
नई दिल्ली | प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में भारत सेमीकंडक्टर मिशन के तहत एक नई सेमीकंडक्टर निर्माण इकाई को मंजूरी दे दी गई है। यह इकाई एचसीएल और फॉक्सकॉन के संयुक्त उद्यम के रूप में यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (YEIDA) क्षेत्र में जेवर एयरपोर्ट के निकट स्थापित की जाएगी।
इस अत्याधुनिक सेमीकंडक्टर संयंत्र में 3,700 करोड़ रुपये का अनुमानित निवेश किया जाएगा। यह संयंत्र मोबाइल फोन, लैपटॉप, ऑटोमोबाइल, पीसी और डिस्प्ले उपकरणों के लिए डिस्प्ले ड्राइवर चिप्स का निर्माण करेगा। इसकी उत्पादन क्षमता 20,000 वेफर्स प्रति माह तथा डिज़ाइन आउटपुट क्षमता 36 मिलियन यूनिट प्रति माह तय की गई है।
यह परियोजना भारत सरकार के “आत्मनिर्भर भारत” के दृष्टिकोण को मजबूती प्रदान करेगी। देश में पहले ही पाँच सेमीकंडक्टर इकाइयाँ निर्माण के उन्नत चरणों में हैं और यह छठी इकाई भारत को वैश्विक सेमीकंडक्टर हब के रूप में उभारने की दिशा में अहम कदम मानी जा रही है।
एचसीएल के पास इलेक्ट्रॉनिक हार्डवेयर निर्माण का लंबा अनुभव है, जबकि फॉक्सकॉन दुनिया की प्रमुख इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग कंपनियों में से एक है। दोनों कंपनियों की साझेदारी भारत में तकनीकी बुनियादी ढांचे और रोजगार के अवसरों को नई ऊंचाई देगी।
वर्तमान में देश के 270 शैक्षणिक संस्थानों और 70 से अधिक स्टार्टअप्स में छात्र और नवप्रवर्तक सेमीकंडक्टर डिज़ाइन पर कार्य कर रहे हैं। अब तक 20 से अधिक उत्पादों को एससीएल, मोहाली के माध्यम से टेप आउट किया जा चुका है। राज्य सरकारें भी डिज़ाइन फर्मों को सहयोग देने के लिए सक्रिय भूमिका निभा रही हैं।
भारत में अब एप्लाइड मैटेरियल्स, लैम रिसर्च, मर्क, लिंडे, आईनॉक्स और एयर लिक्विड जैसी वैश्विक आपूर्तिकर्ता कंपनियों की उपस्थिति से एक पूर्ण सेमीकंडक्टर इकोसिस्टम विकसित हो रहा है।
भारत में लैपटॉप, मोबाइल, सर्वर, मेडिकल उपकरण, रक्षा उपकरण और कंज्यूमर इलेक्ट्रॉनिक्स के तेजी से हो रहे उत्पादन के कारण सेमीकंडक्टर की मांग लगातार बढ़ रही है। यह नई इकाई न केवल आत्मनिर्भर भारत के लक्ष्य को मजबूती देगी बल्कि हजारों नौकरियों के अवसर भी सृजित करेगी।