
नई दिल्ली: न्यायपालिका में पारदर्शिता और जनता का विश्वास बढ़ाने की दिशा में सुप्रीम कोर्ट ने एक अभूतपूर्व और ऐतिहासिक फैसला लिया है। पहली बार सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीशों की संपत्ति और देनदारियों का ब्योरा सार्वजनिक किया गया है। भारत के मुख्य न्यायाधीश (CJI) संजीव खन्ना और 20 अन्य न्यायाधीशों की संपत्ति का सम्पूर्ण विवरण सुप्रीम कोर्ट की आधिकारिक वेबसाइट पर अपलोड कर दिया गया है।
इस सूची में वे तीन जज भी शामिल हैं जो भविष्य में CJI बनने की वरिष्ठता सूची में हैं। जानकारी के अनुसार, यह महत्वपूर्ण निर्णय CJI संजीव खन्ना की अगुवाई में हुई फुल कोर्ट की बैठक में लिया गया। बताया जा रहा है कि यह कदम इलाहाबाद हाई कोर्ट के जस्टिस यशवंत वर्मा के दिल्ली स्थित आधिकारिक आवास से कथित तौर पर नकदी बरामदगी की घटना के बाद उठाया गया है।
जस्टिस वर्मा मामले की जांच रिपोर्ट सौंपी गई
दूसरी ओर, जस्टिस यशवंत वर्मा के खिलाफ लगे आरोपों की जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित तीन सदस्यीय समिति ने अपनी रिपोर्ट CJI संजीव खन्ना को सौंप दी है। पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस शील नागू, हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस जी.एस. संधावालिया और कर्नाटक हाईकोर्ट की जस्टिस अनु शिवरामन वाली इस समिति ने 3 मई को अपनी रिपोर्ट को अंतिम रूप दिया और 4 मई को इसे आगे की कार्रवाई के लिए CJI को प्रस्तुत किया।
इस रिपोर्ट में 14 मार्च को जस्टिस वर्मा के लुटियंस दिल्ली स्थित आवास में आग लगने की घटना के बाद कथित तौर पर नकदी मिलने के विवाद पर समिति के निष्कर्ष शामिल हैं। गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने 28 मार्च को इलाहाबाद हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश को निर्देश दिया था कि जांच पूरी होने तक जस्टिस वर्मा को कोई न्यायिक कार्य न सौंपा जाए। सुप्रीम कोर्ट ने एक बयान जारी कर जांच समिति द्वारा रिपोर्ट सौंपे जाने की पुष्टि की है।
यह कदम न्यायपालिका की कार्यप्रणाली में अधिक खुलापन लाने और जवाबदेही सुनिश्चित करने की दिशा में एक मील का पत्थर माना जा रहा है।