
देहरादून, 14 नवंबर। उत्तराखंड में सुरक्षा व्यवस्था को सुदृढ़ बनाने के उद्देश्य से राज्य सरकार ने शुक्रवार को एक महत्वपूर्ण कदम उठाया। गृह सचिव शैलेश बगौली ने सचिवालय में वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों, सभी जिलों के जिलाधिकारियों (DM) और पुलिस अधीक्षकों (SP) के साथ उच्च-स्तरीय बैठक कर प्रदेश की समग्र सुरक्षा व्यवस्था की व्यापक समीक्षा की। बैठक में राज्य के मैदानी और पर्वतीय दोनों क्षेत्रों में सतर्कता बढ़ाने के साथ ही अंतर-राज्यीय और अंतरराष्ट्रीय सीमाओं पर कड़ी निगरानी रखने के स्पष्ट निर्देश दिए गए।
यह बैठक ऐसे समय में आयोजित हुई है जब देशभर में त्योहारों और पर्यटन सीज़न के साथ संवेदनशील भीड़भाड़ वाले क्षेत्रों में सुरक्षा चुनौतियाँ बढ़ रही हैं। उत्तराखंड, जहां लाखों तीर्थयात्री और पर्यटक सालभर आते हैं, वहां सुरक्षा एक महत्वपूर्ण प्राथमिकता है। इसी परिप्रेक्ष्य में गृह सचिव ने सभी जिलों को सुरक्षा उपायों में और अधिक कठोरता बरतने के लिए कहा।
राज्यभर में सतर्कता बढ़ाने के निर्देश, बॉर्डर पुलिसिंग को मजबूत करने पर जोर
बैठक में गृह सचिव बगौली ने स्पष्ट कहा कि सुरक्षा व्यवस्था में कोई ढिलाई बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने निर्देश दिया कि उत्तराखंड-उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड-हिमाचल और उत्तराखंड-नेपाल सीमा पर लगातार सघन चेकिंग अभियान चलाए जाएं। खासतौर पर इंटरनेशनल बॉर्डर पर तैनात पुलिस और SSB के साथ समन्वय को और मजबूत करने की बात कही गई।
उन्होंने यह भी कहा कि पर्वतीय क्षेत्रों में छोटे रास्तों, पहाड़ी मार्गों, गैर-परंपरागत आवाजाही प्वाइंट्स (informal routes) पर भी विशेष निगरानी रखी जाए क्योंकि असामाजिक तत्व अक्सर ऐसी जगहों का प्रयोग करते हैं।
गृह सचिव ने सीमावर्ती जिलों के DM और SP को हर गतिविधि पर real-time vigilance रखने और किसी भी संदिग्ध गतिविधि पर तुरंत कार्रवाई सुनिश्चित करने के निर्देश दिए।
बॉर्डर और संवेदनशील इलाकों में ANPR कैमरे लगाने की योजना तेज
बैठक का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा रहा ANPR (Automatic Number Plate Recognition) कैमरे लगाने का निर्णय। गृह सचिव ने कहा कि राज्य के बॉर्डर क्षेत्रों और अन्य संवेदनशील स्थानों पर ANPR कैमरे लगाए जाएंगे, ताकि संदिग्ध वाहनों की निगरानी और ट्रैकिंग पहले से कहीं ज्यादा सटीक व प्रभावी हो सके।
उन्होंने कहा कि कई राज्यों में ANPR तकनीक ने गंभीर अपराधों की रोकथाम, फरार अभियुक्तों की पहचान, वाहन चोरी के मामलों और अवैध गतिविधियों को रोकने में उल्लेखनीय सफलता दी है। इसी तकनीक को अब उत्तराखंड के सभी महत्वपूर्ण प्रवेश मार्गों पर लागू करने की तैयारी है।
गृह सचिव के अनुसार:
- सीमावर्ती चेकपोस्ट
- एयरपोर्ट, रेलवे स्टेशन और बस स्टैंड
- शहरों के प्रमुख प्रवेश द्वार
- धार्मिक और पर्यटन स्थलों के आसपास
ANPR कैमरों की तैनाती प्राथमिकता के साथ की जाएगी।
धार्मिक स्थलों और पर्यटन क्षेत्रों की सुरक्षा को शीर्ष प्राथमिकता
उत्तराखंड पर्यटन और तीर्थाटन का प्रमुख केंद्र है। ऐसे में धार्मिक स्थलों और पर्यटन स्थलों की सुरक्षा बैठक में एक प्रमुख विषय रही। गृह सचिव ने चारधाम मार्ग, हरिद्वार, ऋषिकेश, नैनीताल, मसूरी, पिथौरागढ़, बदरीनाथ-केदारनाथ क्षेत्र सहित अन्य लोकप्रिय स्थानों पर चेकिंग अभियान तेज करने के निर्देश दिए।
उन्होंने कहा कि धार्मिक आयोजनों और पर्यटकों की अधिक संख्या वाले स्थानों पर पुलिस की अतिरिक्त तैनाती होनी चाहिए। आकस्मिक भीड़ प्रबंधन, आपदा प्रतिक्रिया और मार्गदर्शन व्यवस्था को भी और बेहतर करने की दिशा में विशेष योजना बनाई जानी चाहिए।
शहरों में CCTV नेटवर्क को पूरी तरह दुरुस्त करने के निर्देश
मुख्यमंत्री और गृह विभाग की प्राथमिकता सूची में उत्तराखंड के शहरी क्षेत्रों का CCTV नेटवर्क भी शामिल है। बैठक में गृह सचिव ने कहा कि शहरों, मुख्य बाजारों, भीड़भाड़ वाले चौराहों, संवेदनशील इलाकों और सरकारी कार्यालयों के आसपास के क्षेत्र पूरी तरह CCTV कवरेज में होने चाहिए।
उन्होंने तकनीकी टीमों को निर्देशित किया कि:
- सभी कैमरों की लाइव निगरानी 24×7 हो
- खराब कैमरों की मरम्मत तत्काल की जाए
- कंट्रोल रूम की रेस्पॉन्स टाइम में सुधार किया जाए
- फुटेज बैकअप और स्टोरेज सिस्टम मजबूत किया जाए
इसके अलावा उन्होंने कहा कि आधुनिक सुरक्षा तकनीकों और इंटेलिजेंस इनपुट का उपयोग बढ़ाना समय की आवश्यकता है।
प्रशासनिक तंत्र को आवश्यक संसाधन तत्काल उपलब्ध कराने के निर्देश
बैठक में गृह सचिव ने कहा कि राज्य सरकार सुरक्षा व्यवस्था को लेकर पूरी तरह प्रतिबद्ध है और किसी भी जिले को यदि अतिरिक्त संसाधनों—चाहे वह मैनपावर, तकनीकी उपकरण, मोबाइल पेट्रोलिंग यूनिट या विशेष फोर्स—की जरूरत हो, तो उसे तुरंत मुख्यालय को सूचित करना चाहिए।
उन्होंने स्पष्ट किया कि:
“राज्यवासियों और पर्यटकों की सुरक्षा सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। सुरक्षा से समझौता नहीं किया जाएगा। किसी भी जिले को संसाधनों की कमी नहीं होने दी जाएगी।”
सरकारी कार्यालयों के आसपास भी CCTV कवरेज अनिवार्य
बैठक में सरकारी दफ्तरों, सचिवालय, कोर्ट परिसर, जिला कार्यालय, ब्लॉक कार्यालय और अन्य प्रशासनिक भवनों के आसपास सुरक्षा घेरा मजबूत करने पर भी जोर दिया गया। गृह सचिव ने निर्देश दिया कि इन क्षेत्रों में भी CCTV कवर अनिवार्य रूप से पूरा किया जाए और सुरक्षा जांच की व्यवस्था नियमित रूप से अपडेट की जाए।
उन्होंने कहा कि महत्वपूर्ण दस्तावेजों, फाइलों और संवेदनशील रिकॉर्ड्स को सुरक्षित रखने के लिए डिजिटल सिक्योरिटी सिस्टम को भी मजबूत किया जाना चाहिए।
जनता से सुरक्षा मानकों के पालन की अपील
गृह सचिव बगौली ने राज्य के नागरिकों से भी सहयोग की अपील करते हुए कहा कि सुरक्षा व्यवस्था तभी सफल होती है जब जनता भी प्रशासन का साथ देती है। उन्होंने लोगों से आग्रह किया कि:
- संदिग्ध व्यक्ति या वस्तु की जानकारी तुरंत पुलिस को दें
- भीड़भाड़ वाले स्थानों पर सतर्क रहें
- ट्रैफिक नियमों का पालन करें
- सुरक्षा जांच में सहयोग करें
उन्होंने कहा कि सरकार और प्रशासन की ओर से पूरी व्यवस्था की जा रही है, लेकिन सामुदायिक सतर्कता भी एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।
बैठक में शीर्ष अधिकारी रहे मौजूद
इस उच्च-स्तरीय बैठक में राज्य पुलिस के शीर्ष अधिकारी भी मौजूद रहे।
उपस्थित रहे:
- एडीजी अभिनव कुमार
- एडीजी वी. मुर्गेशन
- सभी जिले के जिलाधिकारी (DM) — वर्चुअल माध्यम से
- सभी जिले के पुलिस अधीक्षक (SP) — वर्चुअल माध्यम से
पूरी बैठक लगभग दो घंटे तक चली, जिसमें जिलों द्वारा मौजूदा सुरक्षा व्यवस्थाओं की प्रगति रिपोर्ट, चुनौतियों और आवश्यकताओं पर विस्तृत चर्चा की गई।
उत्तराखंड सरकार की यह सुरक्षा समीक्षा बैठक स्पष्ट रूप से दर्शाती है कि राज्य प्रशासन सुरक्षा को लेकर बेहद सतर्क और सक्रिय है। आने वाले दिनों में बॉर्डर क्षेत्रों, प्रमुख धार्मिक मार्गों, शहरी चौकियों और संवेदनशील इलाकों में सुरक्षा और तकनीकी व्यवस्था को और अधिक उन्नत और संगठित रूप दिया जाएगा। ANPR कैमरों की स्थापना, CCTV मॉनिटरिंग, इंटेलिजेंस नेटवर्क और प्रशासनिक संसाधनों के बेहतर उपयोग से राज्य की सुरक्षा संरचना पहले से अधिक मज़बूत होने की उम्मीद है।



