
तिरुवनंतपुरम: केरल में निपाह वायरस संक्रमण की आशंका एक बार फिर गहराती दिखाई दे रही है। राज्य के पलक्कड़ जिले में 57 वर्षीय एक व्यक्ति की हालिया मृत्यु ने सार्वजनिक स्वास्थ्य तंत्र को सतर्क मोड में ला दिया है। प्रारंभिक जांच में निपाह वायरस संक्रमण के संकेत मिलने के बाद राज्य सरकार ने हाई अलर्ट जारी कर दिया है और स्वास्थ्य निगरानी बढ़ा दी गई है।
स्वास्थ्य मंत्री वीणा जॉर्ज ने सोमवार को पुष्टि की कि मृतक का नमूना मंजेरी मेडिकल कॉलेज लैब में परीक्षण के लिए भेजा गया था, जहां संक्रमण के शुरुआती संकेत मिले हैं। अब पुष्टि के लिए सैंपल को पुणे स्थित राष्ट्रीय विषाणु विज्ञान संस्थान (NIV) भेजा गया है।
स्थिति की गंभीरता: दूसरा संदिग्ध मामला, एक मरीज अस्पताल में भर्ती
यह घटना केरल में हालिया दिनों में निपाह वायरस से संबंधित दूसरी संदिग्ध मृत्यु है। इससे पहले मलप्पुरम जिले में एक व्यक्ति की निपाह संक्रमण से मृत्यु हो चुकी है।
वहीं, पलक्कड़ जिले में एक अन्य संक्रमित मरीज वर्तमान में अस्पताल में उपचाराधीन है। उसकी हालत भी गहन निगरानी में है।
संपर्क ट्रेसिंग और निगरानी उपाय: 46 प्राथमिक संपर्कों की पहचान
राज्य सरकार ने स्थिति को नियंत्रण में रखने के लिए संपर्क ट्रेसिंग अभियान तेज़ कर दिया है:
- मृतक के 46 प्राथमिक संपर्कों की पहचान की गई है।
- निगरानी हेतु CCTV फुटेज और मोबाइल टावर लोकेशन डेटा का उपयोग किया गया है।
- इन सभी व्यक्तियों को होम आइसोलेशन में रखा गया है और लगातार चिकित्सकीय परीक्षण जारी है।
- स्थानीय स्वास्थ्य टीमें बुखार और फ्लू जैसे लक्षणों की डोर-टू-डोर निगरानी कर रही हैं।
अस्पतालों के लिए दिशा-निर्देश और ज़िला अलर्ट
स्वास्थ्य विभाग ने छह ज़िलों में निपाह वायरस हाई अलर्ट घोषित किया है:
अलर्ट जिले:
- पलक्कड़
- मलप्पुरम
- कोझिकोड
- त्रिशूर
- वायनाड
- कन्नूर
सभी सरकारी और निजी अस्पतालों को निर्देशित किया गया है कि:
- किसी भी मरीज में एन्सेफलाइटिस, तेज बुखार, उलझन या तंत्रिका संबंधी लक्षण पाए जाने पर तुरंत रिपोर्ट करें।
- प्रत्येक मरीज के साथ एक ही तीमारदार को अनुमति दी जाए।
- स्वास्थ्यकर्मी, आगंतुक और मरीजों के लिए मास्क पहनना अनिवार्य किया गया है।
- आपातकालीन स्थिति को छोड़कर गैर-ज़रूरी अस्पताल विज़िट टालने की अपील की गई है।
निपाह वायरस: एक घातक संक्रमण
निपाह वायरस (NiV) एक ज़ूनोटिक वायरस है, जो फल खाने वाले चमगादड़ों से मनुष्यों में फैलता है। संक्रमण का प्रसार संक्रमित व्यक्ति से भी हो सकता है। यह वायरस केंद्रीय तंत्रिका तंत्र को प्रभावित करता है और अक्सर घातक साबित होता है।
प्रमुख लक्षण:
- अचानक तेज बुखार
- सिरदर्द और मानसिक भ्रम
- उलझन, मतिभ्रम
- दौरे, बेहोशी, कोमा
मृत्यु दर:
40 से 75 प्रतिशत तक, विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार।
💉 टीकाकरण/इलाज:
अब तक कोई प्रभावी टीका या एंटीवायरल दवा उपलब्ध नहीं है। उपचार केवल लक्षण-आधारित देखभाल और सपोर्टिव थेरेपी पर आधारित है।
सरकार और विशेषज्ञों की नागरिकों से अपील
राज्य स्वास्थ्य विभाग ने नागरिकों से निम्नलिखित सावधानियों का पालन करने की अपील की है:
- गिरे हुए फल न खाएं, खासकर ऐसे फल जिनमें जानवरों के काटने के निशान हों।
- बुखार, सिरदर्द या असामान्य व्यवहार जैसे लक्षण दिखें तो तुरंत निकटतम स्वास्थ्य केंद्र जाएं।
- चमगादड़ या सूअर पालन क्षेत्र से दूरी बनाए रखें।
- बिना मास्क के भीड़-भाड़ वाली जगहों में न न जाएं।
- संक्रमित या संदिग्ध व्यक्ति के संपर्क में न आएं।
- अफवाहों से बचें, केवल सरकारी सूचना स्रोतों पर भरोसा करें।
स्थिति नियंत्रण में, लेकिन सतर्कता अनिवार्य
केरल सरकार ने प्राथमिक स्तर पर तेजी से प्रतिक्रिया करते हुए सार्वजनिक स्वास्थ्य तंत्र को सक्रिय कर दिया है। स्वास्थ्य विभाग, जिला प्रशासन और निगरानी टीमें सामूहिक रूप से काम कर रही हैं। हालांकि अंतिम पुष्टि रिपोर्ट आने तक एहतियात ही सबसे बड़ा हथियार है।
निपाह जैसे गंभीर संक्रमण में सतर्कता, सावधानी और सहयोग से ही स्थिति को नियंत्रित किया जा सकता है। सरकार द्वारा सुझाए गए दिशा-निर्देशों का पालन करना न केवल व्यक्ति, बल्कि पूरे समाज की सुरक्षा के लिए अनिवार्य है।