युवती के अपहरण मामले में लापरवाही: इंस्पेक्टर अब्दुल रहमान सिद्दीकी निलंबित, 6 साल पुराने केस में एटीएस की जांच में खुलासा

गाजियाबाद/मेरठ। वर्ष 2019 में मेरठ में हुई एक युवती के अपहरण के मामले में गंभीर लापरवाही बरतने के आरोप में गाजियाबाद में तैनात क्राइम ब्रांच प्रभारी इंस्पेक्टर अब्दुल रहमान सिद्दीकी को निलंबित कर दिया गया है। यह कार्रवाई पुलिस आयुक्त जे. रविंदर गौड द्वारा की गई है।
सिद्दीकी पर आरोप है कि मेरठ के सिविल लाइन थाना प्रभारी रहते हुए उन्होंने अपहृत युवती के परिजनों की शिकायत को नजरअंदाज कर दिया और उनकी ओर से दर्ज कराई गई एफआईआर तक लेने से इनकार कर दिया।
छांगुर बाबा गैंग से जुड़ा है मामला
मामले से जुड़े आरोपों के अनुसार, वर्ष 2019 में मेरठ निवासी एक युवती को कथित तौर पर छांगुर बाबा गिरोह के एक सदस्य बदर अख्तर सिद्दीकी द्वारा अगवा किया गया था। युवती के परिजनों ने इस संबंध में सिविल लाइन थाने में तहरीर दी थी, परंतु तत्कालीन थाना प्रभारी अब्दुल रहमान सिद्दीकी ने न केवल शिकायत दर्ज करने से इनकार किया, बल्कि परिजनों को कथित रूप से थाने से फटकारकर भगा दिया।
एटीएस की जांच में खुली पुरानी लापरवाही
हाल ही में एटीएस (एंटी टेररिस्ट स्क्वॉड) द्वारा की गई एक जांच के दौरान यह तथ्य सामने आया कि छांगुर बाबा, जो वर्तमान में एटीएस की हिरासत में है, से पूछताछ के बाद वर्ष 2019 की युवती के अपहरण की फाइल दोबारा खोली गई।
एटीएस ने इस संबंध में एसएसपी मेरठ को पत्र लिखकर विस्तृत जानकारी मांगी थी। जांच में यह पाया गया कि तत्कालीन थाना प्रभारी ने प्राथमिक जांच, एफआईआर पंजीकरण और संवेदनशील कार्रवाई में गंभीर लापरवाही बरती थी।
आदेश जारी, विभागीय जांच शुरू
पुलिस आयुक्त जे. रविंदर गौड ने अब्दुल रहमान सिद्दीकी को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है, और मामले की विभागीय जांच शुरू कर दी गई है। उच्च अधिकारियों के अनुसार, लापरवाही से जुड़ी अन्य जिम्मेदारियों की भी समीक्षा की जाएगी।
कौन है छांगुर बाबा?
छांगुर बाबा एक विवादित कथित बाबा है, जिस पर संगठित आपराधिक गतिविधियों, महिला शोषण और अपहरण जैसे संगीन आरोप हैं। वर्तमान में वह एटीएस की हिरासत में है, जहां उससे कई मामलों में पूछताछ चल रही है। माना जा रहा है कि उसका नेटवर्क कई जिलों और राज्यों तक फैला हुआ है।