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देशफीचर्ड

भारत-अमेरिका रिश्तों की नई दिशा: पीएम मोदी से मिले अमेरिकी उपराष्ट्रपति जेडी वेंस, व्यापार समझौते पर केंद्रित रही चर्चा

नई दिल्ली | विशेष संवाददाता  : भारत-अमेरिका संबंधों को नई ऊर्जा देने और रणनीतिक सहयोग को गहराने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कड़ी जुड़ी, जब अमेरिका के उपराष्ट्रपति जेडी वेंस ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से उनके आवास पर मुलाकात की। यह मुलाकात जेडी वेंस की चार दिवसीय भारत यात्रा का अहम हिस्सा है, जिसकी समय-संवेदनशीलता और रणनीतिक पृष्ठभूमि ने इसे और अधिक महत्वपूर्ण बना दिया है।

जेडी वेंस ऐसे समय भारत आए हैं जब अमेरिका की टैरिफ पॉलिसी, विशेषकर राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के संरक्षणवादी रुख, ने वैश्विक अर्थव्यवस्था को प्रभावित किया है। अमेरिका और चीन के बीच चल रहे टैरिफ वॉर के बीच भारत को एक वैकल्पिक व्यापारिक साझेदार के रूप में देखा जा रहा है।

भारत के विदेश मंत्रालय के अनुसार, यह यात्रा “द्विपक्षीय संबंधों की समीक्षा” और “पारस्परिक हितों के क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर विचार-विमर्श” का अवसर प्रदान करती है।

प्रधानमंत्री मोदी और उपराष्ट्रपति वेंस के बीच बातचीत में इन मुद्दों पर विशेष ध्यान केंद्रित रहने की संभावना है:

  • 🇮🇳🤝🇺🇸 प्रस्तावित द्विपक्षीय व्यापार समझौते को अंतिम रूप देना

  • 🌍 भूराजनीतिक परिस्थितियों में रणनीतिक सहयोग

  • 🏗️ टेक्नोलॉजी, रक्षा और बुनियादी ढांचे में निवेश

  • 📉 अमेरिकी टैरिफ नीति का प्रभाव और भारत की चिंताएं

  • 🚀 इनोवेशन और स्टार्टअप्स में सहयोग के नए आयाम

बातचीत के बाद प्रधानमंत्री मोदी ने जेडी वेंस के सम्मान में डिनर का आयोजन भी किया, जिससे यह संकेत मिलता है कि दोनों देशों के बीच संबंधों में गर्मजोशी बनी हुई है।

भारत में अमेरिका के पूर्व राजदूत और भाजपा नेता तरनजीत सिंह संधू ने इस यात्रा को “शुरुआती लेकिन निर्णायक” बताया। उनके अनुसार:

“हर संबंध में जटिलताएं होती हैं, लेकिन चुनौतियों को अवसरों में बदलने का समय यही है। व्यापार एक पहलू है, लेकिन भारत-अमेरिका संबंध इससे कहीं अधिक व्यापक हैं।”

उन्होंने इस बात पर भरोसा जताया कि भारत और अमेरिका के बीच व्यापारिक मसले जल्द सुलझेंगे और यह साझेदारी आने वाले वर्षों में नई ऊंचाइयों तक पहुंचेगी।

  • भारत को अमेरिका से आयात और निर्यात में संतुलन की आवश्यकता है

  • अमेरिकी टैरिफ नीतियों से भारत के टेक्सटाइल, फार्मा और स्टील सेक्टर प्रभावित

  • अमेरिका चाहता है कि भारत अपने बाजार को और अधिक खोले, खासकर तकनीक और कृषि उत्पादों के लिए

यह समझौता यदि सफल होता है, तो दोनों देशों के बीच वार्षिक द्विपक्षीय व्यापार $200 बिलियन के आंकड़े को पार कर सकता है।

जेडी वेंस की भारत यात्रा सिर्फ एक औपचारिक दौरा नहीं, बल्कि यह भारत-अमेरिका संबंधों की नई रूपरेखा का संकेत भी है। रक्षा, व्यापार, तकनीक, जलवायु और वैश्विक राजनीति—इन सभी मोर्चों पर दोनों देशों के साझा हितों की पुष्टि इस मुलाकात में हुई है।

अब निगाहें इस बात पर टिकी हैं कि प्रस्तावित व्यापार समझौता कितनी तेजी से आकार लेता है और क्या यह साझेदारी वैश्विक मंच पर नई मिसाल कायम कर सकती है।

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