
नई दिल्ली: चुनाव आयोग ने स्पष्ट किया है कि यदि किसी मतदाता के पास एक से अधिक EPIC (Electors Photo Identity Card) नंबर वाले वोटर आईडी कार्ड पाए जाते हैं, तो यह न केवल चुनावी प्रक्रिया की पारदर्शिता को प्रभावित करता है बल्कि यह क़ानूनन अपराध भी है। नियमों के मुताबिक, ऐसा पाए जाने पर दोषी व्यक्ति को एक साल तक की जेल, जुर्माना, या दोनों की सजा हो सकती है।
आयोग ने मतदाताओं से अपील की है कि यदि उनके पास डुप्लीकेट वोटर आईडी कार्ड हैं, तो तुरंत एक कार्ड सरेंडर कर दें और डुप्लीकेट एंट्री हटवाने की प्रक्रिया शुरू करें, ताकि आगामी चुनावों में मतदान अधिकारों के दुरुपयोग और कानूनी कार्रवाई से बचा जा सके।
कैसे बनते हैं डुप्लीकेट वोटर आईडी कार्ड?
डुप्लीकेट वोटर आईडी कार्ड बनने के पीछे कई कारण हो सकते हैं—
- पते में बदलाव: नई जगह पर शिफ्ट होने के बाद पुराने पते पर नाम हटाए बिना नए पते पर वोटर आईडी बनवा लेना।
- नाम की स्पेलिंग या विवरण में गलती: छोटे-मोटे बदलाव के लिए नया कार्ड बनवा लेना और पुराने को रद्द न करना।
- तकनीकी या प्रशासनिक त्रुटियां: कभी-कभी डेटा एंट्री में गलती के कारण भी एक ही व्यक्ति के नाम पर दो EPIC नंबर बन जाते हैं।
चुनाव आयोग का कहना है कि इन गलतियों को नजरअंदाज करने से मतदान प्रक्रिया में गंभीर गड़बड़ी हो सकती है, इसलिए यह जरूरी है कि एक व्यक्ति का केवल एक EPIC नंबर ही रिकॉर्ड में मौजूद हो।
डुप्लीकेट एंट्री हटाने के लिए ऑनलाइन प्रक्रिया
यदि आपके पास एक से अधिक EPIC नंबर हैं, तो चुनाव आयोग ने Form-7 भरकर डुप्लीकेट एंट्री हटाने की सुविधा दी है। इसे दो तरीकों से किया जा सकता है:
- वोटर हेल्पलाइन ऐप के माध्यम से
- अपने स्मार्टफोन पर Voter Helpline App डाउनलोड करें।
- “Deletion or Objection of Entry” सेक्शन में जाएं।
- Form-7 भरें और डुप्लीकेट कार्ड की डिटेल्स डालें।
- आवश्यक दस्तावेज जैसे आधार कार्ड, वोटर आईडी की कॉपी अपलोड करें।
- सबमिट करने के बाद, आपको एक रेफरेंस आईडी मिलेगी जिससे आप स्टेटस ट्रैक कर सकते हैं।
- वेबसाइट के माध्यम से
- voters.eci.gov.in पर लॉगिन करें।
- Form-7 चुनें।
- अपने डुप्लीकेट EPIC नंबर और अन्य आवश्यक जानकारी भरें।
- दस्तावेज़ अपलोड कर के फॉर्म सबमिट करें।
ऑफलाइन प्रक्रिया
अगर आप ऑनलाइन आवेदन नहीं करना चाहते, तो नज़दीकी वोटर रजिस्ट्रेशन कार्यालय (ERO) में जाकर भी Form-7 भर सकते हैं। इसके साथ अपनी पहचान व पते के प्रमाण के दस्तावेज जमा करें। अधिकारी आपके आवेदन की जांच कर डुप्लीकेट एंट्री हटाने की प्रक्रिया शुरू करेंगे।
क्यों ज़रूरी है यह कदम?
चुनाव आयोग के अधिकारियों का कहना है कि डुप्लीकेट वोटर आईडी कार्ड न केवल कानूनी जोखिम पैदा करते हैं बल्कि चुनावी पारदर्शिता पर भी सवाल उठाते हैं।
“मतदान की पवित्रता और लोकतांत्रिक प्रक्रिया की विश्वसनीयता बनाए रखने के लिए आवश्यक है कि हर मतदाता के पास केवल एक मान्य EPIC कार्ड हो,”
— चुनाव आयोग के वरिष्ठ अधिकारी
सजा और जुर्माना
- सजा: अधिकतम एक वर्ष का कारावास
- जुर्माना: अदालत द्वारा तय राशि
- दोनों: गंभीर मामलों में जेल और जुर्माना दोनों लगाए जा सकते हैं।
आयोग की अपील
आयोग ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के मतदाताओं से अपील की है कि वे अपने EPIC नंबर की जांच करें और यदि किसी तरह की डुप्लीकेट एंट्री पाई जाती है तो तुरंत उसे हटवाएं।