सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस डी. वाई. चंद्रचूड़ ने समलैंगिक विवाह को वैध बनाने से इनकार करने वाले 5 जजों की संविधान पीठ के फैसले के बारे में खुलकर बात की। CJI ने कहा कि किसी मामले का परिणाम कभी भी जज के लिए व्यक्तिगत नहीं होता है। देश के 50वें चीफ जस्टिस ने कहा कि हालांकि समलैंगिक जोड़ों ने अपने अधिकारों के लिए लंबे समय तक संघर्ष किया और यह बात उनके ध्यान में थी। सुप्रीम कोर्ट ने 17 अक्टूबर को समलैंगिक विवाह को कानूनी मान्यता देने से इनकार कर दिया था लेकिन समलैंगिक लोगों के लिए समान अधिकारों और उनकी सुरक्षा की बात कही थी।
फैसले के बारे में बताते हुए कहा, ‘एक बार जब आप किसी मामले पर फैसला कर लेते हैं तो आप परिणाम से खुद को दूर कर लेते हैं। एक जज के रूप में हमारे लिए नतीजे कभी भी व्यक्तिगत नहीं होते। मुझे कोई पछतावा नहीं है। हां, कई बार जिन मामलों में फैसला सुनाया गया उनमें मैं बहुमत वाले फैसलों में था और कई बार अल्पमत वाले फैसलों में था। एक जज के जीवन में महत्वपूर्ण बात कभी भी खुद को किसी मुद्दे से नहीं जोड़ना है। किसी मामले का फैसला करने के बाद मैं इसे वहीं छोड़ देता हूं।’