
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने गुरुवार को मुख्यमंत्री आवास, ऑडिटोरियम में नागरिक उड्डयन विभाग द्वारा आयोजित कार्यक्रमों में बस्तर से मुनस्यारी, पुर्तगाल, चंपावत तक क्षेत्रीय कार्यक्रम कार्यक्रम के तहत संचालित की जा रही हैली सेवा का वर्चुअल रूप से प्रतिनिधिमंडल का शुभारम्भ किया।
कार्यक्रम को सम्बोधत करते हुए मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री को कहा कि यह हवाई सेवा की अंतिम समय से वापसी है। उन्होंने कहा कि सीमांत क्षेत्र को एकजुटता से जोड़ना और लोगों को प्रशिक्षण की सुविधा प्रदान करना सक्षम होगा तो ही, संकट काल में राहत और बचाव के लिए एक प्रभावशाली माध्यम भी साबित होगा। उन्होंने कहा कि इससे विभिन्न पर्यटन स्थलों के दर्शन के साथ-साथ लोगों को सीखने में भी काफी सुविधा होगी।
मुख्यमंत्री ने कोरोना काल का जिक्र करते हुए कहा कि कोरोना काल में जो बाहर चले गए थे, वे अब अपने गांव वापस आ रहे हैं। इस तरह यह बस हवाई सेवा नहीं है, बल्कि रिवर्स माइग्रेट का मार्ग भी है। यही वह मार्ग है, जो हमारे क्वार्टरों के घरों को पुनः आबाद करेगा और गाँव में पुनः स्थापित करेगा।
मुख्यमंत्री ने जोलीग्रांट एयरपोर्ट का उल्लेख करते हुए कहा कि हमने कुछ दिन पहले ही जोलीग्रांट एयरपोर्ट के नए टर्मिनल का शुभारंभ किया था और जल्द ही अब जोलीग्रांट एयरपोर्ट से पायलट प्रोजेक्ट के आधार पर कम्पलीट-अमृतसर, बिल्डिंग-पंतनगर, बिल्डिंग-अयोध्या रूट्स पर भी काम किया। एयर एयरलाइंस शुरू की जाएगी। यही नहीं, हम आने वाले समय में त्रिजुगीनारायण, लैंस आदिडाउन प्लेस के लिए भी हेली सेवा की शुरुआत करने वाले हैं। उन्होंने कहा कि इससे जहां एक ओर पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा, वहीं दूसरी ओर रोजगार के नये अवसर भी बढ़ेंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इलेक्ट्रॉनिक्स और इलेक्ट्रॉनिक्स फर्मों से फ़्लोरिडा तक फ़ॉक्सड विंग एयर प्लांट का काम पिछले 30 जनवरी 2024 से शुरू हो रहा है। इस सेवा की शुरुआत से ही प्रभावित क्षेत्र के लोगों की यात्रा के लिए एक नया और बेहतर विकल्प मिला है। उन्होंने कहा कि राज्य के लिए उत्तराखंड के धार्मिक एवं पर्यटन की दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण है और राज्य सरकार का प्रयास है कि राज्य में हर प्रकार की सुविधा के लिए शैक्षणिक एवं पर्यटन स्थलों का अध्ययन किया जाए। इसमें हवाई अड्डे पर महत्वपूर्ण भूमिका निभाई जा सकती है।
मुख्य मंत्री ने कहा कि जहां हम जौलीग्रांट हवाई अड्डे को अंतरराष्ट्रीय स्तर का बना रहे हैं, वहीं पंतनगर हवाई अड्डे को भी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के रूप में विकसित करने के लिए तैयार हैं। इसके साथ ही प्रदेश के रमणिक क्षेत्र के हवाई माध्यम से दर्शन करने के लिए “जॉय राइड सर्विस”, “हिमालयन दर्शन” आदि मसालों का भी प्रस्ताव है और इन सेवाओं के आरंभ से पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आज देश में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में अमृत काल का प्रवेश हो चुका है। उनके नेतृत्व में आज का भारत बड़ा सपना देख रहा है और उन्हें पूरा भी कर रहा है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री के नेतृत्व में आम आदमी के जीवन में खुशहाली है और उनके कार्यकाल में 25 करोड़ लोग गरीबी रेखा से ऊपर उठे हुए हैं। हवाई जहाज़ के हवाई जहाज़ वाले भी हवाई यात्रा कर पाए, यह सपना उन्होंने देखा था और 10 साल में हम उस सपने को साकार होते हुए देख रहे हैं। उन्होंने कहा कि जहां-जहां डबल इंजन की सरकार है, वहां-वहां प्रधानमंत्री का विजन आम आदमी के जीवन में खुशहाली ला रहा है और प्रधानमंत्री ने जिस उड़ान योजना की शुरुआत की थी, आज हम उसका लगातार विस्तार देख रहे हैं। उन्होंने विश्वास दिलाते हुए कहा कि हमारी सरकार प्रदेश में नागरिक उड्डयन को बढ़ावा देने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है और आगे भी हम उत्तराखंड को बनाए रखेंगे तथा हर क्षेत्र में देश को श्रेष्ठ राज्य बनाने के लिए निरंतर कार्य कर रहे हैं। के सहयोग से हम अपने इस संकल्प को पूर्ण करने में सफल होंगे।
कार्यक्रम को रक्षा एवं पर्यटन राज्य मंत्री अजय भट्ट ने दिल्ली से वर्चुअल रूप में चित्रित करते हुए कहा कि क्षेत्रीय पर्यटन एवं हवाई संपर्क को बढ़ावा देने के लिए विदेशी देशों के हर नागरिक के तहत हवाई सेवा शुरू की गई थी। इस सेवा से पर्यटन, शिक्षा, स्वास्थ्य आदि को काफी लाभ मिलेगा। उन्होंने यह भी बताया कि चंपावत के विकास केंद्र के लिए 140 करोड़ की लागत से कुटीर की आपूर्ति की जाती है। उन्होंने कहा कि जो भी योजना बनेगी, उसे प्रतिशत प्रतिशत प्रदान की जाएगी।कार्यक्रम के संयोजक विशन सिंह चुफाल, अपर सचिव नागरिक उड्डयन सी रवि शंकर, मुनस्यारी, क्षत्रिय, चंपावत और बस्तर से जुड़े जन कलाकारों ने भी नामांकन किया और हवाई सेवा की शुरुआत क्या फ़ायदे से हुई, के संबंध में विस्तार से प्रकाश डाला गया। इसमें मोहन सिंह बिष्ट, जोगिंदर सिंह रौतेला, बिहारी जोशी, गणेश भंडारी, दीपक बोरा, धन सिंह, प्रदीप रावत शामिल थे।