
गुरुग्राम | 10 जुलाई 2025: हरियाणा के गुरुग्राम शहर में गुरुवार को एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई, जहां राज्य स्तरीय टेनिस खिलाड़ी राधिका यादव की गोली मारकर हत्या कर दी गई। हैरान करने वाली बात यह रही कि इस वारदात को अंजाम देने वाला कोई और नहीं बल्कि राधिका का खुद का पिता था।
घटना गुरुग्राम के सुशांत लोक-2 स्थित सेक्टर-57 के एक घर में दोपहर लगभग 12 बजे हुई। शुरुआती जानकारी के मुताबिक आरोपी पिता ने लगातार पांच गोलियां चलाईं, जिनमें से तीन राधिका को लगीं। गंभीर हालत में राधिका को अस्पताल ले जाया गया, जहां उन्हें मृत घोषित कर दिया गया।
पुलिस जांच में जुटी, हत्या में प्रयुक्त हथियार जब्त
गुरुग्राम पुलिस ने मौके से ही आरोपी पिता को गिरफ्तार कर लिया और हत्या में प्रयुक्त रिवॉल्वर भी बरामद कर लिया है। घटना के पीछे के कारणों की जांच की जा रही है, हालांकि प्राथमिक जांच में ‘रील वीडियो’ को लेकर विवाद की बात सामने आ रही है, लेकिन पुलिस ने अभी तक इसकी औपचारिक पुष्टि नहीं की है।
कौन थीं राधिका यादव?
23 मार्च, 2000 को जन्मी राधिका यादव एक राज्य स्तरीय टेनिस खिलाड़ी थीं और उन्होंने स्टेट लेवल की कई प्रतियोगिताओं में खिताब जीते थे। अंतरराष्ट्रीय टेनिस महासंघ (ITF) की डबल्स रैंकिंग में उनकी 113वीं रैंक थी और वह शीर्ष 200 खिलाड़ियों में शामिल थीं।
राधिका को एक उभरती हुई प्रतिभा के रूप में देखा जा रहा था, जिन्होंने हाल ही में कई राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में शानदार प्रदर्शन किया था।
सोशल मीडिया पर उठे सवाल, खेल जगत में शोक की लहर
इस सनसनीखेज वारदात से सोशल मीडिया पर नाराजगी और दुख दोनों व्यक्त किया जा रहा है। कई यूजर्स ने सवाल उठाए हैं कि घर के भीतर इतना बड़ा विवाद क्यों और कैसे हुआ, जबकि राधिका जैसी प्रतिभाशाली युवा खिलाड़ी को देश का भविष्य माना जा रहा था।
हरियाणा खेल परिषद ने राधिका की मृत्यु पर शोक व्यक्त करते हुए मामले की गहन जांच की मांग की है।
अभी तक क्या है पुलिस का कहना?
गुरुग्राम पुलिस का कहना है कि
“विवाद का कारण स्पष्ट नहीं है। कुछ घरेलू तनावों की बात सामने आ रही है, जिनकी जांच की जा रही है। आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया है और हत्या में प्रयुक्त हथियार जब्त कर लिया गया है।”
एक होनहार खिलाड़ी का इस तरह असमय जाना न केवल खेल जगत की क्षति है, बल्कि परिवार और समाज के लिए भी एक चेतावनी है कि मानसिक स्वास्थ्य, घरेलू संवाद और भावनात्मक संतुलन जैसे मुद्दों को गंभीरता से लिया जाना चाहिए।