लोकसभा चुनाव को लेकर राहुल गांधी की भारत जोड़ो न्याय यात्रा शुरू होे चुकी है. सूत्रों के मुताबिक अपनी इस यात्रा के दौरान राहुल गांधी कामाख्या देवी मंदिर भी जा सकते हैं. बताया जा रहा है कि राहुल गांधी मंदिर जाने को लेकर विचार कर रहे हैं. राहुल के मुताबिक, राम हों शिव हों या कामाख्या माता, सबमें उनकी आस्था है. उन्होंने कहा कि वह दिखावा करके इसका सियासी फायदा नहीं उठाना चाहते. उनका कहना है कि आज नहीं पहले भी वह काशी, उज्जैन, अयोध्या जाते रहे हैं और ईश्वर के आगे शीश नवाते रहे हैं. उन्होंने कहा कि मैं कैलाश मानसरोवर भी गया, लेकिन धर्म मेरा व्यक्तिगत मामला है, मैं इसके नाम पर सियासत नहीं करता और वोट नहीं बटोरता हूं.
इससे पहले कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने मंगलवार को आरोप लगाया कि अयोध्या में 22 जनवरी के ‘प्राण प्रतिष्ठा’ कार्यक्रम को ‘चुनावी, राजनीतिक और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और आरएसएस का कार्यक्रम बना दिया गया है, जिस वजह से पार्टी के प्रमुख नेताओं ने इसमें शामिल नहीं होने का फैसला किया. अयोध्या में ‘प्राण प्रतिष्ठा’ कार्यक्रम से जुड़े सवाल पर राहुल गांधी ने कहा कि आरएसएस और भाजपा ने 22 जनवरी के कार्यक्रम को पूरी तरह से राजनीतिक और नरेंद्र मोदी फंक्शन बना दिया है. यह संघ और भाजपा का कार्यक्रम बन गया है. यही कारण है कि कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि वह इस कार्यक्रम में नहीं जाएंगे.