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नई दिल्ली : सहकारी चुनाव प्राधिकरण प्रतिबद्ध है कि हमारी चुनावी प्रक्रिया स्वतंत्र, निष्पक्ष और पारदर्शी हो – केंद्रीय सहकारिता सचिव डॉ. आशीष कुमार भूटानी

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केंद्रीय सहकारिता सचिव डॉ. आशीष कुमार भूटानी ने आज नई दिल्ली में सहकारी चुनाव प्राधिकरण के प्रथम स्थापना वर्ष पर मुख्य अतिथि के रूप में संबोधित किया। इस अवसर पर सहकारी चुनाव प्राधिकरण (सीईए) के अध्यक्ष  देवेंद्र कुमार सिंह, सहकारी समितियों के केंद्रीय रजिस्ट्रार रबींद्र कुमार अग्रवाल, सीईए के उपाध्यक्ष  आर के गुप्ता, सहकारिता मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी तथा बहु-राज्य सहकारी समितियों के प्रमुख और प्रतिनिधि उपस्थित थे।

अपने संबोधन में केंद्रीय सहकारिता सचिव डॉ. आशीष कुमार भूटानी ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व और गृह एवं सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह के मार्गदर्शन में चीजें निश्चित रूप से सही दिशा में आगे बढ़ रही हैं। उन्होंने कहा कि संसद द्वारा बहु-राज्य सहकारी समितियां (संशोधन) अधिनियम 2023 पारित होने के बाद सहकारी चुनाव प्राधिकरण (सीईए) का गठन किया गया था। उन्होंने कहा कि यह एक बहुत ही व्यापक संशोधन था और इसके संशोधन की प्रक्रिया को 12 वर्षों से अधिक का समय लगा । डॉ. भूटानी ने कहा कि सीईए का गठन सहकारी समिति के सदस्यों के लोकतांत्रिक नियंत्रण के मूल सहकारी सिद्धांत की रक्षा के लिए किया गया है। उन्होंने कहा कि प्राधिकरण सहकारी समितियों में पारदर्शी तरीके से चुनाव कराने के लिए जिम्मेदार है और सहकारी समितियों में चुनाव आयोजित करते समय पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करते हुए बहु-राज्य सहकारी समितियों में चुनावी प्रक्रिया की देखरेख भी करता है।

डॉ. आशीष कुमार भूटानी ने कहा कि प्राधिकरण निहित स्वार्थों, चुनावों में अस्पष्टता को दूर करने और सहकारी समितियों में नए चेहरों को शामिल करने के लिए है। उन्होंने कहा कि जिला मजिस्ट्रेट और जिला कलेक्टरों की देखरेख में चुनाव आयोजित किए जाने से एक नई शुरुआत हुई है, जिससे चुनाव स्वच्छ हुए हैं और प्रक्रिया में विश्वसनीयता बढ़ी है। सहकारिता मंत्रालय के सचिव ने कहा कि वे सीईए के कार्य के साथ-साथ दायरे का विस्तार करने के लिए कटिबद्ध हैं ताकि आगामी चुनावों को सुचारू रूप से संचालित किया जा सके ।

 

डॉ. भूटानी ने सहकारी चुनाव प्राधिकरण से आग्रह किया है कि वह सहकारी कानून के प्रावधानों के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए हितधारकों और निर्वाचन अधिकारियों के लिए प्रशिक्षण और क्षमता निर्माण कार्यक्रमों पर ध्यान केंद्रित करे। सहकारी समितियों के सदस्यों की सक्रिय भागीदारी से सहकारी समितियाँ सहकारी सिद्धांतों को, विशेषकर चुनाव प्रक्रिया में , प्राप्त कर सकती हैं।

सीईए के अध्यक्ष श्री देवेन्द्र कुमार सिंह ने सहकारी समितियों में लोकतांत्रिक शासन, पारदर्शिता और जवाबदेही को बढ़ावा देने के लिए प्राधिकरण की प्रतिबद्धता दोहराई और कहा कि यह सुनिश्चित करने के लिए अथक प्रयास जारी रहेगा कि हमारी चुनावी प्रक्रियाएं स्वतंत्र, निष्पक्ष और पारदर्शी हों।

सिंह ने सहकारिता मंत्रालय को उनके सक्रिय सहयोग के लिए हार्दिक धन्यवाद दिया, जिनके सहयोग और मार्गदर्शन के बिना यह उपलब्धि हासिल करना संभव नहीं था।

सीईए के अध्यक्ष श्री देवेन्द्र कुमार सिंह का मानना ​​था कि अगले वर्ष के दौरान प्राधिकरण विभिन्न राज्य सहकारी चुनाव प्राधिकरणों और विभिन्न राज्यों के निर्वाचन अधिकारियों की सक्रिय भागीदारी और सहायता से 170 से अधिक समितियों के चुनाव कराने की योजना बना रहा है। उन्होंने उपनियमों की जांच के लिए प्रौद्योगिकी का उपयोग करने का सुझाव दिया ताकि उपनियमों के असंगत प्रावधानों पर रोक लगाई जा सके। उन्होंने राज्य सहकारी चुनाव प्राधिकरणों के साथ सहयोग विकसित करने का भी सुझाव दिया। इस अवसर पर तमिलनाडु और कर्नाटक राज्य सहकारी चुनाव प्राधिकरण के अध्यक्ष उपस्थित थे।

सीईए स्वयं को मजबूत करने और विकसित करने की प्रक्रिया में है। प्राधिकरण ने 137 से अधिक समितियों के लिए चुनाव कार्यक्रम जारी किए हैं और सहकारी चुनाव प्राधिकरण की देखरेख में निदेशक मंडल और पदाधिकारियों के लिए 100 चुनाव सफलतापूर्वक आयोजित किए गए हैं।

आज के दिन सहकारी चुनाव प्राधिकरण अपना पहला वार्षिक दिवस मना रहा है, जो सहकारी समितियों के चुनाव में लोकतांत्रिक शासन और पारदर्शिता को बढ़ावा देने की अपनी यात्रा में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है । सहकारी चुनाव प्राधिकरण को बहु-राज्य सहकारी समितियों के स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव कराने के लिए 11 मार्च, 2024 को अधिसूचित किया गया था। वर्तमान में प्राधिकरण में तीन सदस्य हैं।

 

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