
नई दिल्ली, 11 अगस्त 2025: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सोमवार सुबह लगभग 10 बजे नई दिल्ली के बाबा खड़क सिंह मार्ग स्थित नवनिर्मित 184 टाइप-VII बहुमंजिला फ्लैटों का औपचारिक उद्घाटन करेंगे। ये फ्लैट संसद सदस्यों के लिए तैयार किए गए हैं, जिनमें आधुनिक सुविधाओं, हरित प्रौद्योगिकी और ऊर्जा दक्षता पर विशेष ध्यान दिया गया है।
उद्घाटन समारोह के दौरान प्रधानमंत्री अपने आवास परिसर में सिंदूर का पौधा भी लगाएंगे, जो पर्यावरण संरक्षण और हरित विकास के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता का प्रतीक होगा। कार्यक्रम में श्रमजीवियों को संबोधित करने के साथ ही प्रधानमंत्री उपस्थित जनसमूह से भी संवाद करेंगे।
सांसदों के लिए अत्याधुनिक आवासीय परिसर
नवनिर्मित यह आवासीय परिसर संसद सदस्यों की कार्यात्मक आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए डिजाइन किया गया है। इसमें उच्च गुणवत्ता वाली निर्माण सामग्री का उपयोग, ऊर्जा-संरक्षण प्रणालियाँ और आधुनिकतम इंफ्रास्ट्रक्चर शामिल है।
परिसर में निम्नलिखित प्रमुख सुविधाएँ उपलब्ध कराई गई हैं:
- पर्यावरण-अनुकूल डिजाइन और ऊर्जा दक्षता के उपाय
- सौर ऊर्जा और वर्षा जल संचयन प्रणाली
- पर्याप्त पार्किंग और हरे-भरे लैंडस्केप क्षेत्र
- सुरक्षा और निगरानी के लिए उन्नत सीसीटीवी नेटवर्क
- आधुनिक अग्निशमन और आपातकालीन प्रबंधन प्रणाली
हरित प्रौद्योगिकी और जीआरआईएचए 3-स्टार मानक
यह परियोजना ग्रीन रेटिंग फॉर इंटीग्रेटेड हैबिटैट असेसमेंट (GRIHA) के 3-स्टार रेटिंग मानकों के अनुरूप तैयार की गई है। इसका उद्देश्य न केवल ऊर्जा खपत को कम करना है, बल्कि प्राकृतिक संसाधनों के सतत उपयोग को भी सुनिश्चित करना है।
निर्माण कार्य राष्ट्रीय भवन संहिता (NBC) 2016 के पूर्ण अनुपालन में किया गया है, जिससे भवन की सुरक्षा, कार्यक्षमता और पर्यावरणीय संतुलन सुनिश्चित हो सके।
श्रमजीवियों को मिलेगा सम्मान
उद्घाटन समारोह में प्रधानमंत्री मोदी उन श्रमजीवियों को भी सम्मानित करेंगे, जिन्होंने इन आवासीय इकाइयों के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। प्रधानमंत्री के संबोधन में ‘आत्मनिर्भर भारत’ की अवधारणा और श्रमिक कल्याण की दिशा में उठाए गए कदमों पर भी प्रकाश डाला जाएगा।
प्रधानमंत्री मोदी कई अवसरों पर यह स्पष्ट कर चुके हैं कि देश के विकास में श्रमिकों और निर्माणकर्मियों की भूमिका सबसे अहम है। इस कार्यक्रम के माध्यम से सरकार का यह संदेश एक बार फिर जोरदार तरीके से सामने आएगा कि विकास कार्य केवल ईंट और पत्थर का निर्माण नहीं, बल्कि मेहनतकश हाथों की मेहनत और लगन का परिणाम है।
आत्मनिर्भर भारत की दिशा में एक और कदम
यह परियोजना न केवल संसद सदस्यों की सुविधा के लिए है, बल्कि यह आत्मनिर्भर भारत के विज़न को भी आगे बढ़ाती है। हरित प्रौद्योगिकी, ऊर्जा दक्षता और आधुनिक बुनियादी ढांचे का सम्मिलन यह दर्शाता है कि भारत का निर्माण क्षेत्र अब वैश्विक मानकों के अनुरूप तेजी से आगे बढ़ रहा है।
विशेषज्ञों का मानना है कि ऐसे आत्मनिर्भर और टिकाऊ आवासीय परिसरों से राजधानी में ऊर्जा खपत घटेगी, पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा मिलेगा और आने वाले वर्षों में सार्वजनिक परियोजनाओं के लिए एक आदर्श मानक स्थापित होगा।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा उद्घाटित यह परियोजना केवल सांसदों के लिए आधुनिक आवास उपलब्ध कराने का कदम नहीं है, बल्कि यह पर्यावरण संरक्षण, ऊर्जा दक्षता और आत्मनिर्भर भारत के मूल्यों को साकार करने का प्रतीक है। इस तरह के प्रयास देश की राजधानी में शहरी विकास के नए आयाम तय कर रहे हैं।