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स्वामी प्रसाद मौर्य, स्टालिन अब बिहार के शिक्षा मंत्री…, रामचरितमानस और सनातन को लेकर विवादित बयान

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2024 के लोकसभा चुनाव से ठीक पहले रामचरितमानस से लेकर सनातन पर विवाद थम ही नहीं ले रहा है. रामचरितमानस को लेकर बिहार के शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर ने एक बार फिर टिप्पणी की है. उन्होंने कहा कि रामचारितमानस पोटाशियम साइनाइड की तरह है, जब तक यह रहेगा तब तक विरोध करते रहेंगे. इसी तरह उत्तर प्रदेश में भी सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य ने रामचरितमानस को लेकर मोर्चा खोल रखा है और तमिलनाडु के सीएम एमके स्टालिन के बेटे उदयनिधि स्टालिन ने सनातन धर्म को ही मिटाने की बात कह डाली है.

देखा जाए तो विपक्षी नेताओं ने बीजेपी को बैठे-बिठाए मुद्दा थमा दिया है, जिसे लेकर बीजेपी नेता ही नहीं पीएम मोदी ने भी आक्रमक रुख अपना लिया है. बीजेपी नेताओं को लगता है कि मौजूदा परिदृश्य में रामचरितमानस और सनातन पर बहस, हिंदू धर्म बनाम हिंदुत्व से सनातन बनाम अन्य में बदल रही है. फिर चाहे वे गैर-सनातनी हों या नास्तिक. स्वामी प्रसाद मौर्य, चंद्रशेखर अगर अपने यहां रामचरितमानस तो डीएमके अपने मूल द्रविड़ मतदाताओं आकर्षित करने के लिए सनातन धर्म पर अपने बयानों को दोहराना जारी रखती है तो तमिलनाडु से बाहर विपक्षी गठबंधन को राजनीतिक नुकसान हो सकता है.

विपक्षी गठबंधन INDIA के कई सहयोगियों को अपने बचाव में जवाब देते तक नहीं बन रहा है. बीजेपी नेता कांग्रेस समेत अन्य विपक्षी दलों को घेरने में जुट गई है. इसे देखते हुए विपक्षी नेता अब रक्षात्मक रुख अपनाने को मजबूर हो गए हैं. INDIA गठबंधन के समन्वय समिति की बैठक में यह तय किया गया है कि सनातन पर किसी तरह से बयानबाजी नहीं करनी है. इसके बाद बिहार के शिक्षा मंत्री प्रो. चंद्रेशेखर ने रामचरितमानस को पोटाशियम साइनाइड बता दिया और उन्होंने यह भी कहा कि जब तक यह रहेगा तब तक इसका विरोध वो करते रहेंगे.

बिहार के शिक्षा मंत्री ने एक चौपाई ‘पूजहि विप्र सकल गुण हीना, शूद्र न पूजहु वेद प्रवीणा’ पढ़कर सवालिया लहजे में कहा कि यह क्या है? क्या इसमें जाति को लेकर गलत बात नहीं कही गई है? शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर ने पिछली बार रामचारितमानस के सुंदर कांड को लेकर दिए गए बयान का जिक्र करते हुए कहा कि उनके जीभ काटने की कीमत लगाई गई थी तो मेरे गले की कीमत क्या होगी?

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