ईरान-इजरायल युद्ध पर खामेनेई का तीखा हमला: “ज़ायोनिस्ट शासन ढह चुका, अमेरिका को मारा तमाचा”

तेहरान: ईरान-इजरायल युद्ध के बीच ईरान के सुप्रीम लीडर अयातुल्ला अली खामेनेई ने गुरुवार को पहली बार देशवासियों को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने इजरायल और अमेरिका पर तीखे शब्दों में निशाना साधते हुए अपनी सरकार की सैन्य रणनीति को “विजयी” बताया। खामेनेई ने इसे “झूठे यहूदियों के शासन पर ऐतिहासिक जीत” करार दिया और कहा कि “हमने अमेरिका के मुंह पर तमाचा मारा और ज़ायोनिस्ट शासन को बूट से कुचल दिया।”
एक्स (पूर्व ट्विटर) पर दी तीखी प्रतिक्रिया, पोस्ट की प्रतीकात्मक AI इमेज
सुप्रीम लीडर खामेनेई ने एक्स (पूर्व ट्विटर) पर एक पोस्ट में लिखा, “मैं ईरान के महान राष्ट्र को दो बधाइयाँ देना चाहता हूं— पहली, नकली ज़ायनिस्ट शासन पर जीत के लिए और दूसरी, अमेरिका के चेहरों पर तमाचा मारने के लिए।” साथ ही उन्होंने इजरायल को कुचलते हुए प्रतीकात्मक एआई इमेज भी पोस्ट की, जिसमें एक बूट ज़ायोनिस्ट प्रतीकों को रौंदता दिखाया गया।
अमेरिका पर भी कसा तंज, कहा – “युद्ध से कुछ हासिल नहीं कर पाया”
अपने संबोधन में खामेनेई ने अमेरिका पर भी हमला बोलते हुए कहा, “अमेरिकी शासन इस युद्ध में सिर्फ इसलिए कूदा क्योंकि उसे डर था कि ज़ायनिस्ट शासन पूरी तरह नष्ट हो जाएगा। लेकिन वह भी कुछ हासिल नहीं कर सका।” उन्होंने आगे लिखा, “इस्लामी गणराज्य न केवल इस युद्ध में डटा रहा बल्कि अमेरिका को उसकी गलतफहमी का करारा जवाब दिया।”
जलते हुए अमेरिकी झंडे की फोटो के साथ दिया बयान
खामेनेई ने एक अन्य पोस्ट में अमेरिका के जलते हुए झंडे की एआई इमेज साझा करते हुए लिखा, “हमने कभी किसी के अधिकार का उल्लंघन नहीं किया, और न ही किसी को हमारे अधिकारों का हनन करने देंगे। हम किसी अत्याचार के सामने झुकने वाले नहीं हैं। यही ईरानी राष्ट्र का तर्क है।”
बयान की पृष्ठभूमि में युद्ध की नई स्थिति
ईरान और इजरायल के बीच हालिया टकराव के बाद यह बयान उस समय आया है जब पश्चिम एशिया में तनाव अपने चरम पर है। अंतरराष्ट्रीय समुदाय की निगाहें इस संघर्ष पर बनी हुई हैं, और खामेनेई के तीखे बयान से यह स्पष्ट संकेत मिल रहा है कि ईरान अब खुलकर सैन्य और कूटनीतिक मोर्चे पर मुखर होता जा रहा है।
सुप्रीम लीडर खामेनेई का यह आक्रामक बयान न केवल इजरायल के खिलाफ एक मनोवैज्ञानिक संदेश है, बल्कि अमेरिका को भी एक राजनीतिक चेतावनी के रूप में देखा जा रहा है। इन बयानों के बीच क्षेत्र में हालात और अधिक संवेदनशील हो सकते हैं।