नई दिल्ली, 14 जुलाई 2025: भारत की संसद में तकनीकी प्रगति की दिशा में एक और बड़ा कदम उठाया गया है। लोकसभा में सांसदों की उपस्थिति दर्ज करने की प्रक्रिया अब पूरी तरह डिजिटल कर दी गई है। आगामी सत्र से सांसदों को उपस्थिति रजिस्टर में हस्ताक्षर करने की आवश्यकता नहीं होगी। इसके स्थान पर, वे मल्टी मीडिया डिवाइस (MMD) के माध्यम से ऑनलाइन उपस्थिति दर्ज कर सकेंगे।
कैसे काम करेगा नया सिस्टम?
नई प्रणाली के तहत, प्रत्येक सांसद अपनी निर्धारित सीट पर बैठकर MMD का उपयोग करते हुए अपनी उपस्थिति दर्ज कर सकेगा। यह प्रक्रिया निम्नलिखित तरीकों से संभव होगी:
- थंब इम्प्रेशन (बायोमैट्रिक)
- पर्सनल पिन नंबर
- MMD कार्ड (RFID आधारित सिस्टम)
प्रक्रिया का उद्देश्य और लाभ
पुरानी प्रणाली में सांसदों को संसद भवन में प्रवेश के बाद उपस्थिति रजिस्टर पर हस्ताक्षर करने के लिए लाइन में लगना पड़ता था, जिससे समय की हानि होती थी और असुविधा भी होती थी।
नई व्यवस्था से:
- सांसदों को लाइन में खड़े होने की आवश्यकता नहीं होगी।
- सालाना औसतन 3.5 घंटे का समय एक सांसद का बचेगा।
- डेटा एकत्रीकरण और रिकॉर्ड संधारण अधिक सटीक और तेज़ होगा।
लोकसभा में लागू, राज्यसभा में जल्द विस्तार
इस डिजिटल उपस्थिति प्रणाली की शुरुआत फिलहाल लोकसभा में इस सत्र से की जा रही है। राज्यसभा में फिलहाल पूर्ववत प्रक्रिया जारी रहेगी, लेकिन निकट भविष्य में वहां भी इसे लागू करने की योजना है।
डिजिटल संसद की दिशा में अग्रसर भारत
यह पहल लोकसभा अध्यक्ष द्वारा संसद को तकनीकी रूप से अधिक सक्षम और समय-संवेदनशील बनाने के दृष्टिकोण का हिस्सा है। इससे संसद की कार्यकुशलता में सुधार होगा और सांसदों को अपने कर्तव्यों के लिए अधिक समय मिलेगा।



