
उत्तरकाशी, उत्तराखंड। उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में प्राकृतिक आपदा ने एक बार फिर भारी तबाही मचाई है। सोमवार देर रात धराली और सुक्खी गांवों में बादल फटने की घटनाओं ने पूरे इलाके को सन्न कर दिया। धराली गांव में कुछ ही सेकंड में बाढ़ का ऐसा सैलाब आया कि पूरा गांव देखते-ही-देखते मलबे और पानी के साथ बह गया।
खीर गंगा नदी बनी कहर का कारण
बादल फटने के बाद खीर गंगा नदी का जलस्तर अचानक इतना बढ़ गया कि उसने रास्ते में आई हर चीज को अपने साथ बहा लिया। तेज बहाव में घर, होटल, वाहन और लोग सब कुछ लील गया। अब तक मिली जानकारी के अनुसार, इस आपदा में 10 लोगों की मौत, 40 से अधिक लापता, और 100 से ज्यादा लोगों के फंसे होने की खबर है।
5 होटल बर्बाद, मजदूर और पर्यटक फंसे
उत्तरकाशी के जिलाधिकारी प्रशांत आर्य ने बताया कि प्रभावित क्षेत्र में कई होटल, रेस्टोरेंट और मजदूर शिविर थे। बाढ़ में 5 होटल पूरी तरह से बह गए हैं, जबकि 10 से 12 मजदूरों के मलबे में दबे होने की आशंका है। साथ ही कई पर्यटक भी फंसे हुए बताए जा रहे हैं।
गृह मंत्री अमित शाह ने मुख्यमंत्री से की बात, हरसंभव मदद का आश्वासन
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने घटना पर गहरा शोक जताते हुए उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से फोन पर बात की और राहत एवं बचाव कार्यों की जानकारी ली। उन्होंने एनडीआरएफ और अन्य एजेंसियों को तत्काल मौके पर रवाना करने के निर्देश दिए हैं। गृह मंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार राज्य सरकार को हर संभव मदद दे रही है।
मुख्यमंत्री ने स्थगित किया दौरा, देहरादून लौटे
मुख्यमंत्री धामी ने अपना निर्धारित दौरा तत्काल स्थगित कर देहरादून के लिए प्रस्थान किया है। उन्होंने कहा कि “जनहानि बेहद दुखद है, हमारी पहली प्राथमिकता फंसे हुए लोगों को सुरक्षित निकालना है।” एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और पुलिस की टीमें राहत कार्य में जुटी हुई हैं।
⚠️ राज्य में भारी बारिश का ऑरेंज अलर्ट जारी
मौसम विभाग ने उत्तराखंड के कई जिलों में भारी से बहुत भारी बारिश की संभावना जताते हुए ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। प्रशासन ने लोगों से पहाड़ी क्षेत्रों की यात्रा न करने और अलर्ट का पालन करने की अपील की है।
स्थिति गंभीर, लेकिन नियंत्रण में लाने के प्रयास तेज
धराली और सुक्खी गांवों में राहत एवं बचाव कार्य लगातार जारी है, लेकिन पहाड़ी क्षेत्र और मलबे के कारण चुनौती बड़ी है। यह आपदा उत्तराखंड में हाल के वर्षों की सबसे विनाशकारी घटनाओं में से एक मानी जा रही है।