लोकसभा चुनाव में बीजेपी को हराने के लिए विपक्षी पार्टियों ने INDIA गठबंधन बनाया है. गठबंधन के घटक दलों की तीन बैठकें हो चुकी हैं, लेकिन हर बैठक में किसी ने किसी मुद्दे पर गठबंधन दलों का आपसी विरोध सामने आ रहा है. अब घटक दलों में सीटों के बंटवारे को लेकर चर्चा शुरू हुई है, तृणमूल कांग्रेस की ओर से इस बाबत कांग्रेस को प्रस्ताव दिया गया है. अगर कांग्रेस सीपीएम को एक सीट देना चाहती है तो ममता बनर्जी की पार्टी को इससे कोई दिक्कत नहीं है. लेकिन तृणमूल कांग्रेस ने साफ कर दिया है कि वह माकपा के लिए अलग से कोई सीट नहीं छोड़ेगी. कांग्रेस को अपने दो सीटों में ही माकपा के लिए एडजस्ट करना होगा.
आपको बताते चलें कि साल 2019 के लोकसभा चुनाव में राज्य की कुल 42 सीटों में से तृणमूल कांग्रेस को 22, बीजेपी को 18 और कांग्रेस को दो सीटें मिली थी. लेफ्ट पार्टी को एक भी सीट नहीं मिली थी. वहीं, 2021 के विधानसभा चुनाव में तृणमूल कांग्रेस की फिर से सत्ता में वापसी हुई थी. बीजेपी प्रमुख विपक्षी दल के रूप में उभरी थी, लेकिन कांग्रेस और लेफ्ट को एक भी सीट नहीं मिली थी. हाल में हुए पंचायत चुनाव में तृणमूल कांग्रेस, कांग्रेस, लेफ्ट और बीजेपी के बीच मुकाबला हुआ था. कांग्रेस और लेफ्ट के बीच कुछ सीटों पर समझौता होने के बावजूद तृणमूल कांग्रेस के साथ उनकी टक्कर हुई थी. धूपगुड़ी विधानसभा उपचुनाव में भी तृणमूल कांग्रेस का बीजेपी के साथ-साथ लेफ्ट और कांग्रेस के साथ मुकाबला हुआ था.
ऐसे में बंगाल में INDIA की पार्टियां तृणमूल कांग्रेस, कांग्रेस और माकपा के बीच समझौता सरल नहीं माना जा रहा था. ममता बनर्जी ने पहले घोषणा की थी कि वह सभी सीटों पर अकेले चुनाव लड़ेंगी, लेकिन अब उनका सुर थोड़ा नरम हुआ है. लेफ्ट ने बंगाल में तृणमूल कांग्रेस से किसी भी प्रकार का समझौता करने से इनकार कर दिया है. अब ममता बनर्जी की पार्टी ने कांग्रेस और लेफ्ट पार्टी के लिए मात्र दो सीटें छोड़ने की बात कही है, लेकिन राजनीतिक जानकारों का कहना है कि लेफ्ट और कांग्रेस के लिए इस प्रस्ताव को स्वीकार करना सहज नहीं होगा.