
देहरादून : मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने आज ओएनजीसी कम्युनिटी सेंटर, देहरादून में आयोजित ऑल इंडिया ऑयल सेक्टर मीट कार्यक्रम में भाग लिया और राज्य के ऊर्जा क्षेत्र की दिशा में हो रहे विकास कार्यों को रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में इकॉनमी, इकोलॉजी और टेक्नोलॉजी के समन्वय से ग्रीन एनर्जी को बढ़ावा देने का कार्य तेजी से चल रहा है।
उत्तराखंड को बन रहा ऊर्जा हब
मुख्यमंत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री सौर स्वरोजगार योजना के माध्यम से हरित और स्वच्छ ऊर्जा को प्रोत्साहन दिया जा रहा है। टिहरी, कोटेश्वर, पीपलकोटी, लखवाड़ और विष्णुगाड जैसी जल विद्युत परियोजनाएं उत्तराखंड को ऊर्जा हब के रूप में स्थापित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं। उन्होंने यह भी बताया कि जियो थर्मल एनर्जी के क्षेत्र में भी राज्य सरकार नए अवसरों की खोज कर रही है।
ओएनजीसी की भूमिका सराहनीय
मुख्यमंत्री ने ओएनजीसी की सराहना करते हुए कहा कि यह संस्था देश में कच्चे तेल के 70% और प्राकृतिक गैस के 84% उत्पादन में योगदान कर रही है, जो भारत की ऊर्जा सुरक्षा में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है। उन्होंने कहा कि प्राकृतिक संसाधन किसी भी राष्ट्र की प्रगति की रीढ़ होते हैं और ऊर्जा देश की विकास यात्रा का मूल आधार है।
आत्मनिर्भर भारत की ओर तेज़ी से बढ़ता देश
श्री धामी ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री मोदी के आत्मनिर्भर और विकसित भारत के संकल्प को साकार करने के लिए ऊर्जा क्षेत्र में अनेक कदम उठाए जा रहे हैं। उन्होंने पेट्रोलियम भंडारण, ग्रीन हाइड्रोजन, और सौर ऊर्जा को बढ़ावा देने की दिशा में उठाए गए प्रयासों की जानकारी दी और कहा कि यह सभी कदम भारत को ऊर्जा के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बना रहे हैं।
गैस वितरण और स्वच्छ ऊर्जा पर ज़ोर
मुख्यमंत्री ने बताया कि ‘वन नेशन, वन ग्रिड’ के तहत गैस पाइपलाइनों का विस्तार किया जा रहा है और बायो सीएनजी प्लांट भी लगाए जा रहे हैं। उज्ज्वला योजना जैसे कार्यक्रमों ने समाज में स्वास्थ्य और जीवनशैली की क्रांति ला दी है। उन्होंने कहा कि भारत ने विदेशों में भी तेल और गैस क्षेत्र में निवेश को बढ़ावा दिया है।
इस अवसर पर भारतीय मजदूर संघ के अध्यक्ष श्री हिरान्मय पंड्या, श्री अनुपम, श्री गोपाल जोशी, श्री नीरज शर्मा, श्री पवन कुमार, श्री देवेंद्र बिष्ट, श्री सुमित सिंघल सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे।
मुख्यमंत्री का यह संदेश स्पष्ट था कि उत्तराखंड न केवल प्राकृतिक संसाधनों में समृद्ध है, बल्कि आने वाले समय में यह राज्य ऊर्जा उत्पादन और स्वच्छ ऊर्जा के क्षेत्र में देश का अग्रणी राज्य बनने की ओर अग्रसर है।