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धराली आपदा: वायुसेना का मिशन जारी, अब तक 206 तीर्थयात्री सुरक्षित देहरादून पहुँचे

चिनूक, एमआई-17 और चीता हेलीकॉप्टर की मदद से राहत—मुख्यमंत्री धामी की निगरानी में रेस्क्यू ऑपरेशन तेज

देहरादून/उत्तरकाशी, 10 अगस्त 2025 (सू.वि.) उत्तराखंड के उत्तरकाशी ज़िले के धराली क्षेत्र में हाल ही में आई भीषण आपदा से फंसे यात्रियों के लिए राहत और बचाव कार्य युद्धस्तर पर जारी है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के दिशा-निर्देशन और सतत मॉनिटरिंग के बीच रविवार को 36 तीर्थयात्रियों को भारतीय वायुसेना के चिनूक, एमआई-17 और चीता हेलीकॉप्टरों के ज़रिए हर्षिल से देहरादून के जौलीग्रांट एयरपोर्ट सुरक्षित पहुंचाया गया।

जिलाधिकारी सविन बंसल के नेतृत्व में जिला प्रशासन, एसडीआरएफ, पुलिस और सेना के जवान चौबीसों घंटे राहत कार्य में जुटे हैं। अब तक कुल 206 यात्रियों को उत्तरकाशी से सुरक्षित जौलीग्रांट एयरपोर्ट पहुंचाकर उनके गंतव्य के लिए रवाना किया जा चुका है


मुख्यमंत्री की सख्त निगरानी, रेस्क्यू में कोई ढिलाई नहीं

मुख्यमंत्री धामी ने स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि राहत एवं बचाव कार्य में किसी प्रकार की कमी नहीं रहनी चाहिए। उन्होंने कहा—“यह समय हमारे सामूहिक प्रयास का है। हर एक फंसे हुए यात्री और स्थानीय नागरिक को सुरक्षित स्थान पर पहुँचाना सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है।”

मुख्यमंत्री लगातार अधिकारियों के साथ ग्राउंड रिपोर्ट ले रहे हैं और मौसम व लॉजिस्टिक्स को देखते हुए एयर रेस्क्यू की रफ़्तार बढ़ाने के निर्देश दे रहे हैं।


एयरपोर्ट पर राहत प्रबंधन

जौलीग्रांट एयरपोर्ट पर एसडीएम डोईवाला अपर्णा ढौंढियाल, खंड विकास अधिकारी सोनम गुप्ता, तहसील और ब्लॉक के दर्जनों अधिकारी एवं कर्मचारी यात्रियों की सहायता में तैनात हैं। यात्रियों को एयरपोर्ट पर प्राथमिक चिकित्सा, भोजन और पानी उपलब्ध कराया जा रहा है, साथ ही उनके घर या अगले गंतव्य तक पहुँचने के लिए परिवहन की व्यवस्था भी सुनिश्चित की जा रही है।


धराली में निरंतर राहत सामग्री की आपूर्ति

धराली और आसपास के प्रभावित इलाकों में राहत सामग्री लगातार भेजी जा रही है। इसमें भोजन, पीने का पानी, दवाइयाँ, कंबल और दैनिक उपयोग की आवश्यक वस्तुएँ शामिल हैं। हेलीकॉप्टरों से न केवल यात्रियों को निकाला जा रहा है, बल्कि वापसी में प्रभावित गांवों के लिए आवश्यक सामग्री भी भेजी जा रही है।


आगे की चुनौती और तैयारी

प्रशासन के सामने अभी भी चुनौती है कि सभी फंसे हुए यात्रियों को जल्द से जल्द सुरक्षित निकाला जाए, विशेषकर उन दूरस्थ स्थानों से जहाँ सड़क मार्ग बुरी तरह क्षतिग्रस्त है। मौसम विभाग की चेतावनी को देखते हुए रेस्क्यू टीमों को अतिरिक्त संसाधन मुहैया कराए जा रहे हैं।

जिलाधिकारी सविन बंसल ने बताया—“हमारी कोशिश है कि किसी भी सूरत में एक भी व्यक्ति संकट में न रहे। टीमों को ज़मीन और हवा, दोनों रास्तों से मिशन मोड में लगाया गया है।”


मानवीय संवेदना का उदाहरण

धराली आपदा ने एक बार फिर यह दिखा दिया है कि संकट की घड़ी में प्रशासन, सेना और स्थानीय लोग एकजुट होकर किस तरह काम करते हैं। वायुसेना के पायलटों की त्वरित कार्रवाई, ज़मीनी स्तर पर प्रशासन की चुस्ती और मुख्यमंत्री के नेतृत्व में लिए जा रहे तेज़ निर्णय इस मिशन की रीढ़ साबित हो रहे हैं।

धराली आपदा से फंसे यात्रियों का रेस्क्यू ऑपरेशन अभी जारी है, लेकिन अब तक की उपलब्धियां राहत देने वाली हैं। 206 लोग सुरक्षित अपने घरों या अगले गंतव्य तक पहुंच चुके हैं और उम्मीद है कि आने वाले दिनों में शेष सभी फंसे लोग भी सुरक्षित निकाल लिए जाएंगे। यह राहत अभियान न केवल प्रशासनिक क्षमता का उदाहरण है, बल्कि मानवीय संवेदना और सामूहिक प्रयास की मिसाल भी है।

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