
आइजोल, 13 सितंबर 2025 | नेशनल डेस्क प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शनिवार को मिजोरम की राजधानी आइजोल में 9,000 करोड़ रुपये से अधिक की विकास परियोजनाओं का शिलान्यास और उद्घाटन करेंगे। इस दौरान सबसे अहम परियोजना है बैराबी-सैरांग नई रेल लाइन (Bairabi–Sairang rail line project), जिसकी लागत 8,070 करोड़ रुपये से अधिक है। इस प्रोजेक्ट के पूरा होने के बाद पहली बार मिज़ोरम की राजधानी भारतीय रेल नेटवर्क से सीधे जुड़ जाएगी।
यह केवल मिजोरम के लिए ही नहीं बल्कि पूरे उत्तर-पूर्व भारत के लिए एक ऐतिहासिक उपलब्धि मानी जा रही है।
कठिन भौगोलिक परिस्थितियों में तैयार हुआ रेल प्रोजेक्ट
रेलवे मंत्री अश्विनी वैष्णव ने शुक्रवार को परियोजना का निरीक्षण किया। उन्होंने इसे देश के सबसे चुनौतीपूर्ण प्रोजेक्ट्स में से एक बताया।
“जैसे कश्मीर में चेनाब ब्रिज Eiffel Tower से ऊंचा है, वैसे ही मिजोरम में क़ुतुब मीनार से भी ऊंचा ब्रिज बना है। इतनी जटिल भौगोलिक स्थितियों के बीच रेलवे लाइन बनाना अपने आप में एक बड़ी उपलब्धि है।” – अश्विनी वैष्णव, रेलवे मंत्री
इस रेल लाइन को बनाने में 45 सुरंगें, 55 बड़े पुल और 88 छोटे पुल तैयार किए गए हैं। यह परियोजना भारत के सबसे इंजीनियरिंग-डिमांडिंग रेल प्रोजेक्ट्स में गिनी जाएगी।
मिजोरम को मिलेगा देश से सीधा रेल संपर्क
रेलवे मंत्रालय के मुताबिक यह रेल लाइन मिज़ोरम और देश के बाकी हिस्सों के बीच सीधा रेल संपर्क उपलब्ध कराएगी। इससे न सिर्फ यात्रियों को सुरक्षित, कुशल और किफायती यात्रा विकल्प मिलेगा बल्कि राज्य की आर्थिक और सामाजिक पहुंच भी काफी बढ़ेगी।
- खाद्यान्न, उर्वरक और आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति समय पर होगी।
- क्षेत्र की लॉजिस्टिक दक्षता और बाज़ार पहुंच में सुधार आएगा।
- शिक्षा, स्वास्थ्य और व्यापारिक अवसरों तक पहुंच आसान होगी।
पीएम मोदी देंगे तीन नई एक्सप्रेस ट्रेनों की सौगात
प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) ने बताया कि मोदी इस अवसर पर तीन नई एक्सप्रेस ट्रेनों को हरी झंडी दिखाएंगे:
- सैरांग (आइजोल)-दिल्ली (आनंद विहार टर्मिनल) राजधानी एक्सप्रेस
- मिजोरम सीधे दिल्ली से जुड़ जाएगा।
- सैरांग-गुवाहाटी एक्सप्रेस
- मिजोरम और असम के बीच आवाजाही आसान होगी।
- सैरांग-कोलकाता एक्सप्रेस
- राज्य को कोलकाता से सीधा रेल संपर्क मिलेगा।
यह नई ट्रेनें न केवल यात्रियों के लिए सुविधाजनक साबित होंगी बल्कि क्षेत्रीय शैक्षिक, सांस्कृतिक और आर्थिक रिश्तों को भी मजबूती देंगी।
रोजगार और पर्यटन को मिलेगा बढ़ावा
सरकार को उम्मीद है कि बेहतर कनेक्टिविटी से:
- अस्पतालों, विश्वविद्यालयों और बाज़ारों तक पहुंच आसान होगी।
- रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे।
- पूरे उत्तर-पूर्व में टूरिज्म सेक्टर को नई गति मिलेगी।
- मिजोरम की सांस्कृतिक और आर्थिक गतिविधियां देश से और गहराई से जुड़ेंगी।
नॉर्थ ईस्ट में इन्फ्रास्ट्रक्चर पर सरकार का फोकस
मोदी सरकार लगातार उत्तर-पूर्व भारत में कनेक्टिविटी सुधारने पर काम कर रही है। पिछले कुछ वर्षों में:
- मणिपुर और अरुणाचल प्रदेश तक रेल पहुंचाने की दिशा में काम हुआ।
- असम और त्रिपुरा में एयरपोर्ट और सड़क परियोजनाओं का विस्तार हुआ।
- नॉर्थ ईस्ट के राज्यों को नेशनल गैस ग्रिड और डिजिटल कनेक्टिविटी मिशन से जोड़ा गया।
मिजोरम का यह रेल प्रोजेक्ट इस व्यापक रणनीति का हिस्सा है, जो उत्तर-पूर्व को “भारत की विकास धारा” से सीधे जोड़ने के विज़न को पूरा करेगा।
प्रधानमंत्री मोदी का मिजोरम दौरा केवल एक परियोजना के उद्घाटन तक सीमित नहीं है। यह उस राजनीतिक और विकासशील संदेश का प्रतीक है कि केंद्र सरकार उत्तर-पूर्व को अब देश की मेनस्ट्रीम इकॉनमी और राष्ट्रीय परिवहन नेटवर्क से पूरी तरह जोड़ना चाहती है।
बैराबी-सैरांग रेल लाइन से मिज़ोरम को न केवल रेल कनेक्टिविटी मिलेगी बल्कि यह राज्य के सामाजिक, सांस्कृतिक और आर्थिक परिदृश्य को भी नया आयाम देगी।