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पाकिस्तान पुलिस ने लाहौर हाईकोर्ट का आदेश के बाद भी, अहमदी समुदाय के धर्म स्थलों को बनाया निशाना

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पाकिस्तान में कभी राजनीतिक उथल पुथल तो कभी सामाजिक अस्थिरता पाकिस्तान के लिए नासूर बन चुकी है। कार्यवाहक प्रधानमंत्री के सहारे जैसे तैसे देश चल रहा है। इसी बीच पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में पुलिस ने शुक्रवार को अहमदी समुदाय के एक पूजा स्थल के मेहराब को नष्ट कर दिया। इससे पहले 1984 से पहले बने अल्पसंख्यक समुदाय के पूजा स्थलों के खिलाफ इस तरह की कार्रवाई पर प्रतिबंध लगाने को लेकर लौहार हाईकोर्ट आदेश दे चुका है, इसके बावजूद यह कार्रवाईयां जारी हैं। जमात-ए-अहमदिया पाकिस्तान के अधिकारी अमीर महमूद ने शुक्रवार को बताया कि लाहौर पुलिस ने शाहदरा टाउन में सड़क को दोनों ओर से अवरुद्ध कर दिया और वहां एक पूजा स्थल के मेहराब को ध्वस्त करने के लिए श्रमिकों को तैनात किया।

उन्होंने कहा कि लगभग 20 पुलिसकर्मी लाहौर के शाहदरा टाउन में अहमदिया पूजा स्थल पर पहुंचे, और मांग की कि अहमदी स्वयं वहां के मेहराबों को ध्वस्त कर दें, या पुलिस ऐसा करेगी। पुलिस के अनुसार, शहर के अहमदी समुदाय को पूजा स्थलों के मेहराब को ध्वस्त करने के लिए कहा गया था क्योंकि इससे क्षेत्र में कानून-व्यवस्था की स्थिति पैदा हो रही थी। पुलिस ने कहा कि अनुपालन न करने पर मेहराब को ध्वस्त कर दिया गया। तहरीक-ए-लब्बैक पाकिस्तान (टीएलपी) के कट्टरपंथी इस्लामवादी कथित तौर पर अहमदियों के खिलाफ नफरत फैलाने और उनके पूजा स्थलों के खिलाफ पुलिस कार्रवाई की मांग करने में सबसे आगे हैं। अहमदी समुदाय का कहना है कि पुलिस के लिए अल्पसंख्यक समुदाय पर उनकी सुरक्षा करने के बजाय उनके पूजा स्थलों को अपवित्र करने के लिए दबाव डालना आम बात हो गई है।

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