
नई दिल्ली/गुरुग्राम: प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने गुरुग्राम लैंड स्कैम मामले में कांग्रेस नेता सोनिया गांधी के दामाद रॉबर्ट वाड्रा के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपों में चार्जशीट दाखिल की है। यह चार्जशीट दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट में दायर की गई है, जिसमें वाड्रा समेत कुल 11 व्यक्तियों और कंपनियों को आरोपी बनाया गया है।
ईडी के अनुसार, वाड्रा की कंपनी Skylight Hospitality Pvt. Ltd. ने वर्ष 2008 में गुरुग्राम के सेक्टर-83 स्थित शिकोहपुर गांव में करीब 3.53 एकड़ जमीन खरीदी थी, जिसकी कीमत लगभग 7.5 करोड़ रुपये थी। आरोप है कि इस जमीन का सौदा ओंकारेश्वर प्रॉपर्टीज प्रा. लि. से फर्जी दस्तावेज़ों और गलत जानकारी के आधार पर किया गया था।
58 करोड़ की जमीन सिर्फ 1 लाख की पूंजी वाली कंपनी ने खरीदी
ईडी की चार्जशीट में दावा किया गया है कि जिस समय Skylight Hospitality के पास मात्र 1 लाख रुपये की पूंजी थी, उसी दौरान उसने 58 करोड़ रुपये की जमीन का सौदा किया। यह सौदा उस समय हुआ जब हरियाणा में कांग्रेस की सरकार थी और भूपेंद्र सिंह हुड्डा मुख्यमंत्री थे। बाद में इस जमीन के लिए कमर्शियल कॉलोनी डेवलपमेंट का लाइसेंस भी हासिल कर लिया गया, हालांकि जमीन पर कोई निर्माण कार्य नहीं किया गया।
43 संपत्तियों की अटैचमेंट, 37.64 करोड़ की कीमत
प्रवर्तन निदेशालय ने वाड्रा और उनकी कंपनियों की कुल 43 प्रॉपर्टीज़ अटैच की हैं, जिनकी अनुमानित कीमत 37.64 करोड़ रुपये बताई जा रही है। आरोपियों में वाड्रा, Skylight Hospitality, ओंकारेश्वर प्रॉपर्टीज़ के अधिकारी सत्यनंद याजी, केवल सिंह विरक और अन्य शामिल हैं।
शिकायत, एफआईआर और ईडी की पूछताछ
यह मामला पहली बार तब सामने आया जब सितंबर 2018 में शिकायतकर्ता सुरेन्द्र शर्मा ने खेड़की दौला थाने में IPC की धारा 420 और 467 के तहत शिकायत दर्ज करवाई थी। इसमें धोखाधड़ी और दस्तावेज़ों में हेरफेर के आरोप लगाए गए। इसके बाद ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत जांच शुरू की और अप्रैल 2025 में वाड्रा को कई बार पूछताछ के लिए बुलाया।
वाड्रा की सफाई: ‘राजनीतिक प्रतिशोध’ का आरोप
रॉबर्ट वाड्रा ने ईडी की कार्रवाई को लेकर कहा कि यह राजनीतिक बदले की भावना से प्रेरित है और सरकारी एजेंसियों का दुरुपयोग हो रहा है। उनका यह भी दावा है कि उन्होंने 2019 में ही सभी जरूरी दस्तावेज़ जमा कर दिए थे और पूछताछ में पूरा सहयोग दिया है।