
वाराणसी, 8 नवंबर (भाषा): प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को देश को चार नई वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेनों की सौगात दी, जिनमें सबसे प्रमुख बनारस से खजुराहो वंदे भारत एक्सप्रेस है। प्रधानमंत्री ने इन ट्रेनों को वाराणसी (पूर्व मंडुवाडीह) रेलवे स्टेशन से हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। इस अवसर पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव और अन्य गणमान्य व्यक्ति मौजूद रहे।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि “वंदे भारत ट्रेनों की श्रृंखला भारत की आधुनिकता, गति और संकल्प का प्रतीक बन चुकी है। आज देश के हर कोने तक आधुनिक रेल सुविधा पहुंचाना हमारी सरकार का मिशन है।”
इस अवसर पर प्रधानमंत्री ने वर्चुअल माध्यम से तीन अन्य वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेनों—लखनऊ-सहारनपुर, फिरोजपुर-दिल्ली और एर्नाकुलम-बेंगलुरु—को भी हरी झंडी दिखाई। रेलवे अधिकारियों के अनुसार, ये नई ट्रेनों न केवल समय की बचत करेंगी, बल्कि यात्रियों को तेज़, सुरक्षित और आरामदायक यात्रा अनुभव प्रदान करेंगी।
बनारस-खजुराहो वंदे भारत एक्सप्रेस: धार्मिक पर्यटन को नई गति
बनारस–खजुराहो वंदे भारत एक्सप्रेस को इस उद्घाटन समारोह का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा माना जा रहा है। यह ट्रेन वाराणसी, प्रयागराज, चित्रकूट और खजुराहो जैसे धार्मिक और सांस्कृतिक शहरों को जोड़ेगी। रेलवे का कहना है कि यह ट्रेन पर्यटन और तीर्थयात्रा दोनों को नई दिशा देगी।
खजुराहो, जो यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल है, तक अब काशी और पूर्वांचल के यात्रियों की पहुंच और भी सुगम हो जाएगी। अनुमान है कि यह ट्रेन मौजूदा सेवाओं की तुलना में लगभग 2 घंटे 40 मिनट का समय बचाएगी। पर्यटन मंत्रालय का मानना है कि इस कनेक्टिविटी से बुंदेलखंड और विंध्य क्षेत्र में आर्थिक गतिविधियों को भी बढ़ावा मिलेगा।
लखनऊ-सहारनपुर वंदे भारत एक्सप्रेस: पश्चिमी उत्तर प्रदेश को नई रफ्तार
लखनऊ से सहारनपुर वंदे भारत एक्सप्रेस 7 घंटे 45 मिनट में अपनी यात्रा पूरी करेगी, जो मौजूदा विशेष ट्रेनों से लगभग एक घंटे तेज है। यह ट्रेन लखनऊ, सीतापुर, शाहजहांपुर, बरेली, मुरादाबाद, बिजनौर और सहारनपुर के बीच चलेगी।
रेल मंत्रालय के मुताबिक, इस ट्रेन से रुड़की और हरिद्वार जाने वाले यात्रियों को भी लाभ मिलेगा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा, “वंदे भारत ट्रेनों ने उत्तर प्रदेश की रेल पहचान को नए स्तर पर पहुंचाया है। अब यात्रियों को न केवल सुविधा बल्कि गर्व का अनुभव भी होगा।”
फिरोजपुर-दिल्ली वंदे भारत एक्सप्रेस: व्यापार और संपर्क को बढ़ावा
फिरोजपुर-दिल्ली वंदे भारत ट्रेन पंजाब और राष्ट्रीय राजधानी के बीच संपर्क को और मज़बूत करेगी। यह रूट अब सिर्फ 6 घंटे 40 मिनट में पूरा होगा। ट्रेन बठिंडा और पटियाला जैसे प्रमुख व्यापारिक शहरों को दिल्ली से जोड़ेगी।
विशेषज्ञों का मानना है कि यह ट्रेन पंजाब के औद्योगिक और कृषि उत्पादों को दिल्ली और आसपास के बाजारों तक तेज़ी से पहुंचाने में मदद करेगी। पंजाब सरकार ने इस कदम का स्वागत करते हुए कहा कि इससे राज्य के व्यापार और पर्यटन दोनों को लाभ होगा।
एर्नाकुलम-बेंगलुरु वंदे भारत एक्सप्रेस: दक्षिण भारत की आर्थिक धड़कन
एर्नाकुलम-बेंगलुरु वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन 8 घंटे 40 मिनट में यात्रा पूरी करेगी, जो मौजूदा ट्रेनों की तुलना में दो घंटे तेज है। यह रूट दक्षिण भारत के तीन राज्यों—केरल, तमिलनाडु और कर्नाटक—के बीच बेहतर कनेक्टिविटी सुनिश्चित करेगा।
यह ट्रेन विशेष रूप से आईटी प्रोफेशनलों, छात्रों और पर्यटकों के लिए उपयोगी मानी जा रही है। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि “इस रूट पर नई वंदे भारत ट्रेन दक्षिण भारत के औद्योगिक और आईटी सेक्टर को गति देगी। यह देश की आर्थिक एकता का प्रतीक बनेगी।”
वंदे भारत मिशन की प्रगति
वर्तमान में देशभर में 65 से अधिक वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेनें संचालित हो रही हैं। ये ट्रेनें न केवल भारतीय रेलवे की तकनीकी क्षमता का प्रदर्शन करती हैं, बल्कि ‘मेक इन इंडिया’ अभियान की सफलता का भी उदाहरण हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि “वंदे भारत ट्रेनों की बढ़ती संख्या इस बात का प्रमाण है कि भारत अब दूसरों की तकनीक पर निर्भर नहीं, बल्कि खुद अपनी रेल क्रांति लिख रहा है।”
रेलवे के अधिकारियों के अनुसार, वर्ष 2026 तक देश के हर राज्य में कम से कम एक वंदे भारत ट्रेन चलाने का लक्ष्य है।



