इलेक्टोरल बॉन्ड मामले को लेकर आज SBI की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट सुनवाई करेगा. SBI ने सुप्रीम कोर्ट से इलेक्टोरल बॉन्ड से जुड़ी डिटेल देने के लिए 30 जून तक मोहलत मांगी है. सुप्रीम कोर्ट ने 15 फरवरी को राजनीतिक पार्टियों को दिए जाने वाले चंदे को लेकर इलेक्टोरल बॉन्ड की व्यवस्था को असंवैधानिक बताते हुए इस पर रोक लगा दी थी. देश के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पांच-जजों की संविधान पीठ एक अलग याचिका पर भी सुनवाई करेगी. इसके साथ देश की सर्वोच्च अदालत ने SBI को 6 मार्च तक चुनाव आयोग को किसने किस पार्टी को कितना चंदा दिया, इसकी जानकारी चुनाव आयोग को देने के निर्देश दिए थे, लेकिन 6 मार्च से पहले ही SBI सुप्रीम कोर्ट में याचिका लेकर पहुंच गई, जिसमें उसने चंदे से जुड़ी जानकारी देने के लिए 30 जून का वक्त देने की मांग की है.
ADR ने याचिका में कहा कि SBI की 30 जून तक की मोहलत मांगना इस प्रक्रिया की पारदर्शिता पर सवाल उठाता है. सुप्रीम कोर्ट ने चुनावी बॉन्ड को जारी करने वाले बैंक SBI को 6 मार्च तक 12 अप्रैल 2019 से 15 फरवरी 2024 तक पार्टियों के लिए खरीदे गए 22 हजार 217 चुनावी बॉन्ड की जानकारी मांगी है. चुनावी बांड योजना के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट मामले में याचिकाकर्ताओं की ओर से बहस का नेतृत्व कर रहे राज्यसभा सांसद कपिल सिब्बल ने विस्तार की मांग के लिए एसबीआई के आधार को निराधार बताया है. उनका कहना है कि बैंक की याचिका स्वीकार करने से संवैधानिक पीठ का फैसला कमजोर हो जाएगा.