
नई दिल्ली: कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय ने शुक्रवार को सुषमा स्वराज भवन में “एग्री स्टैक पर राष्ट्रीय सम्मेलन: डेटा की डिलीवरी में तब्दीली” का आयोजन किया। इस सम्मेलन में केंद्र और राज्यों के वरिष्ठ अधिकारियों ने डिजिटल कृषि मिशन के तहत एग्री स्टैक की प्रगति, चुनौतियों और भविष्य की कार्ययोजना पर मंथन किया।
कृषि सचिव श्री देवेश चतुर्वेदी ने उद्घाटन भाषण में पारदर्शी और किसान-केंद्रित गवर्नेंस के लिए प्रौद्योगिकी के उपयोग की सरकार की प्रतिबद्धता दोहराई। उन्होंने राज्यों से किसान रजिस्ट्री को भूमि रिकॉर्ड से जोड़ने और योजना लाभार्थियों की पहचान के लिए डिजिटल डेटासेट के इस्तेमाल की अपील की।
सम्मेलन में पीएम-किसान, पीएमएफबीवाई, केसीसी जैसी योजनाओं के साथ किसान आईडी एकीकरण पर जोर दिया गया। जियोरेफरेंसिंग, डेटा क्वालिटी और यूएफएसआई मानकों के अनुपालन को लेकर भी विस्तृत चर्चा हुई।
प्रमुख घोषणाएं:
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4 राज्यों (महाराष्ट्र, केरल, बिहार, ओडिशा) के साथ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर।
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पब्लिक सेक्टर बैंकों के साथ किसान डेटा साझाकरण के लिए गठजोड़।
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6000 करोड़ रु. की विशेष केंद्रीय सहायता, जिसमें:
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4000 करोड़ रु. किसान रजिस्ट्री के लिए
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2000 करोड़ रु. डिजिटल फसल सर्वेक्षण हेतु
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प्रस्तुतियां और नवाचार:
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महाराष्ट्र ने किसान नामांकन और AI आधारित सलाह मंच “महाविस्तार AI” प्रदर्शित किया।
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उत्तर प्रदेश ने एग्री स्टैक को MSP खरीद से जोड़ने के प्रयास साझा किए।
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कर्नाटक ने “FRUITS” पोर्टल को बैंकिंग सिस्टम और मृदा स्वास्थ्य कार्ड से जोड़ने की जानकारी दी।
नई सेवाएं लॉन्च:
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डिजिटल वेरिफाइड सर्टिफिकेट (DVC) आधारित किसान पहचान पत्र, जिससे किसान सुरक्षित रूप से अपनी भूमि और फसल की जानकारी साझा कर सकेंगे।
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एकीकृत शिकायत निवारण पोर्टल: OTP आधारित लॉगिन, बहुभाषी सपोर्ट और ऑडियो अपलोड जैसी सुविधाओं से लैस।
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AI चैटबॉट (Google Gemini पर आधारित): किसानों के सवालों का मल्टी-लैंग्वेज सपोर्ट में जवाब देने में सक्षम।
सम्मेलन का समापन खुले संवाद के साथ हुआ, जिसमें राज्यों से सुझाव और अनुभव साझा करने को प्रोत्साहित किया गया। उप सलाहकार श्री अनिंद्य बनर्जी ने धन्यवाद प्रस्ताव में राज्यों के सहयोग और साझा विजन की सराहना की।