
देहरादून, 11 सितम्बर 2025 — उत्तराखंड में हाल ही में बादल फटने, भारी बारिश और भूस्खलन से आई तबाही ने राज्य में जन-जीवन अस्त-व्यस्त कर दिया है। गुरुवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देहरादून का दौरा कर प्रभावित इलाकों की स्थिति की समीक्षा की और पीड़ित परिवारों से मुलाकात की। इस दौरान उन्होंने ₹1200 करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता की घोषणा की।
बाढ़ की स्थिति पर समीक्षा बैठक
प्रधानमंत्री मोदी ने देहरादून में आयोजित उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक में राज्य सरकार और प्रशासनिक अधिकारियों के साथ आपदा प्रबंधन और राहत कार्यों की प्रगति की जानकारी ली। उन्होंने कहा —
“उत्तराखंड में बाढ़ से हुए नुकसान को देखकर मुझे गहरी पीड़ा हुई है। जिन परिवारों ने अपने प्रियजनों को खोया है, उनके प्रति मेरी संवेदनाएं हैं। हम राहत और पुनर्वास के हर जरूरी इंतजाम तेजी से सुनिश्चित करेंगे।”
मृतकों और घायलों के लिए अनुग्रह राशि
प्रधानमंत्री ने घोषणा की कि आपदा में जान गंवाने वाले लोगों के परिजनों को ₹2 लाख और गंभीर रूप से घायल लोगों को ₹50,000 की अनुग्रह राशि दी जाएगी। उन्होंने प्रभावित परिवारों से सीधे मुलाकात कर उनकी तकलीफें सुनीं और भरोसा दिलाया कि केंद्र सरकार उनके साथ खड़ी है।
बहुआयामी राहत और पुनर्वास योजना
पीएम मोदी ने कहा कि केवल तत्काल राहत ही नहीं बल्कि दीर्घकालिक पुनर्वास योजना भी जरूरी है। इसके लिए केंद्र सरकार बहुआयामी दृष्टिकोण अपनाएगी, जिसमें शामिल हैं:
- प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत क्षतिग्रस्त घरों का पुनर्निर्माण
- राष्ट्रीय राजमार्गों और ग्रामीण सड़कों का जीर्णोद्धार
- स्कूलों और शिक्षा संस्थानों का पुनर्निर्माण
- पशुपालकों के लिए मिनी किट वितरण
- प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष के माध्यम से त्वरित मदद
केंद्रीय दल करेगा नुकसान का आकलन
केंद्र सरकार ने पहले ही अंतर-मंत्रालयी केंद्रीय दल उत्तराखंड भेज दिए हैं। ये दल प्रभावित जिलों का दौरा कर विस्तृत रिपोर्ट तैयार करेंगे। उसी आधार पर आगे और वित्तीय सहायता पर विचार किया जाएगा। प्रधानमंत्री ने स्पष्ट किया कि यह ₹1200 करोड़ की मदद अंतरिम व्यवस्था है, आगे की सहायता राज्य सरकार के ज्ञापन और केंद्रीय टीमों की रिपोर्ट के अनुसार दी जाएगी।
अनाथ बच्चों के लिए पीएम केयर्स योजना
प्रधानमंत्री मोदी ने घोषणा की कि आपदा में अनाथ हुए बच्चों को ‘PM Cares for Children’ योजना का लाभ मिलेगा। इसके तहत उनकी दीर्घकालिक शिक्षा, देखभाल और कल्याण की जिम्मेदारी केंद्र सरकार उठाएगी। उन्होंने कहा कि “ऐसे बच्चों का भविष्य सुरक्षित करना हमारी सबसे बड़ी प्राथमिकता है।”
बचाव दलों की सराहना
प्रधानमंत्री ने एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, सेना और स्थानीय प्रशासन की टीमों की सराहना की। उन्होंने कहा कि “कठिन परिस्थितियों में इन सभी ने जान जोखिम में डालकर राहत और बचाव कार्य किए हैं, इसके लिए मैं उनका आभारी हूँ।”
केंद्र-राज्य मिलकर करेंगे काम
प्रधानमंत्री ने आश्वासन दिया कि उत्तराखंड अकेला नहीं है, बल्कि पूरा देश उसके साथ खड़ा है। उन्होंने कहा कि केंद्र और राज्य सरकारें मिलकर पुनर्वास और विकास कार्यों को तेजी से आगे बढ़ाएंगी ताकि आपदा प्रभावित क्षेत्रों के लोग जल्द सामान्य जीवन में लौट सकें।