश दिए कि सचिवालय के सभी अनुभागों में फाइलों की वीडिंग (छंटनी) प्रक्रिया एक माह के भीतर पूर्ण की जाए।
पुरानी फाइलों के बोझ से परेशान अनुभाग
मुख्य सचिव ने निरीक्षण के दौरान पाया कि कई अनुभाग पुराने दस्तावेजों से भरे पड़े हैं, जिससे कार्यकुशलता प्रभावित हो रही है। उन्होंने कहा कि फाइलों की वीडिंग प्रक्रिया को नियमावली के अनुसार तत्काल प्रभाव से शुरू किया जाए और एक माह के भीतर इसे अनिवार्य रूप से पूरा कर लिया जाए।
उन्होंने सचिवालय प्रशासन को निर्देशित किया कि इस प्रक्रिया के संबंध में निर्धारित नियमों को पुनः प्रसारित कर सभी अनुभागों तक पहुंचाया जाए।
रिकॉर्ड रूम बनाने के निर्देश
मुख्य सचिव ने कहा कि पुराने दस्तावेजों को सुव्यवस्थित ढंग से संरक्षित करना जरूरी है। इसके लिए उन्होंने सचिवालय प्रशासन को शीघ्र ही रिकॉर्ड रूम के लिए स्थान चिन्हित करने और आधुनिक रिकॉर्ड रूम तैयार करने के निर्देश दिए।
उन्होंने कहा कि वीडिंग के बाद जिन फाइलों की आवश्यकता होगी, उन्हें रिकॉर्ड रूम में सुरक्षित रखा जाए, ताकि भविष्य में उनका उपयोग आसानी से हो सके।
पोटा केबिन से मिलेगी स्थान की समस्या से राहत
निरीक्षण के दौरान मुख्य सचिव ने उन अनुभागों पर चिंता जताई जो एक ही कक्ष में संचालित हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि 10 से 12 अनुभागों के लिए तात्कालिक रूप से पोटा केबिन भवन की व्यवस्था की जाए, ताकि विभागों को बेहतर कार्य वातावरण मिल सके और भीड़भाड़ की समस्या समाप्त हो।
यह कदम न केवल प्रशासनिक कार्यों में सुगमता लाएगा, बल्कि कर्मचारियों और अधिकारियों को भी बेहतर सुविधाएं प्रदान करेगा।
निरीक्षण रोस्टर का पालन अनिवार्य
मुख्य सचिव ने यह भी निर्देश दिए कि सचिवालय परिसर के सभी अनुभागों का निरीक्षण रोस्टर पुनः प्रसारित किया जाए और यह सुनिश्चित किया जाए कि अधिकारी समय-सीमा के भीतर अपने अनुभागों का नियमित निरीक्षण करें।
उन्होंने कहा कि रोस्टर का सख्ती से पालन करने से पारदर्शिता बढ़ेगी और कार्य संस्कृति में सुधार आएगा।
सचिवालय भवनों में मूलभूत सुविधाएं हों दुरुस्त
मुख्य सचिव ने सचिवालय परिसर के अंतर्गत आने वाले सभी भवनों का निरीक्षण करते हुए यह सुनिश्चित करने के निर्देश दिए कि मूलभूत सुविधाएं जैसे साफ-सफाई, जलापूर्ति, विद्युत व्यवस्था और बैठने की व्यवस्था दुरुस्त रखी जाए।
उन्होंने कहा कि सचिवालय राज्य प्रशासन का केंद्र है और यहां आने वाले कर्मचारियों, अधिकारियों तथा आगंतुकों के लिए बेहतर वातावरण सुनिश्चित किया जाना चाहिए।
प्रशासनिक सुधार की दिशा में बड़ा कदम
विशेषज्ञों का मानना है कि सचिवालय में फाइलों की वीडिंग और रिकॉर्ड रूम की व्यवस्था प्रशासनिक सुधार की दिशा में बड़ा कदम है। वर्षों से फाइलों के ढेर में दबे अनुभागों में कार्यकुशलता प्रभावित हो रही थी। अब जब मुख्य सचिव ने एक माह की समय सीमा तय कर दी है, तो निश्चित रूप से यह प्रक्रिया तेजी से पूरी होगी।
पोटा केबिन की व्यवस्था से अनुभागों को पर्याप्त स्थान मिलेगा, जिससे कामकाज और भी व्यवस्थित और तेज गति से हो सकेगा।
पारदर्शिता और कार्यकुशलता पर जोर
मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन का यह निरीक्षण संदेश देता है कि राज्य सरकार पारदर्शिता और कार्यकुशलता को लेकर गंभीर है। सचिवालय प्रशासन को समय-सीमा में सुधारात्मक कदम उठाने के निर्देश यह दर्शाते हैं कि सरकार नौकरशाही के भीतर बेहतर कार्यसंस्कृति स्थापित करना चाहती है।
भविष्य की दृष्टि
मुख्य सचिव ने जिस तरह सचिवालय परिसर की समस्याओं को चिन्हित कर ठोस कदम उठाने की दिशा में निर्देश दिए हैं, उससे साफ है कि आने वाले दिनों में सचिवालय न केवल बेहतर सुविधाओं से लैस होगा, बल्कि दस्तावेज़ प्रबंधन और प्रशासनिक कार्यों में भी उल्लेखनीय सुधार देखने को मिलेगा।
इस अवसर पर सचिव दीपेन्द्र कुमार चौधरी भी उपस्थित रहे।
सचिवालय परिसर का यह निरीक्षण केवल औपचारिकता नहीं था, बल्कि प्रशासनिक सुधार का ठोस संकेत है। एक माह में फाइलों की वीडिंग, रिकॉर्ड रूम का निर्माण, पोटा केबिन की व्यवस्था और निरीक्षण रोस्टर का सख्त पालन – ये सभी कदम मिलकर सचिवालय की कार्यप्रणाली को नई गति और पारदर्शिता देंगे। उत्तराखंड सरकार के लिए यह पहल गवर्नेंस को और अधिक जवाबदेह व कुशल बनाने की दिशा में अहम साबित होगी।