
मुरादाबाद | 10 जुलाई 2025: टेक्नोलॉजी जगत की सबसे बड़ी कंपनियों में से एक एप्पल ने उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद में जन्मे सबीह खान को अपना नया मुख्य परिचालन अधिकारी (Chief Operating Officer – COO) नियुक्त किया है। इस बड़ी उपलब्धि के साथ सबीह खान भारत में जन्मे उन चुनिंदा वैश्विक कॉर्पोरेट नेताओं में शामिल हो गए हैं, जिन्होंने दुनिया के सबसे ऊंचे कॉर्पोरेट पदों पर भारत का नाम रोशन किया है।
एक भारतीय नाम, जो अब एप्पल की कमान में शामिल
सबीह खान की यह नियुक्ति सुंदर पिचई (Google), सत्य नडेला (Microsoft) और इंदिरा नूयी (PepsiCo) जैसे वैश्विक भारतीय आइकॉन्स की कतार में एक और प्रेरणादायक नाम जोड़ती है। सबीह अब तक एप्पल में सीनियर वाइस प्रेसिडेंट (ऑपरेशंस) पद पर कार्यरत थे, और अब COO पद की जिम्मेदारी संभालेंगे।
मुरादाबाद की मोहम्मद यार खान कोठी फिर सुर्खियों में
1966 में मुरादाबाद के सिविल लाइंस क्षेत्र की प्रसिद्ध ‘मोहम्मद यार खान कोठी’ में जन्मे सबीह खान की यह कामयाबी आज उनके गृहनगर को राष्ट्रीय चर्चा में ले आई है। कोठी के एक हिस्से में अब एक शॉपिंग कॉम्प्लेक्स, एक स्कूल और उनके कुछ रिश्तेदार रहते हैं।
“ये पूरे देश के लिए गर्व का क्षण है”
सबीह के ममेरे भाई और होटल व्यवसायी अमान यार खान ने मीडिया से बात करते हुए कहा:
“यह हमारे परिवार ही नहीं, मुरादाबाद और पूरे भारत के लिए गौरव की बात है। सबीह भाई हमेशा से जमीन से जुड़े, बेहद सरल और सौम्य इंसान रहे हैं। वह कभी नहीं जताते कि वह दुनिया की सबसे बड़ी टेक कंपनी में इतनी बड़ी भूमिका निभा रहे हैं।”
उन्होंने बताया कि सबीह अपने इंजीनियर पिता सईद खान के साथ बचपन में मुरादाबाद के सेंट मैरी स्कूल में पढ़े, और फिर सिंगापुर चले गए थे।
परिवार से जुड़े, संस्कृति से जुड़ाव बरकरार
सबीह खान इस समय अपनी पत्नी और तीन बच्चों के साथ सैन फ्रांसिस्को (अमेरिका) में रहते हैं।
“उन्हें अब भी भारतीय करी और बिरयानी बेहद पसंद है,” अमान बताते हैं, “वह जब भी भारत आते हैं, कोशिश करते हैं कि अपनी जड़ों से जुड़े लोगों से ज़रूर मिलें।”
“अब मुरादाबाद को भी सबीह खान के नाम से जाना जाएगा”
स्थानीय निवासी महफूज खान ने कहा:
“सबीह खान ने मुरादाबाद को एक नई पहचान दी है। अब जब भी टेक्नोलॉजी या एप्पल की बात होगी, मुरादाबाद का नाम गर्व से लिया जाएगा।”
भारत के छोटे शहरों से निकलकर वैश्विक नेतृत्व तक पहुंचने की सबीह खान की कहानी लाखों युवाओं के लिए एक प्रेरणा है। तकनीक, समर्पण और विनम्रता से भरे इस सफर ने साबित कर दिया है कि भारतीय प्रतिभा आज भी दुनिया की सबसे ऊंची कुर्सियों पर पहुंचने में सक्षम है।