
लोकसभा चुनाव सिर पर है. कांग्रेस के साथ सीटों के बंटवारे पर बातचीत शुरू हो गई है. गठबंधन में मायावती की एंट्री होने की अटकलें लग रही हैं. अखिलेश यादव ने पार्टी के नेताओं को वोट बढ़ाने का टास्क दिया है. पर समाजवादी पार्टी के कई नेता इन दिनों अपने ही एक सीनियर साथी से परेशान हैं. समझ में नहीं आ रहा है. समाजवादी पार्टी के नेता, जिनसे परेशान हैं, वे बीएसपी और बीजेपी के रास्ते उनके पास आए हैं. उनकी बेटी अभी भी बीजेपी से सांसद हैं. पार्टी अनुशासन के नाम पर कुछ चुप हैं. लेकिन अब कुछ विधेयकों ने अब आर-पार की लड़ाई का मन बना लिया है.
मंगलवार को समाजवादी पार्टी ऑफिस में विधायकों की मीटिंग थी. इस बैठक में 2022 का विधानसभा चुनाव हार चुके नेताओं को भी बुलाया गया था. अखिलेश ने जैसे ही नेताओं से सुझाव मांगे. स्वामी प्रसाद मौर्य के खिलाफ शिकायतों की लाईन लग गई. अमेठी जिले से विधायक राकेश प्रताप सिंह ने कहा कि मौर्य बेवजह ऐसे बयान दे रहे हैं, जिससे हिंदुओं की भावना आहत होती है. इससे हमारा वोटर हमसे दूर चला जाएगा.इसके बाद तो देखते ही देखते कई विधायकों और नेताओं ने स्वामी के खिलाफ आरोपों की झड़ी लगा दी.
कुछ नेता तो उठ कर जोर-जोर से अपनी बात कहने लगे. तीन नेताओं ने स्वामी प्रसाद मौर्य पर कड़ी कार्रवाई की मांग की है. कुछ ने सुझाव दे दिया कि उन्हें पार्टी से बाहर कर दिया जाए. समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने अपने नेताओं को शांत कराया. उन्होंने बताया कि स्वामी प्रसाद मौर्य सीनियर लीडर हैं. विवादित बयान न देने के लिए उन्हें कई बार कहा जा चुका है. अखिलेश ने बताया कि एक बार तो डिंपल यादव भी उन्हें टोंक चुकी हैं. इस पर मीटिंग में मौजूद नेताओं ने कहा कि मौर्य तो फिर भी नहीं मान रहे हैं.