नई दिल्ली: महिला पहलवानों के यौन शौषण मामले में सुप्रीम कोर्ट अब सुनवाई नहीं करेगा. सुप्रीम कोर्ट ने महिला पहलवानों की याचिका पर सुनवाई बंद करते हुए कहा कि “मामले में FIR दर्ज हो चुकी है. सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई का उद्देश्य FIR को लेकर था जो दर्ज हो चुकी है”. मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़, जस्टिस पी.एस नरसिम्हा और जस्टिस जे बी पारदीवाला की बेंच ने सुनवाई के दौरान कहा कि दो सेशन में पुलिस ने पीड़ितों के महिला पुलिस की मौजूदगी में बयान दर्ज किए गए हैं.
सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली पुलिस के बयान को रिकॉर्ड पर लिया कि जल्द ही मजिस्ट्रेट के समक्ष बयान कराए जाएंगे. वहीं दिल्ली पुलिस ने उच्चतम न्यायालय को सूचित किया कि जंतर-मंतर पर धरना दे रहीं छह महिला पहलवान शिकायतकर्ताओं की सुरक्षा के पूरे इंतजाम किए गए हैं. दिल्ली पुलिस ने जंतर-मंतर पर हुए हंगामे पर सुप्रीम कोर्ट से कहा कि रात को एक राजनीतिक पार्टी के दो नेता बेड आदि लेकर पहुंचे थे.जिसे रोकने की कोशिश की गई. इसी चक्कर में धक्कामुक्की हुई. हम पार्टी का नाम नहीं लेंगे, कोई पुलिसवाला शराब नहीं पिए था. वहीं सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले की निगरानी रिटायर्ड जज से कराने की मांग को खारिज किया है और कहा, अगर कोई शिकायत है तो निचली अदालत जा सकते हैं. पीड़ित हाईकोर्ट भी जा सकते हैं.