
नई दिल्ली। संसद के शीतकालीन सत्र में बुधवार को चुनाव सुधारों पर चल रही बहस के दौरान गृह मंत्री अमित शाह ने विपक्ष पर जमकर हमला बोला।
शाह ने कहा कि “SIR के नाम पर जानबूझकर भ्रम फैलाया जा रहा है। SIR यानी Special Intensive Revision मतदाता सूची के शुद्धीकरण की प्रक्रिया है, लेकिन कुछ राजनीतिक दल इसे गलत रूप में पेश कर जनता को गुमराह करने की कोशिश कर रहे हैं।”
उन्होंने कटाक्ष करते हुए कहा कि जिन दलों को जनता वोट नहीं दे रही, वही दल अब SIR पर सवाल उठा रहे हैं, क्योंकि उन्हें लगता है कि “विदेशी मतदाता ही उनका सहारा बन सकते हैं।”
“SIR में क्या है?”—शाह ने संसद में स्पष्ट किया
गृह मंत्री ने विस्तृत रूप से समझाते हुए कहा कि SIR का असली उद्देश्य बेहद सरल है—
- जिन मतदाताओं की मृत्यु हो चुकी है, उनके नाम हटाना
- जो अब पात्र मतदाता हैं, उनके नाम जोड़ना
- और ऐसे नाम, जो विदेशी नागरिकों के हैं या अवैध रूप से जुड़ गए हैं, उन्हें हटाना
शाह ने कहा कि “यह पूरी तरह तकनीकी और डेटा-आधारित प्रक्रिया है, लेकिन विपक्ष इसे मुद्दा बनाकर झूठ फैला रहा है।”
उन्होंने कहा कि यह मतदाता सूची को पारदर्शी और अद्यतन रखने की लोकतांत्रिक प्रक्रिया है, जिसे हर देश अपनाता है।
राहुल गांधी पर तंज: “परमाणु बम उन्होंने फोड़ा था…”
चर्चा के दौरान शाह ने विपक्ष के नेता राहुल गांधी पर भी जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि “5 नवंबर 2025 को राहुल गांधी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में एक परमाणु बम फोड़ा। उन्होंने दावा किया कि हरियाणा में एक ही परिवार के 500 वोट पड़े। जबकि यह पूरी तरह तथ्यहीन था।”
शाह ने चुनाव आयोग का हवाला देते हुए बताया कि हरियाणा के जिस हाउस नंबर 265 का जिक्र राहुल ने किया था, वह एक विशाल पुश्तैनी ज़मीन का हिस्सा है, जिसमें कई परिवार रहते हैं। उन्होंने कहा कि:
- सबके घर का अलग नंबर नहीं है
- इसलिए प्रशासन ने एक समान हाउस नंबर 501 दिया
- यह कोई फर्जी मकान नहीं
- न ही कोई फर्जी वोटर
अमित शाह ने आगे कहा कि यह प्रणाली कांग्रेस सरकार के समय में भी इसी रूप में चलती रही है।
सदन में तीखी नोकझोंक—“चुनौती देता हूं” बनाम “आप तय नहीं करेंगे”
बहस के दौरान सदन का माहौल उस समय और गर्म हो गया जब गृह मंत्री के भाषण में राहुल गांधी की प्रेस कॉन्फ्रेंस का संदर्भ आया। राहुल गांधी ने बीच में टोका और कहा:“मैं गृह मंत्री को चुनौती देता हूं कि वह मेरी प्रेस कॉन्फ्रेंस के मुद्दों पर ही चर्चा कर लें।”
इस पर अमित शाह रुके नहीं और तुरंत पलटकर बोले—
“आप मुझे क्या बोलना है और क्या नहीं, यह तय नहीं करेंगे। मेरे भाषण का क्रम मैं तय करूंगा, कोई और नहीं।” इस टिप्पणी से सदन में हंगामा और तेज हो गया और दोनों पक्षों की ओर से जोरदार नारेबाजी सुनाई दी।
चुनाव सुधार की बहस और राजनीतिक तापमान
संसद के शीतकालीन सत्र में इस वर्ष चुनाव सुधार (Electoral Reforms) सबसे प्रमुख मुद्दा रहा है। SIR को लेकर जिस तरह विपक्ष और सत्ता पक्ष आमने-सामने हैं, उससे आने वाले महीनों में यह मुद्दा और गर्माने की संभावना है। राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि:
- SIR तकनीकी प्रक्रिया है,
- लेकिन इसके राजनीतिक मायने बड़े हैं,
- और यही कारण है कि दोनों पक्ष इसे मुद्दा बना रहे हैं।
निष्कर्ष
संसद में बुधवार का दिन पूरी तरह चुनाव सुधारों की बहस और शाह–राहुल की टकराहट पर केंद्रित रहा।
गृह मंत्री अमित शाह ने जहां SIR पर विपक्ष के “झूठ” का आरोप लगाया, वहीं राहुल गांधी ने सरकार को सीधी चुनौती दी।
शीतकालीन सत्र में चुनावी पारदर्शिता, मतदाता सूची, और SIR प्रक्रिया पर यह बहस आने वाले दिनों में और तेज होने की संभावना है।



