
चंद्रयान-3: प्रज्ञान रोवर चंद्रमा की सतह की धूल में अपना ट्रैक छोड़ना शुरू कर चुका है। शुक्रवार तक रोवर प्रज्ञान ने 1 सेमी प्रति सेकंड की चाल से चंद्रमा पर आठ मीटर तक की दूरी तय कर ली थी। शुक्रवार को प्रज्ञान रोवर के सभी सिस्टम चालू थे। लगभग 92 सेमी लंबाई और 75 सेमी चौड़ाई वाले प्रज्ञान में दो स्पेक्ट्रोमीटर लगे हैं जो चंद्रमा की चट्टानों और धूल की संरचना का विश्लेषण करेंगे। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन ने चंद्रयान-3 की ऐतिहासिक लैंडिंग के दो दिन बाद शुक्रवार को कहा कि प्रज्ञान रोवर चंद्रमा की सतह पर घूमा और उसने 8 मीटर की दूरी तय कर ली है।
Here is how the Lander Imager Camera captured the moon's image just prior to touchdown. pic.twitter.com/PseUAxAB6G
— ISRO (@isro) August 24, 2023
इसरो ने ट्वीट कर बताया कि रोवर पेलोड LIBS और APXS चालू हैं। प्रोपल्शन मॉड्यूल, लैंडर मॉड्यूल और रोवर पर सभी पेलोड अपना-अपना प्रदर्शन कर रहे हैं। एक अन्य ट्वीट में, अंतरिक्ष एजेंसी ने कहा, “दो खंडों वाले रैंप ने रोवर के रोल-डाउन की सुविधा प्रदान की। एक सौर पैनल ने रोवर को बिजली उत्पन्न करने में सक्षम बनाया…रोवर ने लगभग 8 मीटर की दूरी सफलतापूर्वक तय कर ली है।” देखा जाए तो ये दूरी बहुत छोटी है लेकिन दुनिया के लिए ऐतिहासिक है क्योंकि अब तक कोई भी देश अपने अंतरिक्ष यान के साथ चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव के करीब नहीं पहुंच सका है और चंद्रयान-3 के रोवर प्रज्ञान ने दक्षिणी ध्रुव पर मून वॉक किया है। रोवर प्रज्ञान ने अपने सौर पैनलों को खोल लिया है और सूर्य से ऊर्जा प्राप्त कर खुद को चार्ज कर लिया है।